गुड्डा के पास 275 बोर की रायफल: पुलिस दिखा रही 306 बोर के कारतूस, गुड्डा के भाई के बच्चों सहित पूरे परिवार को भेजा जेल

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मुरैना27 मिनट पहले
पूरे प्रदेश के लिए सिरदर्द बने 60 हजार रुपए के इनामी कुख्यात डकैत गुड्डा गुर्जर को पकड़ने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम रही है। अब, अपनी कमजोरी छिपाने पुलिस निर्दोष लोगों को फंसा रही बताई जा रही है। पुलिस ने गुड्डा की भतीजी प्रीती गुर्जर को उसे कारतूस व रसद पहुंचाने के आरोप में पकड़ा है तथा उसके पास से पुलिस ने जो कारतूस बरामद दिखाए हैं वे 306 बोर की रायफल के हैं, जबकि गुड्डा गुर्जर के पास 275 बोर की रायफल हैं तथा उसके गैंग के सदस्यों के पास 315 की रायफल बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस ने प्रीती गुर्जर के भाई यशवीर गुर्जर उर्फ यश गुर्जर को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक प्रीती गुर्जर की उम्र 19 वर्ष व उसके भाई की उम्र 18 वर्ष हैं। यह दोनों अपने मौसा श्रीकृष्ण गुर्जर, निवासी रामभजन का पुरा,(विंडवा क्वारी) गांव के पास रहते थे। इसके साथ ही पुलिस ने श्रीकृष्ण गुर्जर व गुड्डा डकैत के बड़े भाई पप्पू गुर्जर को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकार पुलिस ने गुड्डा गुर्जर के बड़े भाई पप्पू गुर्जर उसकी बेटी प्रीती, बेटा यशवीर व साड़ू श्रीकृष्ण गुर्जर जिसके यहां दोनों पिछले तीन साल से रहते थे, पूरे परिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मध्यप्रदेश पुलिस के लिए सिरदर्द बना गुड्डा डकैत अब मुरैना पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है, लेकिन मुरैना पुलिस उसे नहीं पकड़ पा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एडीजी राजेश चावला को गुड्डा डकैत को हर हाल में गिरफ्तार करने के आदेश देने के साथ ही सख्त नाराजगी व्यक्त की है, लेकिन मुरैना पुलिस उसे पकड़ तो नहीं पाई उल्टा उसके फेर में निर्दोष लोगों को पकड़ कर जेल में ठूंस रही बताई जा रही है। हद, तो तब हो गई जब पुलिस ने गुड्डा डकैत की कुंआरी भतीजी प्रीती गुर्जर को ही आरोपी बनाकर जेल में ठूंस दिया। इतना नहीं पुलिस ने प्रीती के भाई यशवीर उर्फ यश गुर्जर को भी गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। यह दोनों भाई बहन पिछले तीन साल से अपने मौसा श्रीकृष्ण गुर्जर के यहां रहते बताए जा रहे थे। श्रीकृष्ण गुर्जर का घर मुरैना के सिविल लाइन थानार्न्तगत विंडवा क्वारी गांव के पास मौजूद रामभजन का पुरा में है।

प्रीती गुर्जर पुलिस कस्टडी में
पूरे परिवार को ठूंस दिया जेल में
गुप्त सूत्रों के मुताबिक मुरैना पुलिस की सायबर टीम विंडवा क्वारी गांव के पास मौजूद रामभजन का पुरा में पहुंची। पुलिस ने गुड्डा के बड़े भाई पप्पू गुर्जर के बेटे यशवीर गुर्जर के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था। पप्पू के लड़के यशवीर ने जैसे ही मोबाइल से अपने पिता से सम्पर्क साधा पुलिस ने उसे पकड़ लिया। यशवीर व प्रीती दोनों को पुलिस पकड़ लाई। पुलिस के मुताबिक दोनों भाई बहन 19 से 20 वर्ष के हैं। बहन बड़ी है तथा भाई छोटा है। उसके बाद उनसे मोबाइल से बात करा पुलिस ने पप्पू गुर्जर व उसके साढ़ू व प्रीती गुर्जर के मौसा श्रीकृष्ण गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों को 6 नवंबर 2022 की शाम 4 बजे के लगभग गिरफ्तार किया गया है।

प्रीती गुर्जर से जब्त कारतूस व रसद
बानमोर ने प्रीती गुर्जर के बारे में बताई कहानी
बानमोर पुिलस ने प्रीती गुर्जर को अपने यहां गिरफ्तार करना बताया है। बानमोर पुलिस के मुताबिक पुलिस को पता लगा कि प्रीती गुर्जर सेवा गांव के आगे सूरे का पुरा में मौजूद है तथा वह गुड्डा डकैत से मिलने जा रही है। बानमोर के एसआई पीएस यादव रात्रि गश्त पर थे। उन्हें जैसे ही सूचना मिली वे मौके पर पहुंचे तो प्रीती गुर्जर अकेली जा रही थी। उसके हाथ में एक झोला था। उस झोले को पुलिस ने जब खुलवाया तो उसमें 306 बोर रायफल के कारतूस, 6 पारलेजी बिस्किट के पैकेट, बीड़ी का पैकेट, दालमोठ का पैकेट माचिस का पैकेट, दाल, चावल आदि थे। पुलिस ने प्रीती गुर्जर से जब पूछताछ की तो उसने यह रसद अपने चाचा गुड्डा गुर्जर के देने ले जाना बताया। उस समय 7 नवंबर 2022 की सुबह के 3 बज रहे थे। पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले आई।

पहाड़गढ़ थाना पुलिस की कस्टडी में पप्पू व श्रीकृष्ण गुर्जर
अब, सुनें, पहाड़गढ़ थाना पुलिस की कहानी
पहाड़गढ़ थाना पुलिस के मुताबिक पुलिस ने 8 नवंबर 2022 की अल सुबह दबिश देकर गुड्डा गुर्जर व उसके साढ़ू श्रीकृष्ण गुर्जर को उसके गांव विंडवा क्वारी गांव के पास रामभजन का पुरा स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है।
यह उठ रहे सवाल
1- अगर पुलिस की ही माने तो जब पुलिस ने प्रीती गुर्जर को 7 नवंबर की सुबह 3 से 4 बजे के बीच बानमोर से पकड़ा तो उसके अगले दिन रामभजन का पुरा में पप्पू व उसका साढ़ू श्रीकृष्ण गुर्जर कैसे पहुंच जाएंगे, क्या उन्हें पुलिस द्वारा पकड़े जाने का भय नहीं होगा? जबकि प्रीती व यशवीर गुर्जर रामभजन का पुरा में ही रहते थे।
2-पुलिस ने प्रीती गुर्जर से जो बरामद जो कारतूस दर्शाये हैं वह 306 बोर की रायफल के हैं, जबकि गुड्डा डकैत के पास 275 बोर की रायफल है तथा उसके साथियों के पास 315 बोर की रायफलें बताई जा रही हैं। ऐसे में क्या पुलिस सरकारी खजाने में सेंध नहीं लगा रही है?
3-अगर मान लिया जाए कि गुड्डा डकैत का बड़ा भाई पप्पू व उसका साढ़ू श्रीकृष्ण गुर्जर गुड्डा की मुखबरी करता है। लेकिन क्या कोई पिता ऐसा होगा जो अपनी बेटी को अंधेरी रात में जंगल में अपने भाई को रसद पहुंचाने के लिए भेज देगा। जबकि बानमोर पुलिस के मुताबिक केवल प्रीती गुर्जर ही मौके पर मिली थी तथा उसे ही गिरफ्तार किया था। अगर यह भी मान लिया जाए कि प्रीती गुर्जर कारतूस व रसद पहुंचाने जा रही थी तो उसके छोटे भाई यशवीर उर्फ यश गुर्जर को गिरफ्तार करने का क्या औचित्य है, जबकि उसके खिलाफ तो पुलिस के पास कोई रसद सामग्री नहीं मिली।
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