टूटेगी 150 साल पुरानी परंपरा: दिवाली के दूसरे नहीं तीसरे दिन सराफा बाजार में लगेगी सब्जी मंडी

[ad_1]
नीमचएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक

दीपावली पर इस बार 150 साल पुरानी परंपरा टूटेगी। सूर्यग्रहण के चलते दीपावली के अगले दिन यानी आज 25 अक्टूबर को शहर के सराफा के बाजार में सब्जी मंडी नहीं लगेगी बल्कि तीसरे दिन 26 अक्टूबर को लगेगी। उसी दिन गोवर्धन पूजा व अन्नकूट होगा।
इस बार ग्रहण का असर शाम तक बना रहने से मंदिरों में होने वाल अन्नकूट दीपावली दूसरे दिन नहीं मनाया जा रहा है। इसको लेकर फुटकर सब्जी व्यापारियों ने भी यह निर्णय लेते हुए परंपरा में परिवर्तन किया है। शहर में तिलक मार्ग घंटाघर स्थित मुख्य सराफा बाजार में 150 साल से सब्जी मंडी लगने की परंपरा का निर्वहन हो रहा है। इसके निर्वहन के खातिर सराफा व अन्य व्यापारी सब्जी बाजार लगाने के लिए तैयार रहते हैं और उन्हें सहयोग करते हैं। कोरोना काल में भी यह मंडी चली थी क्योंकि उस वक्त संक्रमण का असर कम रहा था।
सालों पुरानी परंपरा इस बार कुछ परिवर्तन के साथ निर्वहन होगी। इसमें दीवाली के दूसरे दिन के बजाए तीसरे दिन सब्जी बाजार लगाने का निर्णय फुटकर सब्जी विक्रेता संघ द्वारा लिया गया है। क्योंकि दूसरे दिन 25 अक्टूबर को ग्रहण के कारण मंदिर बंद रहेंगे और अन्नकूट का आयोजन नहीं होगा सर्राफा एसोसिएशन ने भी उस दिन बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। इस कारण दूसरे दिन बाजार में सन्नाटा रहेगा। न सब्जी बिकेगी न सोना-चांदी की दुकानें खुलेगी।
व्यापारियों ने बताया कि सालों पुरानी इस परंपरा में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक दिन बाद बाजार बंद करना पड़ा है। इस बाजार की खासियत है कि पड़वा पर सर्राफा बाजार की सब्जी मंडी में बिना किसी मोलभाव के सब्जियों की खरीदारी होती है।
नगरपालिका के साथ सराफा कारोबारी भी अस्थायी सब्जी मंडी या एक दिन की मंडी के लिए सब्जी विक्रेताओं को स्थान मुहैया कराते हैं। परंपरा के निर्वहन के लिए सब्जी विक्रेता अभी से तैयारियों में जुट गए हैं।
अन्नकूट के कारण भी महत्व
दीपावली के बाद मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन होता है। भगवान को भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन ही सराफा बाजार की सब्जी मंडी से कई मंदिरों के अन्नकूट के लिए भी सब्जियां जाती हैं। ग्राहक मोलभाव नहीं’करते हैं। साथ ही व्यापारी भी मनचाहे दाम की बजाय तय और वाजिब दाम ही खरीदारों से वसूलते हैं।
अन्नकूट पर भगवान को भोग लगाने के बाद ही नई सब्जियां के उपयोग की शुरुआत भी घरों में परंपरा के अनुसार होती है। बारिश की अवधि बीतने के बाद हरी सब्जियों का उपयोग भी शुरू होता है।
Source link