रायसेन में दरगाह शरीफ पर सालाना उर्स कल से: कलेक्टर पेश करेंगे पहली चादर, रात में होंगी कव्वाली

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रायसेन7 घंटे पहले

भोपाल रोड स्थित दरगाह पर 4 नवंबर से सालाना उर्स शुरू होगा। जो 7 नवंबर को कुल की दुआ के साथ समाप्त होगा। कोरोना काल के दो साल बाद यह पहला अवसर है, जब यह उर्स पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। उर्स स्थल पर मेला भी लगेगा और रात में कव्वाली और मुशायरे का दौर भी चलेगा।

उर्स के पहले दिन कलेक्टर अरविंद दुबे के आदेश पर जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से बाबा साहब के दरबार में पहली चादर पेश करेंगे। दरगाह पर पहली चादर चढ़ाने की परंपरा नबाबी रियासत के शासन काल से चली आ रही है। इससे पहले की रियासत के नाजिर पहली चादर चढ़ाते थे। रायसेन की शहंशाहे मालवा हजरत पीर फतेह की दरगाह मजार पर उर्स में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं।

रात में सजेगी कव्वाली की महफिल

दरगाह शरीफ मजार शरीफ परिसर में रात में रंगारंग कव्वाली की महफिल सजेगी। रंगारंग कव्वाली का मुकाबला भी होगा। 4 नवंबर को मुशायरा होगा। जबकि 5 और 6 नवंबर की रात में कव्वालों के बीच मुकाबला होगा, जो एक से बढ़कर कव्वाली पेश करके अपनी फन से लोगों को बांध कर रखेंगे। कव्वाली का कार्यक्रम रात भर चलेगा । 7 नवंबर को कुल की दुआ के साथ उर्स का समापन होगा।

शहर में निकाली चादर पदयात्रा

शहंशाह-ए-मालवा मालवा हजरत बाबा पीर फतेह उल्लाह साहब की मजार पर लगने वाले सालाना उर्स के उपलक्ष्य में सांची रोड स्थित मजार से हर साल की तरह इस साल भी ढोलनगाड़ों डीजों के साथ चादर पोशी पदयात्रा गुरुवार को निकाली गई। यह चादर पदयात्रा इरशाद मामू नेतृत्व में निकाली गई। जो दरगाह शरीफ पहुंचकर समाप्त हुई। जहां मजार पर अकीदत के साथ चादर पेश की गई।

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