MP में ठंड की पहली बारिश 8 नवंबर को: ग्वालियर-चंबल से एंट्री; भोपाल-इंदौर तक रिमझिम के आसार

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भोपालकुछ ही क्षण पहलेलेखक: अनूप दुबे

मध्यप्रदेश के कुछ जिले अगले हफ्ते तक भीग सकते हैं। मौसम वैज्ञानिक अशफाक हुसैन के मुताबिक, अभी दो सिस्टम बन रहे हैं। हिमालय से ठंडी हवाएं आने के कारण तापमान में गिरावट हुई है। दिन और रात के तापमान में मामूली गिरावट अगले एक सप्ताह तक इसी तरह रहेगी।

नया सिस्टम 8 नवंबर को प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में हल्की से मध्यम बारिश करा सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर में रहेगा। यहां पर आधा इंच तक बारिश हो सकती है। इंदौर और भोपाल तक बादल छा सकते हैं। दो दिन तक तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी, उसके बाद फिर तापमान में गिरावट होगी।

इस सीजन पहली बार दिन का पारा 22 डिग्री के नीचे आया
मध्यप्रदेश में ठंड अपना हल्का असर दिखाने लगी है। प्रदेश में मानसून के बाद पहली बार दिन का पारा अधिकांश इलाकों में 30 डिग्री के नीचे आ गया। सबसे कम दिन का तापमान सिवनी में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 7.6 डिग्री से कम रहा। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान नौगांव में 33 डिग्री, उज्जैन, राजगढ़, रतलाम, खरगोन, खंडवा, गुना और धार में 31 से 32 डिग्री के बीच रहा। इसके अलावा प्रदेशभर में दिन का तापमान 30 डिग्री के नीचे रहा। रात का पारा सबसे कम पचमढ़ी और मंडला में 11 डिग्री के नीचे तक चला गया है।

यूपी से बारिश की एंट्री

मौसम वैज्ञानिक हुसैन ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाली हवाएं मैदानी इलाकों में एंट्री करेंगी। इससे पश्चिमी उत्तरप्रदेश में बारिश के आसार बनना शुरू हो जाएंगे। 8 नवंबर तक यह सिस्टम पश्चिमी उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा। इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश से लगे इलाकों में होगा। इस कारण ग्वालियर में सबसे ज्यादा बारिश होने की संभावना है। इंदौर और भोपाल में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी के भी आसार बन सकते हैं।

सिस्टम के जाते ही ठंड बढ़ जाएगी

वैज्ञानिक हुसैन ने बताया कि पाकिस्तान की हवाएं के आने से तापमान में मामूली बढ़ोतरी होती है। इनके जाने के बाद तापमान में गिरावट होती है। इसके बाद ही ठंड अपना असर दिखाना शुरू करेगी। मध्यप्रदेश में अच्छी कड़ाके की ठंड दिसंबर से शुरू होगी। यह करीब तीन महीने फरवरी तक रहेगी।

एक सप्ताह गुलाबी ठंडक

अभी मध्यप्रदेश में एक सप्ताह तक सुबह और शाम ही हल्की ठंडक बनी रह सकती है। रात का पारा 14 के आसपास और दिन का तापमान 30 से 33 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। मौसम में बदलाव 6 नवंबर के बाद मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा।

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि हिमालय में हल्की बर्फबारी हुई है। इसके साथ ही हिमालय से आने वाली हवाएं उत्तर पूर्वी हो गईं। इससे मैदानी इलाकों में हल्की ठंड होने लगी है। इसी का असर मध्यप्रदेश में दिखने लगा है। भोपाल में और हल्की ठंड का एहसास होने लगा है। रात में अभी और तापमान नीचे आएंगे।

इस तरह रहा मानसून का सफर

मध्यप्रदेश में इस बार मानसून की एंट्री समय पर 20 जून को हुई थी। इसके बाद एक सप्ताह तक जमकर बारिश हुई, लेकिन फिर मानसून महाराष्ट्र और एमपी की सीमा पर आकर अटक गया। जुलाई के पहले सप्ताह तक सूखा जैसा रहा। ऐसे में लगा जैसे मानसून रूठ गया है, लेकिन दूसरे सप्ताह के बाद इसने रफ्तार पकड़ी। इसके बाद मध्यप्रदेश में जमकर बारिश शुरू हुई। नदी-नाले उफान पर आ गए।

जुलाई और अगस्त में 17-17 इंच बारिश हुई, तो अक्टूबर में भी 4 इंच तक पानी गिर गया। प्रदेश में मानसून की विदाई तक 51 इंच बारिश हुई। यह सामान्य से 12 इंच ज्यादा रही। बीते 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा पानी गिरा। 2019 में सबसे ज्यादा 53 इंच बारिश हुई थी। मध्यप्रदेश से 14 अक्टूबर को मानसून की विदाई हुई।

13 साल में एक बार सितंबर में विदाई हुई

मध्यप्रदेश में 2010 से अब तक अक्टूबर में ही मानसून की विदाई रही है। सिर्फ पिछले साल 13 साल में एक बार ही ऐसा हुआ, जब यह सितंबर में विदा हुआ। यह साल था 2011, जब 30 सितंबर को मानसून की विदाई हुई थी। मानसून की एंट्री 18 जून को हुई थी। इस दौरान करीब 45 इंच बारिश हुई थी। यह सामान्य से करीब 18% ज्यादा थी। उसके अलावा अब तक सितंबर में कभी मानसून की विदाई नहीं हुई।

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