पलक मुछाल की शादी में परोसे जाएंगे ‘दाल-बाफले’: परिवार ने बताया इंदौर की बेटी को क्यों भाए संगीतकार मिथुन…

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इंदौर2 घंटे पहलेलेखक: संतोष शितोले

इंदौर में जन्मी प्लेबैक सिंगर पलक मुच्छल 6 नवंबर को शादी करने जा रही हैं। उनकी शादी की तैयारी को लेकर दैनिक भास्कर से बात करते हुए परिवार ने बड़ी दिलचस्प बातें बताई। यह भी बताया कि परिवार को पलक के लिए क्यों पसंद आ गए संगीतकार मिथुन।

पलक की शादी बॉलीवुड सिंगर व म्यूजिक कंपोजर मिथुन शर्मा से मुंबई के पांच सितारा होटल में होगी। मां ने बताया कि संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी के प्यारेलाल के यहां से रिश्ता आया था, हमने तुरंत हां कर दी। पलक और उनके परिवार को ऐसा लड़का चाहिए था जो ना ड्रिंक करता हो, ना ही नॉनवेज खाता हो। बस इसीलिए प्यारेलाल के भाई के बेटे मिथुन तुरंत पसंद आ गए।

शादी में शामिल होने जा रहे करीबी रिश्तेदारों ने बताया कि शादी राजस्थानी परंपरा और तौर तरीकों से होगी। पूरे कैंपस को राजस्थानी ट्रेडिशन के हिसाब से ही डेकोरेट कराया जा रहा है। फेरे के बाद मेहमानों को मालवी के मशहूर दाल-बाफले, लड्‌डू परोसे जाएंगे।

पलक मुच्छल सिंगर-कंपोजर मिथुन के 2013 में करीब आई थी।

पलक मुच्छल सिंगर-कंपोजर मिथुन के 2013 में करीब आई थी।

9 साल के अफेयर के बाद शादी
मिथुन ख्यात संगीतकार प्यारेलाल के भतीजे हैं। पलक और मिथुन की नजदीकियां 2013 में आई फिल्म आशिकी-2 से बढ़ने लगी थी। 9 साल के अफेयर के बाद दोनों परिवार ने सहमति से शादी करने का फैसला किया। नजदीकी रिश्तेदारों ने बताया कि रिश्ता खुद प्यारेलाल परिवार की ओर से आया था। हमें जिस तरह का लड़का चाहिए था वो सभी गुण मिथुन और उनके परिवार में हैं। इसलिए पलक और उनके परिवार ने शादी के लिए हां कह दी।

शादी में म्यूजिक और बॉलीवुड हस्तियां
पलक और मिथुन दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते से बेहद खुश हैं। दोनों ही बड़ी बेसब्री के साथ शादी की तैयारियों में जुट गए हैं। म्यूजिक इंडस्ट्री समेत बॉलीवुड इंडस्ट्री की हस्तियां शादी में शिरकत करेंगी। पलक और मिथुन मुंबई में शादी करेंगे। दोनों का रिसेप्शन भी मुंबई में ही रखा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो साल के अंत में कपल हनीमून के लिए काम से थोड़ा ब्रेक लेगा।

पलक के नाम कई रिकॉर्ड्स
पलक का जन्म इंदौर में 30 मार्च 1992 को हुआ था। पलक और उनके छोटे भाई पलाश मुच्छल ने भारत और विदेशों में सार्वजनिक मंच पर गाने गाकर हार्ट पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए फंड इकट्ठा किया। उन्होंने मई 2013 तक ढाई करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा कर 572 बच्चों की जान बचाने के लिए मदद की। इसके लिए पलक का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ और ‘लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज है। भारत सरकार और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है। 2011 में पलक ने हिन्दी फिल्मों में पार्श्व गायिका के रूप में गाना शुरू किया था। उनके एक था टाइगर और आशिकी-2 फिल्मों के गानों की काफी सराहना हुई।

पलक ने शहीदों के परिवारों की मदद की पलक के परिवार में उनकी मां अमिता, पिता राजकुमार मुच्छल और छोटे भाई पलाश मुच्छल हैं। पलक इंदौर के क्विन्स कॉलेज में पढ़ी हैं और चार साल की उम्र में गाना शुरू किया था। उन्होंने हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की है। पलक चार साल की उम्र में ‘कल्याणजी-आनंदजी लिटिल स्टार’ के नवोदित गायकों का इंदौर शहर में एक समूह था, उसकी सदस्य बनीं। 1999 में पलक ने कारगिल में शहीदों के परिवारों की मदद के लिए इंदौर में दुकानों के सामने गाने गाकर फंड एकत्र करना शुरू किया था। उसी साल उड़ीसा चक्रवात की चपेट में आया तब उन्होंने पीड़ितों की सहायता के लिए फंड इकट्ठा किया।

खुद का फाउंडेशन बनाया, खूब मदद की
साल 2000 से पलक ने अपने भाई पलाश के साथ फंड इकट्ठा करने के लिए देश-विदेश में कई आयोजन किए। अपने अभियान से संजोगता बनाते हुए उन्होंने आयोजन का नाम ‘दिल से दिल तक’ रखा। 2001 में पलक ने गुजरात के भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए 10 लाख रुपए इकट्‌ठा किए। जुलाई 2003 में पलक ने पाकिस्तान नागरिक बच्ची की मदद की। बच्ची जो ह्रदय रोग से पीड़ित थी और भारत में इलाज के लिए आई थी। दिसंबर 2006 तक पलक ने अपने धर्माध संगठन पलक मुच्छल हार्ट फाउंडेशन के लिए कुल 1.2 करोड़ की राशि इक्ट्ठा की, जिससे 234 बच्चों का ऑपरेशन हुआ।

पलक का पहला ऐल्बम ‘चाइल्ड फॉर चिल्ड्रन’ पलक बचपन से ही बॉलीवुड में पार्श्व गायिका बनाना चाहती थीं। उन्होंने अपने बचपन और किशोरावस्था के दिनों में छह गैर-फिल्मी संगीत ऐल्बम भी रिलीज किया। 2001 में जब वे 9 साल की थी, तब उनका पहला ऐल्बम ‘चाइल्ड फॉर चिल्ड्रन’ टिप्स म्यूजिक ने रिलीज किया था। 2003 में उनका दूसरा ऐल्बम पलकें भी रिलीज हुआ। इसके बाद उन्होंने ऐल्बम आओ तुम्हें चांद पर ले जाए, बेटी हूं महाकाल की, दिल के लिए भी रिलीज किया। 2011 में टी सीरिज ने उनका ‘जय जय देव गणेश’ रिलीज किया।

सलमान खान को देती हैं अपनी सफलता का श्रेय
​​​​​​​2006 में गायन के लिए बॉलीवुड में किस्मत आजमाने के लिए पलक इंदौर से मुंबई चली गईं। 2011 में उन्होंने हिन्दी फिल्मों की दुनिया में प्लेबैक सिंगर के रूप में कदम रखा। उन्होंने अपना पहला गाना सन 2011 की फिल्म ’दमादम’ के लिए गाया। उन्होंने हिमेश रेशमिया के कंपोजिशन के लगभग हर फिल्म में गाने गाए। 2014 में हिमेश के संगीत निर्देशन में उन्होंने मीका सिंह के साथ फिल्म ‘किक’ के लिए ‘जुम्मे की रात’ गाना गाया जो साल का सबसे बड़ा हिट गाना रहा। बाद में उन्होंने कई हिट गाने गाए।

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