इंस्टेंट लोन एप से 200 करोड़ का ट्रांजेक्शन: भोपाल में 7 राज्यों से 16 क्रिमिनल्स गिरफ्तार, क्रिप्टो करेंसी से चीन-दुबई भेजा पैसा

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भोपाल27 मिनट पहले
भोपाल साइबर क्राइम ने इंस्टेंट लोन एप से लोन देकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 7 राज्यों से 16 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरोह एप के जरिए शाॅर्ट टर्म लोन देता है। इस दौरान क्लाइंट के मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट एक्सेस कर लेते हैं। लोन नहीं चुकाने की स्थित में गिरोह उन नंबरों पर कॉल कर, अश्लील मैसेज करके बदनाम करते हैं। रिश्तेदारों को फोन कर रिकवरी करने की धमकी देते हैं। जांच में पता चला है कि गिरोह करीब 200 करोड़ का ट्रांजेक्शन क्रिप्टो करेंसी में कर चुके हैं। इनके तार चीन, सिंगापुर, फिलीपींस, दुबई से जुड़ रहे हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम भोपाल को इंस्टेंट लोन एप की शिकायतें मिल रही थीं। इसमें फरियादियों को समय पर लोन न चुका पाने पर कॉल व व्हाट्सअप पर मैसेज के माध्यम से फरियादी का मोबाइल डाटा इस्तेमाल करके ब्लैकमेल कर लोन री-पेमेंट के नाम पर दोगुने पैसे वसूले जा रहे हैं। फरियादी की कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों को कॉल व व्हाट्सअप पर मैसेज कर परेशान किया जा रहा था। शिकायतों पर पुलिस ने एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम ने 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें राजस्थान से 5, गुजरात से 1, कर्नाटक से 1, हरियाणा से 4, उत्तर प्रदेश से 1, महाराष्ट्र से 1 व मध्य प्रदेश से 3 आरोपी हैं, जबकि विदेशी जालसाजों की तलाश की जा रही है।
ब्लैकमेल करने वालों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने एप डेवलपर को भी पकड़ा है। वह धोखाधड़ी के लिए एप बनाता है। गिरोह धोखाधड़ी की राशि फर्जी बैंक खाता खुलवाकर उसमें ट्रांसफर करवाते हैं। ऐसे 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। फरियादियों को कॉल कर गाली गलौज करने वाले और अश्लील वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देने वाले 4 कम्प्यूटर ऑपरेटरों को भी गिरफ्तार किया है।

डीसीपी अमित कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले का खुलासा किया।
ऐसे पकड़ाए: 1 हजार क्रिप्टो करेंसी वॉलेट को तलाशा
डीसीपी ने बताया कि साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने ब्लॉकचेन के आधार पर क्रिप्टो करेंसी का एनालिसिस किया। 1000 से भी अधिक क्रिप्टो करेंसी वॉलेट एड्रेस का एनालिसिस करने पर 56 संदिग्ध वॉलेट एड्रेस को चिन्हित किया गया। जो अलग-अलग देशों से संचालित होते मिले। इसके बाद उस वॉलेट को इस्तेमाल करने वाले की जानकारी जुटाई गई। इसमें एक वॉलेट एड्रेस के आधार पर इस्तेमाल करने वाले की पहचान की गई। उस आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में मिली जानकारी के अनुसार करीब 200 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी और बैंक ट्रांसजेक्शन की जानकारी मिली। उसकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
भारत के बाहर से संचालित हो रहे बैंक खाते
पुलिस की जांच में सामने आया कि जालसाज फरियादियों को ब्लैकमेल करके यूपीआई पेमेंट ऐप के माध्यम से पैसे जमा कराते थे। साइबर क्राइम की टीम ने यूपीआई पेमेंट एप से जानकारी प्राप्त की। पता चला कि पैसा सेविंग, करेंट, कॉरपोरेट बैंक अकाउंट व पेमेंट गेटवे से प्राप्त किया जा रहा है। साइबर क्राइम टीम ने उन बैंक खाता धारकों को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि बैंक खाते टेलीग्राम ऐप पर चीनी नागरिकों को बेच दिया गया है। इस पर साइबर क्राइम टीम ने 100 से भी ज्यादा बैंक खातों की जांच की। इसमें अधिकतर का उपयोग भारत की सीमा के बाहर दुबई व चीन में होना पाया गया।
इन पैसों को भारतीय रुपए से क्रिप्टो करेंसी में बदला गया। उस क्रिप्टो करेंसी को चीन व अन्य देशों के क्रिप्टो करेंसी वॉलेट में भेजा गया। टेलीग्राम एप पर चल रहे लोन एप से संबंधित आरोपियों के डाटा की जांच कर पता चला कि बैंक खाते का उपयोग करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बैंगलोर और दिल्ली भेजा जाता था। इसके बाद उस मोबाइल नंबर को चीन में चलाने के लिए एक मोबाइल एप (.apk file) का उपयोग किया जाता था। इस एप को चीनी नागरिकों द्वारा बनाया गया है, जिससे भारतीय मोबाइल नंबर के डाटा का आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। एप के बारे में ज्यादा जानकारी फोरेंसिक के माध्यम से प्राप्त की जाएगी।
गूगल को पत्र लिखकर एप ब्लॉक कराया
साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल की टीम ने जांच में पाया कि एप गूगल प्ले स्टोर पर है। डाउनलोड करते ही यूजर का डाटा क्रिमिनल्स के पास चला जाता है। इसका गलत इस्तेमाल करके ब्लैकमेल करते हैं। टीम ने गूगल प्ले स्टोर से ऐसे एप हटाने के लिए गूगल को पत्र लिखा। इस तरह साइबर क्राइम ने 10 से भी ज्यादा फर्जी लोन एप को ब्लॉक कराया।
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