लालची परवरिश: कोरोना में माता-पिता गुजरे, क्लेम हड़पकर परिजन ने बच्चों को छोड़ा, अफसरों ने की खाने की व्यवस्था

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इंदौर18 मिनट पहलेलेखक: हरिनारायण शर्मा
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बच्चे नाबालिग हैं इसलिए 38 लाख का क्लेम सीधे उन्हें नहीं मिला, दादी ने 18 लाख निकाल लिए।
कोविड ने माता-पिता को छीन लिया। 38 लाख रुपए क्लेम के मिले भी, लेकिन नाबालिग होने के कारण सीधे बच्चों को नहीं मिल पाए। जिन पर परवरिश की जिम्मेदारी थी, उन्हीं दादी ने बिना बताए 18 लाख रुपए निकाल लिए। परिवार में चाचा-ताऊ सब थे। बावजूद इसके बच्चों को अकेले रहने पर विवश कर दिया।
प्रशासन के पास शिकायत पहुंची तो अफसरों ने न सिर्फ बच्चों के 17 लाख रुपए उनके खाते में जमा करवाए, बल्कि उनकी पढ़ाई और खाने का इंतजाम भी कर दिया, ताकि बच्चों को किसी तरह की असुविधा न हो। अभी 21 लाख रुपए और दादी के ही अकाउंट में जमा है।
अफसरों के अनुसार बच्चों के माता-पिता चिकित्सा से जुड़े थे। बेटी 17 वर्ष की है, पढ़ाई में होशियार है, 12वीं की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। वह निजी कोचिंग करना चाहती थी। घर में वह और छोटा भाई ही थे। प्रशासन को जानकारी मिली तो एक अपर कलेक्टर ने उन्हें संभाला। घर में कोई खाना बनाने वाला भी नहीं था तो टिफिन सेंटर में बोलकर उनके खाने का प्रबंध किया।
बेटी को निजी कोचिंग और उसके छोटे भाई का स्कूल में एडमिशन करवाया, ताकि उनकी पढ़ाई किसी भी तरह प्रभावित न हो। हालांकि बच्ची फिर भी अपने पिता के क्लेम से ही दूर है। अब अपर कलेक्टर उसके बालिग होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उसके खाते में पूरी क्लेम राशि डलवा सके। इतना ही नहीं उसके लिए एक अधिनस्थ अधिकारी की ड्यूटी भी लगा दी कि उसकी समय-समय पर देख-रेख करें।
इधर, बच्ची को आंख का कैंसर, परेशान पिता पहुंचे तो एडीएम ने तुरंत अपनी ओर से की मदद
बच्ची की मदद के लिए ऐसा ही मामला एडीएम पवन जैन के पास मंगलवार को जनसुनवाई में सामने आया। देपालपुर में रहने वाली निमिशा राठौर को उसके पिता कलेक्टर कार्यालय में आर्थिक सहायता के लिए लेकर पहुंचे। निमिशा को आंख का कैंसर है और अभिभावक इलाज कराने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। ऐसे में एडीएम ने अपनी सैलरी से 15 हजार रुपए की मदद की। साथ ही बच्ची को दिल्ली एम्स में इलाज के लिए रैफर करवाने की जिम्मेदारी भी ली।
अन्य क्लेम बालिग होने पर ही मिलेंगे
एडीएम डॉ. अभय बेड़ेकर ने बताया कि जो क्लेम बच्चों के पिता काे मिला था, उसमें से दादी ने राशि निकाल ली थी, बची राशि तो बच्ची के खाते में डलवा दी, लेकिन जो अन्य क्लेम है, अब उसके बालिक होने पर मिलेंगे।
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