मुठभेड़ की कहानी एएसपी क्राइम की जुबानी: 14 पुलिस अधिकारी, चार डकैत, सवा दो घंटे में चलीं एक सैकड़ा गोलियां, तब पकड़ा गुड्‌डा

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ग्वालियर7 मिनट पहले

जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में घायल पड़ा डकैत गुड्‌डा

  • घाटीगांव के भंवरपुरा के बसोटा के जंगल में मिली सफलता

ग्वालियर-चंबल अंचल में दशहत का पर्याय बन चुका इनामी डकैत गुड्‌डा गुर्जर की मूवमेंट की लोकेशन ग्वालियर के घाटीगांव-भंवरपुरा में मिली थी। मैं (ASP क्राइम राजेश दंडौतिया) अपनी टीम के चुनिंदा 14 ऑफिसर के साथ बसोटा के जंगल में पहुंचा। शाम के समय हल्का सा अंधेरा होने को था। तभी हमारा सामना इनामी डकैत गुड्‌डा गुर्जर की गैंग से हो गया। मैंने और मेरे साथियों ने तत्काल अपनी लोकेशन लेकर घेराबंदी की। अभी हम कुछ समझ पाते कि तभी डकैतों की ओर से पुलिस टीम पर फायर होता है।

टीम तत्काल अलर्ट पॉजिशन में आती है। इसके बाद पुलिस की टीम ने भी गोलियां चलाना शुरू किया। करीब सवा दो घंटे पुलिस की डकैत गुड्‌डा से सीधी मुठभेड़ चलती रही। करीब 100 गोलियां दोनों ओर से चलीं। इसी बीच एक गोली डकैत गुड्‌डा के पैर में लगी। इसके बाद उसके साथी भाग गए। पुलिस ने सर्चिंग की तो गुड्‌डा लंगडा़ते हुए दिखा तो उसे गिरफ्तार किया गया। (जैसा कि एनकाउंटर करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया ने दैनिक भास्कर को बताया)

बसोटा के जंगल में इस तरह पकड़ा गया डकैत

बसोटा के जंगल में इस तरह पकड़ा गया डकैत

किसी राजेन्द्र की हत्या करने आया था गुड्‌डा
– सीएम शिवराज सिंह ने अंचल से डकैत गुड्‌डा के सफाया के निर्देश दिए तो गुड्‌डा जंगल में गुम हो गया था। पर दो दिन से उसका मूवमेंट मुरैना बॉर्डर से लगे भंवरपुरा-घाटीगांव की सीमा में होने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। पुलिस को यह भी पता लगा था कि बसोटा के पास किसी राजेन्द्र गुर्जर की हत्या करने गुड्‌डा आया था। राजेन्द्र से पंचायत चुनाव के दौरान से रंजिश थी। पुलिस के लिए यही सही मौका था। एसएसपी अमित सांघी के अवकाश पर होने के चलते एडीजी डी श्रीनिवास ने एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया को पूरे ऑपरेशन की कमान सौंपी। एएसपी क्राइम राजेश ने डीएसपी क्राइम ऋषिकेश मीणा, डीएसपी रत्नेश तोमर, थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच दामोदर गुप्ता सहित चुनिंदा 14 जवान व अफसर की टीम के साथ घेराबंदी कर दी। उसके अलावा भंवरपुरा, घाटीगांव, तिघरा, मोहना थाना की टीम अलग से घेराबंदी में लगी थीं। क्राइम ब्रांच की टीम के हाथ डकैत लग गया।
आखिर तक हार नहीं मान रहा था गुड्‌डा
– एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया ने बताया कि जब उन्होंने डकैत को घेर लिया तो उसे सरेंडर करने के लिए कहा। पर उसकी तरफ से जवाब में गोली आई। उसके फायर करते ही हमारी टीम अलर्ट हो गई। इसके बाद सवा दो घंटे तक जंगल गोलियों की आवाज से गूंज उठा। पुलिस ने 60 गोलियां चलाई तो डकैत गुड्‌डा की ओर से लगभग 35 से 40 गोलियां चली हैं। आखिर तक डकैत हार मानने को तैयार नहीं थे। जब गुड्डा को गोली लगी तो उसके तीन साथी भाग गए। यहीं डकैत गुड्‌डा पुलिस के हाथ आ गया। अब पुलिस पता लगा रही है कि वह राजेन्द्र की हत्या क्यों करना चाहता था।
खामोश रहा गुड्‌डा, कुछ नहीं बोला
– शॉर्ट एनकाउंटर में घायल गुड्‌डा को लेकर पुलिस की टीम जेएएच पहुंची। यहां इलाज के बाद जब डकैत को ट्रॉमा सेंटर के रूम में शिफ्ट किया जा रहा था तो दैनिक भास्कर की टीम ने उसके मुंह पर माइक लगाकर पूछा कि उसे कैसे पकड़ा गया है। पुलिस मुठभेड़ की क्या सच्चाई है, लेकिन इस पर डकैत खामोश रहा और उसने कुछ नहीं कहा।
देखती रह गई मुरैना पुलिस, ग्वालियर ने दिया सीएम को तोहफा
– कुछ दस दिन पहले सीएम शिवराज सिंह ने अंचल में गुड्‌डा की सक्रियता पर नाराजगी जताते हुए उसके सफाया के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुरैना पुलिस हरकत में आई। उसने गुड्‌डा का मकान जमींदोज कर दिया था। लगातार जंगल में सर्चिंग की जा रही थी। पर डकैत गुड्‌डा को लेकर ग्वालियर पुलिस को बड़ी सफलता मिल गई और मुरैना पुलिस देखती रह गई। शुक्रवार 11 नवंबर को फूलबाग पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम का शुभारंभ करने सीएम शिवराज सिंह ग्वालियर आ रहे हैं। उससे पहले डकैत गुड्‌डा को गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया गया है।
23 साल से थी डकैत गुड्‌डा की दहशत
ग्वालियर-चंबल अंचल के जंगल में डकैत गुड्‌डा गुर्जर की बीते 23 साल की दहशत का अंत हुआ है। उस पर तीन हत्या, पांच हत्या के प्रयास सहित 28 डकैती व अपहरण के मामले दर्ज हैं। पर कभी पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई। वह हर बार वारदात कर निकल जाता था। ग्वालियर वारदात करता ताे मुरैना पहुंच जाता और मुरैना में कोई घटना को अंजाम देता तो ग्वालियर की सीमा मंे शरण ले लेता था। जब सीएम शिवराज सिंह ने अंचल के विकास और छवि को खराब करने का जिक्र करते हुए गुड्‌डा के सफाया की बात कही तो पुलिस हरकत में आई है।
अंचल में जिसकी दहाड़ से फैलती थी दहशत, वह पुलिस सुरक्षा में
– जेएएच के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती डकैत की निगरानी में क्राइम ब्रांच के आधा दर्जन जवानों सहित एक दर्जन पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिससे प्रॉपर पर डकैत गुड्‌डा पर निगरानी रखी जा सके। वो बेहद शातिर है और इसलिए उस पर राउंड द क्लॉक दो जवान नजर रखे ही रहेंगे।

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