विदिशा में मनाई गुरूनानक जयंती: निकाली प्रभात फेरी, अखंड पाठ किया, सिख समुदाय के लोगों ने मत्था टेका

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विदिशा38 मिनट पहले

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विदिशा में सिख समुदाय के पहले गुरु गुरु नानक देव का 554 वां प्रकाश पर्व मंगलवार को हषोल्लास के साथ जिले भर में मनाया गया। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। गुरू नानक देव ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी। इसलिए ये दिन सिख समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्‍व रखता है।

इस दिन को सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं विदिशा में गुरुद्वारे में दिवाली के बाद से चल रही प्रभात फेरी का समापन 6 को हो गया और उसी दिन नगर की क्रीतन निकाला गया था और उसके बाद से अखंड पाठ रख गया जिसका आज समापन हुआ। वही शपथ कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदायों के सदस्य भी अरदास करने पहुंचे।

अरदास के साथ उन्होंने माथा टेका , वही दूसरी ओर सभी राजनीतिक दलों के सदस्य भी मत्था टेकने गुरुद्वारे पहुंचे इसके वाद लंगर का आयोजन किया गया जो देर शाम तक चलता रहा। इसके साथ कड़ा प्रसाद का वितरण हुआ इस अवसर पर ज्ञानी मंजित सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल चावला, सचिव कमलजीत सिंह संधु, कोषाध्यक्ष सचिन आरोरा सहित सिख समाज के लोग मौजूद रहे।

पंजाबी नव युवक संघ के उपाध्यक्ष कपिल कुमार ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने अपने पूरे जीवन को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुखों का भी त्‍याग कर दिया था। वे दूर-दूर तक यात्रा करते हुए लोगों के मन में बसी बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने का काम करते थे और लोगों के जीवन के अंधकार को दूर करके प्रकाशमय बनाते थे। इसलिए उनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते है।

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