MP में 12 सौ के पार हुए डेंगू के मामले: भोपाल में सबसे ज्यादा केस, ग्वालियर, विदिशा में तेजी से बढ़ रहे मरीज

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भोपाल2 घंटे पहले

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मप्र में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश भर में डेंगू के मरीजों की संख्या 1246 पहुंच गई है। सबसे ज्यादा हालात राजधानी में खराब हैं। भोपाल में अब तक 271 मरीज मिल चुके हैं दूसरे नंबर पर ग्वालियर में 201 केस मिल चुके हैं। तीसरे नंबर पर विदिशा में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं विदिशा में अब तक डेंगू के 165 मामले सामने आ चुके हैं।

जबलपुर में 106, इंदौर में 72, मुरैना में 64, रीवा, दमोह में 41, रायसेन, सिवनी में 27, दतिया में 22, सागर में 20, धार में 17, भिंड में 15, खरगोन, सीहोर में 12, रतलाम में 9, बुरहानपुर, कटनी, होशंगाबाद में 8, मंदसौर, हरदा, राजगढ़, सतना में 7, शिवपुरी, श्योपुर, उमरिया में 6, अलीराजपुर, बैतूल,सीधी, शहड़ोल, पन्ना, डिंडोरी में 5, देवास, सिंगरौली में 4, टीकमगढ़, नरसिंहपुर में 3, अशोकनगर, अनूपपुर, छतरपुर, मंड़ला में दो-दो और बड़वानी, गुना में एक-एक डेंगू का मरीज मिल चुका है।

भोपाल में पिछले तीन सालों में डेंगू के मामले

डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा राजधानी भोपाल में बढ़ रहे हैं। हालांकि अफसर कहते हैं कि डेंगू के मामले कंट्रोल में हैं। जिला मलेरिया कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2019 में सबसे ज्यादा 1024 मामले आए थे। इसके बाद 2020 में महज 94 डेंगू के मरीज मिले। 2021 में 585 डेंगू के मरीज मिले थे। वहीं इस साल जनवरी से अब तक 284 मरीज मिल चुके हैं। अफसरों का दावा है कि डेंगू से इस साल एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है।

पिछले सात सालों में मप्र में डेंगू के मरीज

साल डेंगू मरीज
2021 13500
2020 806
2019 4189
2018 4508
2017 2666
2016 3150
2015 2108

डेंगू के लक्षण

डेंगू को 2 प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है: डेंगू (चेतावनी के साथ/बिना चेतावनी के) और गंभीर डेंगू।

  • जब बुखार (40 डिग्री सेल्सियस/104 डिग्री फारेनहाइट) हो
  • तेज सिरदर्द
  • आंख के पीछे दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • सूजन ग्रंथियां
  • रैसेज

गंभीर डेंगू के लक्षण- बीमारी शुरू होने के लगभग 3-7 दिनों के बाद सामान्य रूप से एक मरीज में होता है जिसे क्रिटिकल फेज कहा जाता है।

  • पेट में तेज दर्द
  • लगातार उल्टी
  • तेजी से साँस लेने
  • मसूड़ों से खून बहना
  • थकान
  • बेचैनी
  • उल्टी में खून
डेंगू से बचने मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी लगाएं

डेंगू से बचने मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी लगाएं

कार्ड टेस्ट मान्य नहीं, एलाइजा टेस्ट कराएं

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.अखिलेश दुबे बताते हैं कि डेंगू की जांच के लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट ही मान्य है। कई लैब के संचालक और अस्पतालों में रैपिड डायग्नोस्टिक किट से डेंगू की जांच की जाती है। इसे सरकार ने मान्य नहीं किया है। भोपाल में डेंगू की 5 सेंटिनल लैब संचालित हैं। जेपी अस्पताल, एम्स, बीएमएचआरसी, गांधी मेडिकल कॉलेज और बैरागढ़ सिविल अस्पताल में संचालित हैं।

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