इलाज में लापरवाही का मामला: दुर्घटना में घायल संत रीवा रैफर, सेवकों ने एकत्रित किया चंदा, बोले- बाहर इलाज के लिए नहीं है पैसे

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पन्ना10 घंटे पहले
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पन्ना जिला अस्पताल के सिविल सर्जन पर एक संत का इलाज नहीं करने का आरोप लगा है। हादसे में घायल संत का आरोप है कि मेरा उपचार नहीं कर उन्होंने मुझे रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। जिसके बाद सेवकों ने चंदा एकत्रित कर गाड़ी से जिले से बाहर इलाज के लिए भेजा है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम संत रामशरण दास (55 वर्ष) का पन्ना अजयगढ़ बाइपास रोड में किसी अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया था। जिसके बाद राहगीरों ने उन्हें इलाज लिए जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती करवाया है। जहां हड्डी विशेषज्ञ और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता ने उनकी जांच की, जिसमें रामशरण दास के पैर में दो फैक्चर पाए गए। इसके बाद डॉक्टर ने रीवा मेडिकल कॉलेज के लिए रैफर कर दिया।
हालांकि, रैफर किए जाने से असंतुष्ट संत रामशरण दास और उनके सेवकों ने बताया कि स्थिति रीवा जाने लायक नहीं है। उनके साथ कोई जाने वाला नहीं था। न ही उनके पास बाहर जाकर इलाज करवाने के लिए पैसे हैं। जिससे उन्होंने डॉक्टर से पन्ना में ही इलाज करने के लिए कहा। इसके बाद डॉक्टर के एक कंपाउंडर ने डॉक्टर आलोक आलोक गुप्ता के घर इलाज करवाने की सलाह दी, और इलाज का पूरा खर्च भी बताया। जब हम डॉक्टर के घर गए तो इलाज से इसलिए मना कर दिया कि किसी मीडिया कर्मियों ने संत के इलाज से जुड़ी खबर साेशल मीडिया पर वायरल कर दी थी।
जिसके बाद कुछ मीडिया कर्मियों ने पन्ना के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से बात कर संत के इलाज के लिए बात की। जिसके बाद कलेक्टर ने संत के पूरे इलाज के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक गुप्ता को निर्देश दिए थे। वहीं, संत रामशरण दास का कहना है कि मुझे अफसोस है।

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