दीपावली पर शिक्षक ने रांगोली से दिया संदेश: सोशल मीडिया की जंजीरों ने मनुष्य को जकड़ा

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सेगांव44 मिनट पहले
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दीपावली पर शिक्षक संतोष सावनेर ने ईशिका निराले व वैभव निराले के सहयोग से सामाजिक संदेश से जुड़ी रांगोली बनाई। सावनेर ने बताया इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सूचनाओं का आदान-प्रदान करने व नॉलेज बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन वर्तमान पीढ़ी सोशल मीडिया का प्रयोग मनोरंजन, रील्स देखने, गेम खेलने, चैटिंग, लाइक्स, कमेंट्स आदि में कर अपना कीमती वक्त बर्बाद कर रहे हैं। आज की जनरेशन पारंपरिक खेलों से दूर हो गई।
पारंपरिक खेल बच्चों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते है। लेकिन ऑनलाइन खेलों से वे शारीरिक व मानसिक दोनों ही तरह से कमजोर हो रहे है। कई तरह के सर्वे बताते है कि मोबाइल पर ज्यादा गेम खेलने से आंखों व मस्तिष्क पर बुरा असर होता है। मोबाइल ने इंसान को ऐसी लत लगाई है कि उठते-बैठते, जागते-सोते, यहां तक की खाना खाते समय, शौच में, ऑफिस हर जगह उसके बगैर रह नहीं सकता है। उन्होंने रांगोली से दिखाया कि इंसान इस तरह कि जंजीरों में बंध गया है कि बाहर कि दुनिया उसके लिए गौण हो गई। रिश्ते-नाते, दोस्त सब संबंध मोबाइल तक रह गए हैं। अब पुस्तक पढ़ना केवल परीक्षा पास करने तक सीमित हो गया है।
कोई अब ज्ञान प्राप्ति के लिए नहीं पढ़ता है। इंसान अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं कर रहा। बस सोशल मीडिया का गुलाम बनकर रह गया है और कठपुतली के जैसे नाच रहा है। हमें समझना होगा कि हम किस ओर जा रहे हैं।
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