राशन दुकानों में गेहूं का संकट: गरीबों की थाली से गायब हो गई रोटी, पात्र हितग्राहियों को सात महीने से नहीं मिला गेहूं

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Balaghat
  • Bread Disappeared From The Plate Of The Poor, Eligible Beneficiaries Did Not Get Wheat For Seven Months

बालाघाट30 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

7 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी बालाघाट जिले की सरकारी उचित मूल्यों की दुकानों से जरूरतमंद पात्र हितग्राहियों को राशन के तौर पर गेहूं का वितरण नहीं किया जा रहा है। गेहूं के अभाव में गरीबों की थाली से रोटी गायब हो गई है। हितग्राहियों का कहना रहा कि उन्हें राशन के तौर पर सिर्फ चावल का ही वितरण किया जा रहा है।

गेहूं नहीं मिलने के कारण उन्हें हाट बाजारों से महंगा गेहूं क्रय करने को मजबूर होना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में उनके घर का बजट बिगड़ने लगा है। हैरानी की बात तो यह है कि मप्र में धान के बाद गेहूं की भी बंपर आवक होती है, लेकिन प्रदेश का गेहूं आखिर कहां जा रहा है, यह लोगों की समझ से भी परे माना जा रहा है। पूर्व में हर महीने बाकायदा हितग्राहियों को गेहूं का वितरण होता था लेकिन पिछले सात महीने से गेहूं नहीं मिल रहा है।

नही हो रही सप्लाई

इधर, राशन दुकान संचालकों का कहना रहा कि गेहूं नहीं आने की वजह से हितग्राहियों को वितरण नहीं हो रहा है। गरीब हितग्राहियों की ओर से इस संबंध में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया गया है, लेकिन इस संबंध में अब तक किसी प्रकार के सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा सके है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि बालाघाट हीं नहीं बल्कि मप्र के कुछ अन्य जिलों में भी गेहूं का संकट गहराया हुआ है।

हर मोड़ पर हितग्राही परेशान

बालाघाट जिले में बड़ी संख्या में लोग गेहूं की रोटी का सेवन करते है। दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूर भी टिफिन में रोटी सब्जी लेकर जाते है। तीज त्योहार के अवसर पर गेहूं के आटे से ही विविध प्रकार के पकवान भी बनाए जाते है। दीपावली त्योहार पर भी गेहूं नहीं मिलने के कारण हितग्राही हर मोड़पर परेशान नजर आ रहे है।

मई महीने से नहीं हुआ वितरण

जानकारी के अनुसार सरकारी उचित मूल्य की दुकानों से मई महीने के बाद से हितग्राहियों को गेहूं प्रदाय नहीं किया गया है। सात महीने से गरीबों की थाली में चावल ही परोसा जा रहा है। उचित मूल्य पर गेहूं नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। बाजार में 20 से लेकर 23 रुपए प्रति किलो के दाम पर गेहूं बेचा जा रहा है। यक्ष सवाल यह है कि आखिर गरीब तबके के लोगों की थाली से रोटी क्यों गायब की जा रही है।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button