बालाघाट में पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम: निर्णय सागर जी और नैगम सागर जी ने कहा- जीवन में संयम के मार्ग पर चलें

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बालाघाट6 घंटे पहले
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शहर के महावीर भवन में शुक्रवार को दिगंबर जैन पंचायत समिति की ओर से अहिंसा, संयम रत्न पिच्छिका परिवर्तन समारोह का आयोजन किया गया। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य, पाठशाला प्रेरक मुनिश्री निर्णय सागर जी महाराज और क्षुल्लक नैगम सागर जी महाराज के चातुर्मास संपन्न होने के बाद अहिंसा और संयम धर्म घोतक पिच्छिका परिवर्तन किया गया।
जैन समाज के अध्यक्ष सुशील जैन, दिगंबर जैन पंचायत समिति के सचिव संजय जैन व उपाध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि हर साल पिच्छिका का परिवर्तन किया जाता है। यह उसी स्थान पर किया जाता है, जहां मुनिश्री का चातुर्मास संपन्न होता है। शुक्रवार को महावीर भवन में सकल जैन समाज व मप्र से विभिन्न स्थानों से आए श्रावकगणों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम हुआ। महाराज श्री ने आशीर्वचन में कहा कि जीवन में संयम के मार्ग पर चलें।

तप करने वालों को मिलती है पिच्छी
मुनिश्री निर्णय सागर महाराज की पुरानी पिच्छी चक्रेश-लता जैन को व क्षुल्लक नैगम सागर जी महाराज की पुरानी पिच्छी वंदना, सार्थक जैन को मिली। मुनिश्री की पुरानी पिच्छी और उन्हें नई पिच्छी देने का सौभाग्य सिर्फ उन्हें ही प्राप्त होता है, जो नियमित पूजा-अर्चना, अभिषेक करते हैं। व्रत-उपवास रखते हैं। रात्रि भोजन, जमी-कंद का का त्याग करते हैं।


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