MP में यहां जमीन उगलती है शराब!: जमीन में 7 फीट नीचे बनाए टैंक, पॉलीबैग में पैक कर बेचते हैं अवैध शराब

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गुनाएक घंटा पहले
गुना के चांचौड़ा और राघौगढ़ के दो गांव। यहां की जमीन कच्ची शराब उगलती है। शराब बनाने वाले इतने शातिर हैं कि उन्होंने जमीन में 7 फीट गहरे गड्ढे में टंकियां गाढ़ रखी है। इन टंकियों में शराब भरकर मिट्टी से ढांक रखा है। हैंडपंप के जरिए वे शराब निकालते हैं, फिर उसे पॉलीबैग में भरकर बेचते हैं।
पुलिस ने सोमवार को अवैध शराब के दो ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान हजारों लीटर कच्ची शराब जब्त की गई। इस दौरान आरोपी भाग निकले। पुलिस ने 8 आरोपियों की पहचान कर ली है। दो थानों में 8 केस दर्ज किए गए हैं।
पहले दोनों गांव के बारे में जानिए…
चांचौड़ा इलाके का भानपुरा गांव। यहां अधिकतर कंजर समुदाय के लोग रहते हैं। ये ऐसा गांव है, जहां लगभग हर परिवार कच्ची शराब बनाने का काम करता है। जगह-जगह इन्होंने कच्ची शराब बनाने के लिए उपकरण लगाए हुए हैं। इसी तरह राघौगढ़ इलाके का साकोन्या गांव। यहां भी बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बनाई जाती है।
ये दोनों गांव जंगली इलाके में ही पड़ते हैं। इसलिए यह जगह कच्ची शराब बनाने के लिए मुख्य केंद्र बनी हुई हैं। जंगल होने का फायदा पुलिस की दबिश के दौरान भी मिलता है। आरोपी फायदा उठाकर घने जंगलों में भाग जाते हैं।

जब पुलिस ने जमीन में गड्ढा खोदना शुरु किया तो एक के बाद एक ड्रम निकलते गए। पुलिस ने मौके पर ड्रमों में भरी शराब को नष्ट कर दिया।
दबिश में ये बात आई सामने
भानपुरा में चांचौड़ा SDOP दिव्य राजावत और साकोन्या में राघौगढ़ SDOP जीडी शर्मा के नेतृत्व में टीम ने एक साथ छापा मारा। पुलिस को देखते ही आरोपी भाग निकले। सर्चिंग के दौरान जमीन में अंदर शराब के ड्रम मिले। यहां कच्चे झोपड़ीनुमा घर बने हुए थे। पास में पानी का पक्का टैंक बना हुआ था। पुलिस ने खुदाई कर शराब के ड्रम निकालना शुरू किए। एक के बाद एक कई ड्रम जमीन ने उगलना शुरू कर दिए।
ड्रम के हिसाब से जमीन में गड्ढे खोदे हुए थे। हर गड्ढे की गहराई लगभग 6-7 फीट थी। इनकी चौड़ाई भी ड्रम के हिसाब से होती है। 3 फीट चौड़े ड्रम के लिए लगभग 4 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा जाता है। इसी तरह 5 फीट चौड़ाई के ड्रम के लिए लगभग 6 फीट का गढ़ बनाया जाता है। उसमें ड्रम रखकर ऊपर से मिट्टी डालकर बंद कर देते हैं। ऐसे में ऊपर से ड्रम नहीं दिखता।
हैंडपंप से निकालते हैं शराब
चांचौड़ा थाना प्रभारी रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्रवाई के दौरान ड्रम जमीन में गड़े हुए मिले। वहीं एक छोटा हैंडपंप कुछ दूरी पर गई पड़ा मिला। इसी हैंडपंप से जमीन में गड़े हुए ड्रम से आरोपी शराब निकालते हैं। फिर उन्हें छोटी थैलियों में भरकर बेचते हैं। एक छोटी थैली की कीमत लगभग 40 रुपए होती है। इसके अलावा 5-5 लीटर की कैन में भी शराब भरकर बेची जाती है।
शराब निकालने के लिए हैंडपंप का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसमें नीचे एक 8-10 फीट का पाइप जुड़ा हुआ होता है। पाइप को जमीन में अंदर गड़े हुए ड्रम में लगा देते हैं। वहीं दूसरे पाइप को बाहर रखे छोटे ड्रम में लगाकर शराब उसमे भर देते हैं। पानी निकालने वाले हैंडपंप की तरह ही यह काम करता है।

ड्रम के हिसाब से जमीन में गड्ढे खोदे हुए थे। हर गड्ढे की गहराई लगभग 6-7 फीट थी। इनकी चौड़ाई भी ड्रम के हिसाब से होती है।
हर बार बच निकलते हैं आरोपी
इन दोनों गांव में पिछले एक साल में पुलिस ने 4-5 बार कार्रवाई की है। कई बार तो अलसुबह 3-4 बजे पुलिस ने दबिशें दी हैं। इसके बाद भी आरोपी भाग निकलते हैं। पुलिस के हाथ कोई आरोपी नहीं आता। गांव में केवल महिलाएं ही मिलती हैं। वहीं हर बार लाहन और शराब बनाने के उपकरण पुलिस नष्ट कर देती है, लेकिन कुछ महीनों में ही पूरा सेटअप फिर से लगा लिया जाता है।
पिछले महीने हुआ था पुलिस पर हमला
5 सितंबर को भानपुरा गांव में पुलिस और आबकारी विभाग ने कंजरों के डेरे पर दबिश दी थी। टीम जैसे ही गांव पहुंची और डेरे के पास नाले किनारे कच्ची शराब उतार रहे लोगों की घेराबंदी की तो भटि्टयों के पास मौजूद 10-15 लोगों द्वारा लहान से भरी टंकियों और शराब को फैला दिया। वहीं पास में रखे फरसा,लुहांगी और हथियार उठाकर पुलिस से गाली गलौज करने लगे। पुलिस ने उन्हें पकड़ना चाहा तो एक दर्जन लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी।
पुलिस ने हमलावरों का पीछा किया। इस दौरान कंजरों ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी थी। इसके बाद सभी बदमाश खेत, नाले और जंगल का फायदा उठाकर वहां से भाग निकले थे। पुलिस टीम पर हमला करने वाले बदमाशों के विरुद्ध हत्या का प्रयास, बलवा सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
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