फिल्मों में नहीं बर्दाश्त किया जाएगा देवी देवताओं का अपमान: फिल्म को जांचने सेंसर बोर्ड की तर्ज पर धार्मिक समिति का किया जाएगा गठन, हिंदू धर्म पर निशाना साधा तो भेजा जाएगा नोटिस

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Jabalpur
  • Religious Committee Will Be Formed On The Lines Of Censor Board To Examine The Film, Notice Will Be Sent If Hindu Religion Is Targeted

जबलपुरएक घंटा पहले

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बॉलीवुड में बनने वाली फिल्में और सीरियल्स को लेकर कहा हैं कि इसके माध्यम से हमेशा सें ही हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा हैं जो कि अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा, इसलिए अब समय आ गया हैं कि ऐसी फिल्म और सीरियल्स बनाने वाले निर्माता-निर्देशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

जबलपुर में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा हैं कि बॉलीवुड में बनाई जा रही फिल्म और सीरियल्स में हिंदू देवी देवताओं को लगातार अपमान किया जा रहा है। और अपमान का यह सिलसिला भारत में कई दशकों से बॉलीवुड में चला आ रहा है। हिंदू और हिंदुत्व पर निशाना साधकर फ़िल्म बनाने का काम लंबे समय से किया जा रहा है इसलिए अब उन्होंने फैसला किया है कि जिस तरह से सेंसर बोर्ड काम करता है उसी तरह से फिल्मों को जांचने के लिए एक धार्मिक समिति का भी गठन किया जाएगा। जिसमें हिंदू धर्म के जानकार और विद्वानों को रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोई भी फिल्म रिलीज होने से पहले धार्मिक समिति के विद्वान उस फिल्म को देखेंगे और अगर फिल्म में किसी भी तरह से हिंदू धर्म को निशाना साधने जैसे तथ्य या साक्ष्य मिले तो फिर फिल्म बनाने वाले निर्माता-निर्देशक निर्माताओं को नोटिस भेजकर उसमें सुधार करने को कहा जाएगा। शंकराचार्य ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को दो टूक में चेतावनी दी है कि हिंदू धर्म के देवी-देवताओं का अपमान बंद होना चाहिए।

इसके साथ ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने शंकराचार्य की नियुक्ति पर उठाने वाले अखाड़ों को भी खरी खरी सुनाई है शंकराचार्य ने कहा कि स्वर्गीय जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के आदेश के मुताबिक ही शंकराचार्यों की नियुक्ति हुई है जिसमें पूरी तरह से नियमों का पालन किया गया है शंकराचार्य की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाले एक अखाड़े के कुछ लोग हैं जिन्हें किसी भी तरह का ज्ञान नहीं है। शंकराचार्य की नियुक्ति में कभी भी अखाड़े शामिल नहीं होते हैं। लेकिन अब शंकराचार्य की नियुक्ति सर्वसम्मति से हो चुकी है सवाल उठाने वालों का तर्क निराधार है।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button