कोरबा आने जाने वाली सभी यात्री ट्रेन घंटों हो रही विलंब रोजाना, यात्री आए दिन परेशान
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा कोरबा से अप व डाउन दिशा में पिछले एक साल से ट्रेनों को आउटर में रोक रोक कर चलाया जा रहा है। स्थिति यह है कि प्रत्येक यात्री ट्रेन इसकी वजह से एक से दो घंटे विलंब हो जाती है। इसे लेकर नियमित सफर करने वाले यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।
रोज-रोज की परेशानी से राहत दिलाने के लिए यात्री रेलवे प्रशासन से मांग करने लगे हैं कि क्यों न स्टेशनों के आउटर में भी स्थाई स्टेशन बना दिया जाए। इससे कम से कम विलंब से चलाने की बात सामने नहीं आएगी। दैनिक यात्रियों की परेशानी इस बात को लेकर है कि कोरबा हो या बिलासपुर से सभी ट्रेनें समय पर रवाना तो होती हैं लेकिन उन्हें कापन, अकलतरा, कोटमीसोनार, जयरामनगर, गतौरा स्टेशन के आउटर में घंटों रोक दिया जाता है। इतना ही नहीं गतौरा से बिलासपुर के बीच आउटर में तो 30 से 35 मिनट तक रोका जाने लगा है।
यही हाल बिलासपुर से कोरबा आने वाली ट्रेनों के साथ हो रहा है। मड़वारानी, सरगबुंदिया, उरगा स्टेशन के साथ कभी कभी आउटर में रोका जा रहा है। जब रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन से उनके मोबाइल पर पक्ष जानने संपर्क किया, तो वे उपलब्ध नहीं हो सके।
रेलवे की वेबसाइट पर मिल जाएगी जानकारी
यात्री ट्रेनों के चलने की अधिकृत जानकारी देने वाली रेलवे की वेबसाइट पर जाने से किस स्टेशन के बीच कितनी देर तक किस गाड़ी को रोका गया, इसकी वास्तविक जानकारी आसानी से मिल जाएगी। वेबसाइट पर एक सप्ताह का डाटा अपडेट रहता है। जिसे देखें तो कोरबा से छूटने वाली हर ट्रेन जो कापन समय पर पहुंची या विलंब से लेकिन उसके बाद बिलासपुर पहुंचने में उसी ट्रेन को हर दिन कम से कम तय समय से एक घंटा अधिक लगा। 50 मिनट में तय होनी दूरी एक घंटा 10 मिनट में तय हुई है।
यात्रियों को मुसीबत में डाल मालगाड़ी को तवज्जो
बिलासपुर से कोरबा आने वाली यात्री ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को परेशान करने की कोई कसर रेलवे प्रशासन नहीं छोड़ना चाहता है। यही कारण है कि चांपा से जैसे यात्री गाड़ी कोरबा की ओर बढ़ती है उसके स्टापेज की संख्या 5 स्टेशनों से बढ़ने लगती है। यहीं यात्री गाड़ी को रोककर खाली मालगाड़ी जो कोयला लोडिंग के लिए साइडिंग जाने वाली होती हैं उन्हें या फिर लोड मालगाड़ी जो साइडिंग से बिलासपुर की ओर जाती हैं उन्हें तवज्जो दिया जाता है।
मेन रूट की मेल एक्सप्रेस को दी जाती है पासिंग
समय पर चलाने के बाद भी कापन से बिलासपुर के बीच कोरबा की मेमू लोकल, पैसेंजर अथवा एक्सप्रेस ट्रेनों को रेलवे द्वारा अक्सर रोक दिया जाता है। रेल मामलों के जानकार रामकिशन अग्रवाल ने बताया कि उक्त स्टेशनों पर हमारी यहां की ट्रेनों को रोक कर मुंबई-हावड़ा रूट की मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को पास दिया जाता है, जो गलत है। इसके लिए रेलवे के विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं क्योंकि वे ट्रेनों को समय पर चलाने की टाइमिंग तय नहीं कर पा रहे हैं।