दामाद ने गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर बेटी का कत्ल कराया: 8 साल बाद हत्यारों को मिली सजा; जानिए न्याय के लिए पिता के संघर्ष की कहानी

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भोपाल/ जबलपुर26 मिनट पहलेलेखक: संतोष सिंह

8 साल पहले ज्योति मर्डर केस यूपी और एमपी में सुर्खियों में रहा। 20 अक्टूबर 2022 को कानपुर में अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने 6 आरोपियों को उम्रकैद सुनाई है। केस को अंजाम तक पहुंचाने में एक पिता का संघर्ष भी शामिल है। बेटी को न्याय दिलाने 500 किमी दूर न केवल केस की हर तारीख पर पहुंचे, बल्कि धमकी और दबाव के आगे बिना झुके डटे रहे। दैनिक भास्कर से बातचीत में पिता जबलपुर के रहने वाले शंकर नाग्देव ने संघर्ष के हर पल को साझा किया। उन्हीं की जुबानी उनके संघर्ष की कहानी…

‘मेरे परिवार में हम 2 भाइयों की फैमिली साथ रहती है। हम कारोबारी हैं। हमारे 3 बच्चों में ज्योति इकलौती बेटी थी। इस कारण उसे बहुत लाड से पाला था। वह खुद बहुत होशियार थी। संवेदनशील थी। उसकी शादी मैंने ऊंची हैसियत वाले खानदान में ये सोचकर की थी कि वह खुश रहेगी, लेकिन पीयूष ने मेरे विश्वास का कत्ल कर दिया। उसे मेरी बेटी के साथ नहीं रहना था, तो तलाक दे देता। उसकी बेरहमी से हत्या तो नहीं करनी थी।

आज भी वो पल याद हैं, जब आधी रात को पीयूष के घरवालों का फोन आया। उन्होंने बताया कि ज्योति को कुछ बदमाशों ने अगवा कर लिया है। तारीख थी 27 जुलाई 2014 की। अनहोनी की आशंका से मन घबरा गया। पीयूष के बारे में पता चला कि उसे बदमाशों ने मारपीट कर कार से फेंक दिया था, वो किसी तरह बचकर आया। हम लोग रात में ही कानपुर के लिए रवाना हो गए। वहां अगले दिन पहुंचे, तब तक पुलिस बेटी की लाश पीयूष की कार में पनकी के पास से बरामद कर चुकी थी।

अहमदाबाद में रहने वाली मेरी बहन मोनिका आसदानी के पास ज्योति ने 27 जुलाई की रात 10.30 बजे के करीब फोन कर अनहोनी की आशंका जताई थी। अगले दिन उसकी लाश मिलने के बाद पुलिस से उसे हत्या की खबर मिली। आखिरी बार ज्योति की बात मोनिका से हुई थी। ज्योति अपनी बुआ मोनिका से ही अपनी बातें शेयर करती थी।

ज्योति की शादी 2012 में हुई थी। शादी के डेढ़ साल बाद यानी 2014 में पीयूष ने उसे मौत के घाट उतार दिया। कोर्ट ने 8 साल बाद 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

ज्योति की शादी 2012 में हुई थी। शादी के डेढ़ साल बाद यानी 2014 में पीयूष ने उसे मौत के घाट उतार दिया। कोर्ट ने 8 साल बाद 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

पीयूष वरांडा रेस्त्रां में ज्योति को खाना खिलाने ले गया था। वहीं से ज्योति ने मोनिका को फोन किया था। दरअसल, पीयूष के मोबाइल पर एक कॉल आया और वह अचानक खाने की टेबल को छोड़कर रेस्त्रां के नीचे जाकर बात करने लगा। ज्योति ने सुना कि पीयूष किसी से कह रहा था कि चिंता क्यों करती हो, आज उसका काम तमाम हो जाएगा। बाद में पता चला कि मोबाइल पर उसकी बात प्रेमिका मनीषा से हो रही थी।

मनीषा के परिवार वाले उसकी कहीं शादी तय कर चुके थे। दो-चार दिनों में लड़के वाले उसे पसंद करने आने वाले थे। उससे पहले वे ज्योति को रास्ते से हटाना चाहते थे, जिससे दोनों शादी कर सकें। मैंने पुलिस को इसके बारे में बताया था। 72 घंटे बाद आखिरकार पुलिस ने खुलासा किया तो मेरी आशंका सच साबित हुई। बेटी की हत्या की पूरी साजिश दामाद पीयूष ने ही प्रेमिका मनीषा के साथ मिलकर रची थी।

तभी मैंने भी कसम खाई थी कि बेटी के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचा कर ही चैन से बैठूंगा। मेरी इस लड़ाई में यूपी पुलिस, मीडिया, एमपी-यूपी के तत्कालीन सीएम और कानपुर पुलिस की बड़ी भूमिका रही। खासकर तत्कालीन आईजी जोन कानपुर और वर्तमान में एडीजी आशुतोष पांडे ने काफी मदद की।

पीयूष और उसके पिता पांडुनगर निवासी ओमप्रकाश श्यामदासानी कानपुर के बड़े कारोबारी माने जाते हैं। उस समय यूपी में सपा सरकार थी। सरकार के एक मंत्री और स्थानीय विधायक तक इस परिवार की पैरवी में लगे थे। मुझे धमकाया गया। समझौते के लिए दबाव बनाया गया। कई बार तो ऐसा भी लगा कि शायद मुझे डराने के लिए हमला भी कराया जा सकता है।

इसी के बाद मैंने कोर्ट में आवेदन लगाकर सुरक्षा की मांग की थी। जब भी मैं पेशी पर जाता, तो 2 पुलिस वाले साथ में रहते थे। मेरी बेटी की आत्मा को अब शांति मिली होगी। कोर्ट ने पीयूष, मोनिका सहित 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक गया। कोर्ट द्वारा बरी किए गए पीयूष के दोनों भाई कमलेश, मुकेश और सास पूनम को सजा दिलाने के लिए मैं हाईकोर्ट में अपील करूंगा।’

(जैसा ज्योति के पिता शंकर नाग्देव ने दैनिक भास्कर को बताया।)

ज्योति को शादी की पहली रात ही पति की असलियत पता चल गई। वह रातभर पति का इंतजार करती रही। पीयूष गर्लफ्रेंड के साथ रहा। इस तरह शादी की पहली रात से दूरी दिखने लगी थी।

ज्योति को शादी की पहली रात ही पति की असलियत पता चल गई। वह रातभर पति का इंतजार करती रही। पीयूष गर्लफ्रेंड के साथ रहा। इस तरह शादी की पहली रात से दूरी दिखने लगी थी।

ज्योति को हो चुका था अनहोनी का अहसास
ज्योति को अपनी हत्या का काफी पहले ही अहसास हो गया था। इसकी पुष्टि उसकी बुआ मोनिका के कोर्ट में दर्ज कराए बयान से होती है। मोनिका ने कोर्ट को बताया था कि ज्योति उर्फ पूजा उसे दीदी कहती थी। वह उससे सभी बातें साझा करती थी। शादी के बाद अप्रैल 2014 में जबलपुर में उससे मुलाकात हुई थी, तब वह उदास और बेचैन थी। पूछने पर वह टालमटोल करती रही, फिर बताया कि पीयूष अच्छा व्यक्ति नहीं है। पान मसाला व्यवसायी की बेटी मनीषा से उसके संबंध हैं। घटना से पहले भी ज्योति का फोन आया था।

तब उसने बताया कि पीयूष का फोन बज रहा था, मैंने उसे उठाया। फोन मनीषा का था। मेरी बात सुने बिना मनीषा पीयूष को संबोधित करते हुए कहने लगी कि जल्दी उसका काम तमाम कर दो। पीयूष उसका काम तमाम कब करोगे? मेरे घर वाले मेरी शादी दूसरी जगह कर देंगे। इसके बाद ज्योति ने घबराकर फोन काट दिया।

तीसरी बार में ज्योति की हत्या को अंजाम दे पाए थे
ज्योति हत्याकांड की चार्जशीट 3000 पेज में कोर्ट में दाखिल की गई थी। 193 लोगों की गवाही हुई थी। गवाहों में पिता शंकर नाग्देव, भाई हितेश व विशेष, मां मायादेवी, चाचा राजा नाग्देव, बुआ मोनिका आसदानी भी शामिल हैं। आखिरी बार ज्योति की बुआ मोनिका से हुई थी। बुआ मोनिका ने कोर्ट को बताया था कि ज्योति को अपने कत्ल का अहसास हो चुका था। बाद में इसकी पुष्टि पुलिस विवेचना में भी हुई थी।

पुलिस की चार्जशीट और पेश किए गए गूगल मैप से इसकी तस्दीक होती है। दरअसल, ज्योति की हत्या को तीसरी कोशिश में आरोपी अंजाम दे पाए थे। मनीषा के घरवाले उसकी शादी तय कर चुके थे। लड़के वाले मनीषा को देखने आने वाले थे। इससे पहले मनीषा चाहती थी कि ज्योति रास्ते से हट जाए तो वह पीयूष से शादी की बात अपने घरवालों से कह सके। हत्या की साजिश में मनीषा के ड्राइवर अवधेश चतुर्वेदी को पीयूष ने शामिल किया था। अवधेश ने भाड़े पर किलर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, सोनू कश्यप, और आशीष कश्यप को बुलाया था।

वारदात के 72 घंटे में पुलिस ने केस सुलझा लिया था। पुलिस ने आरोपी पति पीयूष को भी गिरफ्तार कर लिया था। (फाइल फोटो)

वारदात के 72 घंटे में पुलिस ने केस सुलझा लिया था। पुलिस ने आरोपी पति पीयूष को भी गिरफ्तार कर लिया था। (फाइल फोटो)

  • 13 जुलाई: आरोपियों ने सबसे पहले 13 जुलाई को हत्या करने की तारीख मुकर्रर की थी, तब पीयूष ज्योति को ओरिएंट रिसॉर्ट लेकर गया था। वहां से लौटने में उसे देर हो गई थी। इसके चलते आरोपी वहां से निकल गए थे।
  • 20 जुलाई: इसके बाद आरोपियों ने 20 जुलाई को उसकी हत्या की साजिश रची। तब पीयूष ज्योति को लेकर गंगा बैराज गया था। उनकी साजिश थी कि उसे गंगा में फेंक देंगे, लेकिन उस दिन तेज बारिश के चलते सुपारी किलर अवधेश सहित अन्य तय समय पर वहां नहीं पहुंच पाए।
  • 27 जुलाई: इसके बाद आरोपियों ने 27 जुलाई की तारीख तय की। इस तीसरे प्रयास में वे सफल रहे। इस बार पीयूष उसे सब कुछ ठीक करने का बोलकर बारंडा रेस्त्रां लेकर पहुंचा था। इस तीनों ही वारदात के समय आरोपियों की मौजूदगी की पुष्टि पुलिस ने साइंटिफिक टेक्नोलॉजी के जरिए की। आरोपियों का लोकेशन जानने के लिए प्रकरण के विवेचक एसआई अखिलेश गौड़ ने सीबीआई गाजियाबाद के दरोगा की मदद से गूगल मैप चार्ट बनवाया था।
ज्योति की हत्या के दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद ज्योति के पिता शंकर नाग्देव रो पड़े। वे अदालत में केस रहने तक हर पेशी पर 500 किलोमीटर दूर गए।

ज्योति की हत्या के दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद ज्योति के पिता शंकर नाग्देव रो पड़े। वे अदालत में केस रहने तक हर पेशी पर 500 किलोमीटर दूर गए।

जस्टिस फॉर ज्योति नाम से सोशल मीडिया पर बनाया पेज

बेटी ज्योति को न्याय दिलाने के लिए पिता और परिवार ने सोशल मीडिया पर ‘जस्टिस फॉर ज्योति’ नाम से पेज बनाया है। इस पेज पर 20 हजार लाइक्स आ चुके हैं। इस पेज पर पिता शंकर नाग्देव बेटी की हत्या से लेकर कोर्ट में चली अपनी लड़ाई से संबंधी हर न्यूज अपडेट करते रहे। इस पेज पर लोग खुलकर कमेंट्स करते रहे हैं। ज्योति के हत्यारों को सजा मिलने के बाद भी इस पेज पर कई कमेंट्स आए।

इस पेज पर ज्योति की सीए सहेली माधुरी वासवानी ने लिखा कि उसे ज्योति को जस्टिस का पूरा विश्वास था। इस पोस्ट पर काफी कमेंट्स आए हैं। कातिलों के प्रति लोगों में गुस्सा अब भी देखा जा रहा है। माधुरी ने लिखा है कि ‘ज्योति मैनें तुम्हें खो दिया। मैंने मिलने की बहुत कोशिश की, बहुत चीखी, पर तुमको वापस पाने में नाकाम रही। हमारी आखिरी बातचीत को लंबा समय हो गया है। मैं लूजर हूं, मैं समझ न सकी, मैं महसूस न कर सकी। मैं तुम्हें उस बेरहम से बचा न सकी। तुम मुझे कई सवालों और अनबुझी पहेलियों के साथ छोड़ गई। पर मुझे विश्वास था कि ज्योति तुम्हें जस्टिस मिलेगा।’

ज्योति की हत्या के बाद पिता शंकर नाग्देव और मां की बुरी हालत हो गई। उनके प्रयासों से बेटी की हत्या का आरोपी दामाद पकड़ा गया। 8 साल बाद कोर्ट ने 6 दोषियों को उम्रकैद सुनाई।

ज्योति की हत्या के बाद पिता शंकर नाग्देव और मां की बुरी हालत हो गई। उनके प्रयासों से बेटी की हत्या का आरोपी दामाद पकड़ा गया। 8 साल बाद कोर्ट ने 6 दोषियों को उम्रकैद सुनाई।

जब एमपी सीएम शिवराज को यूपी सीएम से करनी पड़ी बात
इस हाई प्रोफइल केस में आरोपियों को बचाने और पीयूष का माथा चूमने के आरोप में सीओ स्वरूप नगर राकेश व तत्कालीन थानेदार पर भी गाज गिरी थी। इटावा के कारोबारी और यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के करीबी कहे जाने वाले फत्तूराम पर ज्योति के पिता शंकर नाग्देव को धमकाने का आरोप लगा था। प्रदेश सरकार के एक मंत्री और सपा नेताओं पर भी आरोप था।

सीएम शिवराज सिंह ने यूपी के सीएम रहे अखिलेश यादव से बात की, तब जाकर राहत मिली। पिता शंकर नाग्देव के मुताबिक मैंने तय कर लिया था कि आरोपियों को सजा दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा। पीयूष सहित उसके पिता ओमप्रकाश, सास पूनम, भाई मुकेश व अन्य पर अमानत में ख्यानत का भी प्रकरण दर्ज कराया है। ये केस ज्योति की डिग्रियां, पासपोर्ट सहित कई यादगार सामान हड़पने के चलते दर्ज कराया है। अभी इस केस का ट्रायल जारी है।

शादी के डेढ़ साल बाद कर दी हत्या
जबलपुर के नामचीन व्यापारी शंकरलाल नाग्देव के तीन बच्चों में ज्योति इकलौती बेटी थी। 1 सितंबर 1988 को जन्मी ज्योति की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में हुई थी। वर्ष 2012 में पारले-जी बिस्किट के फ्रेंचाइजी होल्डर कानपुर पांडुनगर निवासी ओमप्रकाश श्यामदासानी के छोटे बेटे पीयूष के साथ हुई थी। दुल्हन बनकर ससुराल पहुंची ज्योति को सुहागरात को ही पति की असलियत पता चल गई। वह रात भर पति का इंतजार करती रही और पीयूष अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहा। ज्योति ने अपने इस दर्द को अपनी पर्सनल डायरी में बयां किया था।

पीयूष की गर्लफ्रेंड मनीषा भी थी। शादी के बाद वह दिल्ली चली गई थी। ढाई महीने बाद लौटी तो पीयूष से फिर उसके संपर्क बढ़ गए थे।

पीयूष की गर्लफ्रेंड मनीषा भी थी। शादी के बाद वह दिल्ली चली गई थी। ढाई महीने बाद लौटी तो पीयूष से फिर उसके संपर्क बढ़ गए थे।

27 जुलाई 2014 को क्या हुआ था?
अय्याश पीयूष का कानपुर के गुटखा किंग की बेटी मनीषा मखीजा से इश्क था। उनकी राह में ज्योति रोड़ा थी। उसे अपने पति पीयूष और मनीषा के संबंधों की जानकारी हो गई थी। इसे लेकर अक्सर उनके बीच विवाद होता रहता था। पीयूष ने प्रेमिका मनीषा और उसके ड्राइवर अवधेश चतुर्वेदी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। अवधेश ने हत्या के लिए अपने साथियों रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, सोनू कश्यप, और आशीष कश्यप को बुलाया था।

पीयूष साजिश के तहत 27 जुलाई 2014 को अपनी पत्नी ज्योति को सुधरने का वादा करने के बाद वरांडा रेस्त्रां लेकर गया था। यहां रात 11 बजे तक दोनों साथ रहे। इसके बाद पीयूष ने कार को घर के की बजाए पनकी के सुनसान रास्ते पर मोड़ दिया। ज्योति को अनहोनी की आशंका हुई तो उसने विरोध किया। इसी दौरान पीयूष ने कार रोक दी, तभी कार ड्राइवर अवधेश और भाड़े के तीनों हत्यारे रेनू, सोनू व आशीष घुस आए। चारों उसे तब तक चाकू से गोदते रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।

इसी व्हाइट होंडा अकॉर्ड कार में ज्योति की हत्या की गई थी। पीयूष उसे बारंडा रेस्त्रां लेकर पहुंचा था। वारदात के समय आरोपियों की मौजूदगी की पुष्टि पुलिस ने साइंटिफिक टेक्नोलॉजी के जरिए की।

इसी व्हाइट होंडा अकॉर्ड कार में ज्योति की हत्या की गई थी। पीयूष उसे बारंडा रेस्त्रां लेकर पहुंचा था। वारदात के समय आरोपियों की मौजूदगी की पुष्टि पुलिस ने साइंटिफिक टेक्नोलॉजी के जरिए की।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर 17 बार चाकू से घाव की पुष्टि हुई थी। 4 पेट में, 4 गर्दन पर, 2 सिर के पिछले हिस्से में, 4 पैर और 2 पीछे हिप में और चेहरे पर एक घाव मिला था। पत्नी की हत्या कर शव को कार में छोड़कर पीयूष दूसरे वाहन से घर गया। वहां टी-शर्ट बदला और फिर थाने पहुंच कर पत्नी ज्योति के अपहरण का केस दर्ज कराया है। 28 जुलाई की सुबह पनकी में पीयूष की कार मिली। इसके बाद इस हत्या की साजिश से पर्दा उठा। 8 साल कोर्ट में केस चलने के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई।

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