जिला अस्पताल पहुंची डॉक्टरों की टीम: कायाकल्प अभियान के तहत दौरा किया, गंदगी देख नाराजगी जताई, कमिया दुरुस्त करने के निर्देश दिए

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धार35 मिनट पहले
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धार जिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को जानने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए भोपाल से 2 सदस्यीय टीम जिला अस्पताल पहुंची। टीम ने जिला अस्पताल के वार्डों का बारीकी से निरीक्षण कर दस्तावेजों को खंगाला। टीम ने अस्पताल के अलग-अलग वार्ड का जायजा लिया। कई वार्डों में गंदगी और दीवारों पर जालों को देखकर नाराजगी जाहिर की।
हालांकि यह फाइनल सर्वे नहीं है, यह फाइनल के पहले की तैयारियों का रिव्यू सर्वे है। अस्पताल प्रबंधन ने जिन वार्डों में टीम का सर्वे के होना था उन्हें तो कांच की तरह सजा दिया, लेकिन अस्पताल के कई हिस्सों गंदगी फैली थी जिसकी अस्पताल प्रबंधन ने सूध तक नहीं ली। अस्पताल के मेल सर्जिकल वार्ड के बाहर तीन स्थानों पर सफाई कर्मियों ने कचरे के ठेर लगा दिए थे। जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कायाकल्प की 2 सदस्यीय टीम के डॉक्टर ज्योति सिमलोट और डॉक्टर अभिषेक जिनवाल दोपहर के समय जिला अस्पताल पहुंचे। सबसे पहले डॉक्टरों की टीम ने पीपीटी कक्ष में पहुंची, जहां प्रोजेक्टर के माध्यम से टीम ने पूरे अस्पताल की जानकारी हासिल की।
इसके बाद टीम अस्पताल ने अस्पताल में सर्वे शुरु किया। सबसे पहले टीम के सदस्य मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की जानकारी लेने अस्पताल के किचन में पहुंचे और खाने की गुणवत्ता और अन्य चीजों की जानकारी हासिल की, इसके बाद टीम के सदस्य जिला अस्पताल की पुरानी ब्लीडिंग में संचालित इमरजेंसी ओपीडी में पहुंची, टीम ने आपातकाल में लाए जाने वाले मरीजों की देखभाल और उनके दिए जाने वाले उपचार की जानकारी हासिल की।



ठीक से ग्लब्स नहीं पहन पाई नर्स
अस्पताल में टीम के सदस्यों ने निरीक्षण के दौरान स्टाफ नर्स से ग्लबस को पहनकर दिखाने को कहा जिस पर नर्स काफी देर तक ग्लव्स को पहनती रही। टीम के सदस्यों ने नर्सो का सही से ग्लबस पहनकर बताए। इसके बाद अस्पताल में लगा फायर सिस्टम भी चेक किया गया। काफी समय तक स्टॉफ फायर सिस्टर को दीवार पर से नही निकाल पाया। जिस पर से टीम के सदस्यों ने फायर सिस्टम और स्टॉफ नर्से को सुधार के निर्देश दिए। टीम के साथ जिला अस्पताल का स्टॉफ मौजूद था।
भोपाल से आई टीम के सदस्य एक तरफ तो अस्पताल को मरीजों की मिलने वाली सुविधाओं और उसमें सुधार करने की बात करते रहे, दूसरी और ट्रामा सेंटर में लगी एक्सरे मशीन के खराब होने से मरीजों परेशान होते रहे। दूर-दराज के आए मरीज मशीन सुधारने का घंटो इंतजार करते रहे जिसके बाद स्टॉफ ने मशीन वाले रूम के बाहर मशीन खराब होने की सूचना चस्पा कर दी।
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