सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आया नया मेहमान: पिंजरे से बाहर निकलते ही दौड़ लगाई, भोपाल में परेशान कर रहा था टाइगर

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नर्मदापुरम12 मिनट पहले
पिंजरे से निकलते ही टाइगर ने दौड़ लगाई।
मप्र की राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में पकड़े बाघ को रविवार रात में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के चूरना रेंज के बाड़े छोड़ दिया गया। शनिवार रात को बाघ पिंजरे में फंसा था। जिसे रविवार को भोपाल से नर्मदापुरम लाया गया। रात में इस बाघ को छोड़ दिया गया। पिंजरे से बाहर निकलते ही टाइगर दौड़ते हुए निकल गया। जंगल में अन्य बाघों के बीच टकराव की स्थिति न बने, इसके लिए कुछ दिन उसे बाड़े में रखा जाएगा। वन्यप्राणी विशेषज्ञ की टीम टाइगर के स्वास्थ्य पर नजर रखेगी। उसकी सेहत का ध्यान रखा जाएगा।

टाइगर के खौफ से करना पड़ी छुट्टियां, गायों पर हमला किया
मैनिट कैम्पस में 15 दिनों से टाइगर की मौजूदगी से हड़कंप मचा हुआ था। उसने 15 दिनों में 6 गायों पर हमला कर चुका था। जिसमें से 4 मर गईं थीं। टाइगर ने इन्हें खाया भी था। मैनिट प्रबंधन को समय से पहले स्टूडेंट्स की छुट्टियां भी लगानी पड़ी थी। टाइगर के खौफ में लोग जी रहे थे, पकड़ाने के बाद लोगों को राहत मिल गई है। यहां घूम रहे टाइगर को पकड़ लिया गया है। पिंजरे में बंधी बकरी को खाने के लालच में मेल टाइगर पिंजरे में आ फंसा।

टाइगर की रेडियो कॉलर मॉनिटरिंग
पिंजरे में फंसे बाघ की उम्र करीब ढाई साल है, लेकिन कद-काठी में वह किसी वयस्क टाइगर की तरह दिखता है। टी-21 बाघ बताया जा रहा है। उसकी हाइट और वजन अच्छा है। टाइगर को रेडियो कॉलर पहना दिया गया है। इससे उसकी मॉनिटरिंग होगी।

विशेष सुरक्षा में STR में टाइगर को लाएं
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में पिंजरे में फंसे बाघ को बेहोश किया गया। जिसके बाद उसे भोपाल से नर्मदापुरम जिले के STR लाया गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहायक क्षेत्र संचालक संदीप फैलोज की निगरानी में बाघ का विशेष वाहन से भोपाल से सुरक्षित चूरना रेंज में पहुंचा। रात में उसे बाड़े में छोड़ा गया। 15 दिन बाद जंगल में छोड़ा जाएगा। इस दौरान STR के सहायक क्षेत्र संचालक के अलावा रेंज अधिकारी भी मौजूद रहे।

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