जनकपुर में श्रीमद् भागवत कथा: सीताराम दास महाराज ने कहा- पढ़ाई के साथ संस्कार व सत्संग जरूरी
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टीकमगढ़42 मिनट पहले
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जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर जनकपुर गांव में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का चल रहा है। शनिवार शाम 5 बजे से कथा प्रारंभ हुई। कथावाचक बुंदेलखंड पीठाधीश्वर धजरई हनुमान मंदिर के महंत सीताराम दास महाराज ने कहा कि भगवान और संतों की कृपा के बिना ज्ञान नहीं होता है।
रावण चारों वेदों का ज्ञाता होते हुए भी भगवान श्रीराम को नहीं पहचान पाया। कबीरदास आदि संत जो कभी विद्यालय नहीं गए, फिर भी उन्होंने भगवान का साक्षात दर्शन किया। आज भी उनकी एक-एक साखी, दोहा आदि पर बड़े-बड़े विद्धान पीएचडी करते हैं। क्योंकि उनके ऊपर भगवान व उनके संतों की कृपा रहती है। इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ संस्कारों व सत्संग की आवश्यकता है।
महंत सीताराम दास महाराज ने 24 अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि अपने सच्चे भक्तों की रक्षा के लिए हर युग में भगवान ने अवतार लिया है। इस कलियुग में भी निश्चित ही गोमाता की रक्षा के लिए भगवान का अवतार होगा।
सच्ची पुकार पर दौड़े आते हैं भगवान
महाराज ने कहा कि भगवान तो अपने सभी भक्तों की सच्ची पुकार पर दौड़े चले आते हैं। भगवान को भक्ति वाली पुकार भक्त प्रहलाद, भक्त ध्रुव, मीरा, बालाजी महाराज, सबरी की तरह लगाकर तो देखो तो भगवान स्वयं दौड़े चले आएंगे। सिर्फ भक्त का विश्वास अपने भगवान पर पूर्ण रूप से होना चाहिए।
गोमाता पर अत्याचार बंद हो
महाराज ने कहा कि इस कलयुग में भी उन समस्त कलयुगी इंसानों को सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि हर युग में बुराईरूपी शक्तियों का पापी अत्याचारियों का अंत निश्चित हुआ है। इस कलियुग में जो इंसान गोमाता पर अत्याचार कर रहे हैं, उन पापियों का भी अंत निश्चित होगा।
हिंदू जोड़ो अभियान का संकल्प लिया
इस दौरान महंत सीताराम दास महाराज ने कहा कि जिस क्षेत्र के लोग धर्म से वंचित या दूर हैं। वहां मैं स्वयं कथा कहने जाऊंगा। इसमें साउंड सिस्टम से लेकर पांडाल लगवाने का कार्य भी हम करवाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू जोड़ो अभियान तहत जनकपुर में कथा की जा रही है।
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