कराते कोच पर फर्जीवाड़े का आरोप!: गैर मान्यता वाले संघों में पैसे लेकर भेजते हैं खिलाड़ी, जिला खेल अधिकारी बोले- जांच कर रहे हैं

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बैतूल33 मिनट पहले
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खेल एवं युवा विभाग में नियुक्त संविदा कराते कोच पर पैसे लेकर गैर-पंजीकृत कंप्टीशन्स में खिलाड़ियों को भेजने के आरोप लगे हैं। खिलाड़ियों ने जिला खेल अधिकारी से इसकी शिकायत की है। खिलाड़ियों ने भाजपा के स्पोर्ट सेल के जिलाध्यक्ष रवि लोट से भी संविदा कोच की शिकायत की है। जिलाध्यक्ष ने भी खेल अधिकारी पूजा कुरील को पत्र लिखकर शिकायत की है।
कराते खिलाड़ी का कहना है कि संविदा कोच महेंद्र सोनकर पिछले कई सालों से फर्जी संघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को भेजते हैं। इसके बदले वे प्रत्येक खिलाड़ी से पैसों की भी मांग करते हैं। हाल ही में उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि महाराष्ट्र के पुणे में इंटरनेशनल कराते कंपटीशन होने वाला है। वहां नेपाल, भूटान और बंगलादेश समेत भारतीय खिलाड़ी भी आ रहे हैं। ऐसा कहकर उन्होंने कुछ खिलाड़ियों से पैसे लिए और उन्हें उस प्रतियोगिता में भेज दिया।
इन सर्टिफिकेट्स की कहीं कोई वैल्य नहीं है
वहीं, दूसरे खिलाड़ी का कहना है कि इसके पहले भी उन्होंने प्रति खिलाड़ी 55 सौ रुपए लेकर उन्हें जयपुर भेजा था। इसी के साथ उन्होंने 2500 में भोपाल भी भेजा था। भारत सरकार ने 2020 में ही इन संघो की मान्यता रद्द कर दी थी। इसी वजह से इन संघो द्वारा आयोजित इंटरनेशनल कंप्टीशन के सर्टिफिकेट्स का कहीं लाभ भी नहीं मिलता। न ही इसकी कहीं वैल्यू है। इन प्रतियोगिताओं में पैसे देकर जीतने के बाद भी कोई फर्क पड़ता है।
प्राइवेट संघ भी चलाते हैं कोच
आरोप है की महेंद्र सोनकर ने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर खिलाड़ियो का समय भी बर्बाद किया। इसके प्रमाण पत्र की कोई वेल्यू नहीं है। कोच पर आरोप है कि मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम में शासकीय कराते ट्रेनिंग के साथ-साथ वह प्राइवेट संघ भी चलाते हैं। जिसकी भी मान्यता नहीं है।
कोच का फोन स्विच ऑफ
मामले में महेंद्र सोनकर का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया था। लेकिन उनका नंबर स्विच ऑफ बताता रहा। खेल अधिकारी पूजा कुरील ने भास्कर को बताया की वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। मामले में मिली शिकायत के बाद कोच को मना कर दिया कि वे खिलाड़ियों को गैर मान्यता प्राप्त संघों की प्रतियोगिता में खिलाने न ले जाएं।
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