मिट्टी के दीपक बनाने में जुटे कुम्हार: बड़े व्यापारियों के ऑर्डर से कुम्हारों के चेहरे खिले

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पीथमपुरएक घंटा पहले
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पीथमपुर के व्यापारी चाइनीज झालर व बल्ब से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया है। ऐसे में कुम्हारों की आस बढ़ गई है। दशहरा खत्म होते ही कुम्हार दीवाली की तैयारी में जुट गए हैं।
जुमार नदी से आगे कुम्हारों के कई परिवार एक साथ रहते हैं। पूरा कुनबा सुबह से ही मिट्टी के दीये, खिलौने और मिट्टी के झालर बनाने में जुट जाते हैं। कुम्हार राजेश व जमनालाल बताते हैं कि इस साल मिट्टी के दीये की मांग पिछले वर्ष से अधिक है।
व्यापारियों ने दशहरा के पहले ही बड़ी संख्या में ऑर्डर दे दिए हैं। विभिन्न आकृति में बनाए गए आकर्षक दीपक लोगों को लुभा रहे हैं। कुम्हार मिट्टी के बनाए सभी सामानों की रंगरोगन सहित अन्य तरह के सजावट में जुटे हैं। दीये के साथ बना रहे मिट्टी के खिलौने भी
मिट्टी के दीये बना रहे कुम्हार बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षो से बारिश और बाजार में इलेक्ट्रिक झालरों के कारण मिट्टी के दीये की मांग कम हुई थी। लेकिन इस वर्ष श्रद्धालुओं ने फिर से घरों में माता लक्ष्मी के पूजन और छत-आंगन में मिट्टी के दीपक जलाने का मन बना लिया है ऐसा लग रहा हे। कारण, इन सभी की मांग बढ़ गई है।
पर्व में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में दीपकों के साथ खिलौने और अन्य सजावट के सामान भी तेजी से बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मट्टी के खिलौने व अन्य बहुत सारी समान बड़े बड़े शहरों में पसंद किए जा रहे है। इस वर्ष लोग स्वदेशी अपनाने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में मिट्टी के दीपक तैयार करने में ज्यादा मेहनत से लगे है।

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