डभौरा बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार: रीवा के मंदिर में साधू का भेस रखकर 16.54 करोड़ के गबन का आरोपी काट रहा था फरारी, 7 वर्ष बाद CID ने पकड़ा

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रीवा44 मिनट पहले
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रीवा जिले के बहुचर्चित डभौरा बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो गया है। बताया गया कि विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत डोगरा हनुमान मंदिर में 7 वर्ष से फरार आरोपी मंदिर में साधू का भेस रखकर फरारी काट रहा था। वह 16.54 करोड़ के गबन का मुख्य सूत्रधार है। यह प्रकरण मार्च 2015 में डभौरा थाने पर रजिस्टर्ड हुआ था। लेकिन ऊपर से नीचे के अधिकारियों की संलिप्तता के कारण सीआईडी को केस सौंप दिया गया।
सीआईडी डीएसपी असलम खान ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम एसपी नवनीत भसीन को एक मुखबिर से डभौरा बैंक घोटाले के मुख्य सूत्रधार की मंदिर में छिपे होने की जानकारी मिली। एसपी से इनपुट मिलने के बाद तुरंत सीआईडी की टीम उक्त मंदिर में दबिश दी। जहां 68 वर्षीय अभय कुमार मिश्रा पुत्र राम आश्रम मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी ने कहा कि पुलिस से बचने के लिए मंदिर में साधू बन गया था। पता नहीं पुलिस ने कैसे खोज निकाला है।
रीवा का सबसे बड़ा घोटाला
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में सहकारी बैंक डभौरा मैनुअल बैंकिंग से कोर बैंकिंग की ओर शिफ्ट हुआ। ऐसे में बैंक प्रबंधन से लेकर लिपिक व उनके नात रिश्तेदारों के खाते में 16.54 करोड़ ट्रांसफर किए गए। सीआईडी की मानें तो अभय कुमार मिश्रा तत्कालीन कैशियर और फिर ब्रांस मैनेजर रामकृष्ण मिश्रा का चाचा है। इस मामले में कुल 24 आरोपी बने थे। जिनमे दो लोगों को गलत डंग से नाम छोड़ दिया गया था। ऐसे में वर्तमान समय में 22 आरोपी कहलाए। 18 आरोपी पहले पकड़ में आ चुके है। 19वां आरोपी अभय कुमार मिश्रा है। इस मामले में तीन आरोपी फरार है।
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