धन्वंतरि जयंती पर महापौर पटेल बोले: ‘धन्वंतरि मानव ही नहीं देवताओं के भी डॉक्टर थे’

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रतलाम3 घंटे पहले

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कार्यक्रम में अपनी बात कहते हुए महापौर पटेल। - Dainik Bhaskar

कार्यक्रम में अपनी बात कहते हुए महापौर पटेल।

जिला आयुर्वेद सम्मेलन ने भगवान धन्वंतरि की जयंती रविवार को मनाई गई। रामकृष्ण विवेकानंद आश्रम में हुए कार्यक्रम में सभी वैद्यों ने भगवान धन्वंतरि का सामूहिक पूजन किया। मुख्य अतिथि महापौर प्रहलाद पटेल, विशेष अतिथि समाजसेवी महेंद्र गादिया, सारस्वत अधिकारी जिला आयुष अधिकारी डॉ. बलराजसिंह चौहान रहे। अध्यक्षता वरिष्ठ वैद्य दिनेश जोशी ने की। रविवार को कार्यक्रम में सभी ने भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की। इसके बाद अतिथियों ने अपनी बात कही।

अतिथियों का स्वागत सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. आई पी त्रिवेदी, कार्यक्रम संयोजक वैद्य रत्नदीप निगम, सह संयोजक वैद्य सुशील शर्मा, वैद्य मोहनलाल ठन्ना, डॉ. ईश्वरीप्रसाद त्रिवेदी, वैद्य राधेश्याम सोनी, वैद्य एच सोनी, डॉ. दिनेश पंड्या, वैद्य कुलदीप निगम, वैद्य रामेश्वर सोनी, डॉ. दिनेश तिवारी, पीयूष श्रीवास्तव, मनीष व्यास ने किया।

चिकित्सक का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को आरोग्य प्रदान करना
मुख्य अतिथि पटेल ने कहा मनुष्य को आरोग्य प्रदान करना ही चिकित्सक का मुख्य ध्येय होना चाहिए। इसके लिए भगवान धन्वंतरि ने स्वयं समुद्र मंथन से प्रकट होकर मानव जाति पर उपकार किया है। भगवान धन्वंतरि मानव ही नहीं अपितु देवताओं के भी डाॅक्टर थे साथ ही वे सर्वश्रेष्ठ शल्य चिकित्सक थे। अब भारत सरकार पुनः आयुर्वेद के गौरव को स्थापित करने का निरन्तर प्रयास कर रही है। समाजसेवी गादिया ने कोरोना काल की विभीषिका का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा आयुर्वेद वह चिकित्सा है इसमें औषधि के साथ आशीर्वाद मिलता है। आयुर्वेद चिकित्सा कभी निष्फल नहीं जाती।

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