वैक्सीनेशन से लोग दूर: एक्सपायरी डेट से पहले कार्बोवैक्स और कोवैक्सीन के 10 हजार से ज्यादा बूस्टर डोज भेजे रतलाम

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देवास26 मिनट पहले

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काेराेना की रफ्तार कम हाेने के साथ ही लाेग वैक्सीनेशन से भी दूर हाे गए हैं। बुजुर्ग, युवाओं के बाद बच्चाें के लिए भी वैक्सीन आई और कई बच्चाें काे लग भी गई है। भाेपाल से देवास जिले के लिए दाे बार 12-14 साल की उम्र तक के बच्चाें के लिए कार्बाेवैक्स की खेप भेज दी थी। स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर स्कूल और आंगनवाड़ी के साथ ही शाला त्यागी बच्चाें काे भी कार्बाेवैक्स का दूसरा डाेज लगा दिया, फिर भी वैक्सीन बच गई। एक्सपायरी डेट से पहले देवास से कार्बाेवैक्स और काेवैक्सीन के 10 हजार से ज्यादा डाेज रतलाम जिले के लिए भेज दिए हैं। इनमें से 1200 डाेज काेवैक्सीन के और शेष कार्बाेवैक्स के हैं।

देवास जिले की तरह आगरा-मालवा जिले में भी 12-14 साल की उम्र वाले बच्चाें का दूसरा बूस्टर डाेज की खेप दाे बार पहुंच गई थी। आगर-मालवा जिले ने शाजापुर जिले काे बची डाेज पहुंचाई है। डाेज एक्सपायर हाेने से किसी काम के नहीं रहते इसलिए दूसरे जिले में भेजे गए हैं। प्रदेश के सभी जिले में प्रथम, दूसरा, बूस्टर और बच्चाें काे लगने वाले वैक्सीन का चार्ट सभी काे पाेर्टल पर 24 घंटे दिखता है। जहां भी कम-ज्यादा डाेज की जरूरत हाेती, संभाग स्तर पर उन जिले में इंतजाम करवाया जाता है।

प्रथम 11.15 लाख, दूसरा 11.36 लाख, बूस्टर 2.59 लाख काे लगा
जिले में अब तक वैक्सीन के कुल 27 लाख 74 हजार 872 डोज लगाए जा चुके हैं। पहला 11 लाख 15 हजार 251, दूसरा डाेज 11 लाख 36 हजार 483 काे लगा दिया है। बूस्टर डाेज मात्र 2 लाख 59 हजार 627 लाेगों ने ही लगवाया है। पाॅजिटिव मरीजाें की संख्या कम हाेने पर लाेगों में काेराेना का डर खत्म हाे गया, इसलिए बूस्टर के लिए काेई आगे नहीं आ रहा है। शासकीय अधिकारी-कर्मचारियाें ने शासन के आदेश पर बूस्टर डाेज लगा लिए, लेकिन आमजनाें ने दूरी बना रखी है। जिले में 15 से 17 वर्ष के 94 हजार 296 ने पहला और 80 हजार 211 ने दूसरा डाेज लगवाया, 12 से 14 वर्ष की आयु के 56 हजार 715 बच्‍चों को पहला व 32 हजार 289 बच्‍चों को दूसरा डोज लगा है।

बूस्टर डाेज 5 हजार शेष, बाकी भेज दिए
हमारे पर स्टाॅक में करीब 5 हजार बूस्टर डाेज हैं। एक्सपायरी डेट से पहले रतलाम भेज दिए थे, जाे बच्चांे काे लग भी गए हैं। मरीज सामने नहीं अाने से लाेगाें में रूचि कम हाे गई है। सभी काे बूस्टर डाेज लगवाना चाहिए। –
डाॅ. सुनील तिवारी, जिला टीकाकरण अधिकारी, देवास

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