महाकाल स्तुतिगान की झलक…: सबसे पहले भास्कर में; कैलाश खेर ने लिखा, 25 सपेरे बुलाए…

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अनिरुद्ध शर्मा। नई दिल्ली/उज्जैन19 मिनट पहले

महाकाल लोक के लोकार्पण के साथ पहला स्तुतिगान भी जारी किया जाएगा। इसमें ट्रेडिशनल म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स का यूज किया गया है। स्तुतिगान में महाकाल नगरी की संरचना और वैभव शामिल है। इसे लिखने के लिए सिंगर 3 बार उज्जैन आए।

सिंगर कैलाश खेर ने महाकाल का पहला स्तुतिगान (एंथम) ‘जय श्री महाकाल…’ तैयार किया है। इसे कैलाश ने लिखा है। कम्पोज भी उन्हीं ने किया। इस एंथम को लिखने में खेर को 15 दिन लगे। वे 3 बार मुंबई से उज्जैन आए।

एंथम की कम्पोजिंग में बीन, बगलबच्चा, ऊद, रबाव, शहनाई, डमरू, शंख जैसे पारंपरिक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स का यूज किया। बीन की आवाज मशीन से नहीं निकाली, इसके लिए 25 नाथपंथी लोक कलाकार बुलाए। 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे जारी करेंगे। कैलाश खेर इसकी प्रस्तुति भी देंगे।

खेर ने यह स्तुतिगान भास्कर के साथ साझा किया है। उन्होंने कहा- हमारे किसी भी ज्योतिर्लिंग को समर्पित कोई विशेष स्तुतिगान नहीं है। ‘जय श्री महाकाल…’ एंथम महाकाल को समर्पित पहला आधिकारिक गान होगा। इसे राज्य सरकार ने तैयार कराया है। इसमें महाकाल के समूचे इतिहास का दर्शन है। मैंने गागर में सागर समाहित करने की कोशिश की है।

खेर ने कहा- मुझे पूरी उम्मीद है कि यह गान महादेव के अराधकों के अलावा संगीत प्रशंसकों को पसंद आएगा। इसमें न सिर्फ स्तुति है, बल्कि अहम जानकारियां भी हैं। इसकी बनावट में ही एक झूम और लहर है, जो श्रोताओं को थिरकने पर मजबूर करेगी। यह युवाओं में अध्यात्म को लेकर उत्सुकता पैदा करेगा। इस स्तुतिगान में पारंपरिक वाद्य यंत्रों और राग शिवरंजनी की झलक दिखेगी। युवाओं को ध्यान में रखकर गिटार भी बजेगा। इसका संयोजन मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग और खेर की कैलाशा एंटरटेनमेंट कंपनी ने संयुक्त रूप से किया है।

स्तुतिगान बनाने की कहानी, खेर की जुबानी…

पिछले साल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के समय मेरे ध्यान में आया कि इसी तरह उज्जैन में भी महाकाल लोक का लोकार्पण होना है। उसी समय मेरे मन में विचार आया कि महाकाल को समर्पित एक स्तुतिगान होना चाहिए। छह महीने पहले शिप्रा नदी के बीचों-बीच बने मंच पर ‘कैलाशा लाइव इन कंसर्ट’ का आयोजन हुआ था। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेरे साथ एक पंक्ति भी गाई ‘जय जयकारा…।’

मंच से ही उन्होंने महाकाल पर गीत बनाने का आमंत्रण दिया। मैंने वहीं हामी भर दी। स्तुतिगान का भाव व उद्गार तो एक बार में ही मन में आ गया था, लेकिन इसके इतिहास, पौराणिकता, महिमा, प्रासंगिकता जैसे पहलुओं को भी गीत में लाना जरूरी था। इसलिए इस बारे में संपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए मैं 3 बार मुंबई से उज्जैन गया। इसके बाद 15 दिन में गान के बोल तैयार किए गए।

जय श्री महाकाल’ गान में राग शिवरंजनी की झलक दिखाई देगी। पहली बार भारत की किसी संगीत रचना में बीन का लाइव प्रयोग किया गया है, यानी मशीन से बीन नहीं बजवाई है। इसके लिए मेवात से नाथ संप्रदाय के 25 कलाकारों को बुलाया गया था। ये कलाकार सपेरों की तरह गलियों में घूम-घूमकर बीन नहीं बजाते।

गान में बीन के अलावा बगलबच्चा, ऊद, रबाव, शहनाई, डमरू, शंख की ध्वनि भी शामिल की गई है। युवाओं को ध्यान में रखते हुए गिटार भी बजाया गया है। कुल 40 वाद्य कलाकार हैं। 11 अक्टूबर को उज्जैन में मेरे साथ 21 सहगायक बतौर कोरस गाएंगे।

वैसे उज्जैन में पहले भी दो-तीन बार परफॉर्म कर चुका हूं। एक बार तो महाकाल प्रांगण में ही कार्यक्रम हुआ था। सच कहूं तो महाकाल से मेरा गहरा नाता है। मैं बचपन में मंदिर में पला हूं। शिव का ही उपासक हूं, इसलिए भगवान महादेव का प्रभाव मेरे व्यक्तित्व पर आ गया है। शिव हमें प्रेरणा देते हैं कि कटुताएं, विषमताएं तो जीवन में आएंगी ही, लेकिन कर्मठता और निष्ठा के बल पर पथभ्रष्ट नहीं होंगे।

11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे PM नरेंद्र मोदी

महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे हैं। वे कार्तिक मेला ग्राउंड पर जनसभा करेंगे। यहां कैलाश खेर परफॉर्मेंस देंगे। इसके बाद ये स्तुतिगान सोशल मीडिया पर रिलीज किया जाएगा। महाकाल लोक में श्रद्धालु 900 मीटर से अधिक बढ़े कॉरिडोर पर इस गान को सुन सकेंगे। मंदिर परिसर में भी श्रद्धालुओं को मंत्रों के साथ महाकाल का ये स्तुतिगान भी सुनाया जाएगा।

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महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे मोदी

उज्जैन आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल मंदिर में जल नहीं चढ़ा सकेंगे। PM गर्भगृह में रहकर सिर्फ सूखी पूजा कर सकेंगे। उज्जैन प्रशासन ने संध्या आरती में PM के शामिल होने की जानकारी समिति को दी है। प्रशासन के पास आए प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, PM शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के महाकाल मंदिर पहुंचने का समय संध्या का है। प्रधानमंत्री शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। र्शन-पूजन के बाद शंख द्वार से बाहर आकर नंदी द्वार पहुंचकर श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे।

महाकाल लोक में मूर्तियां सुनाएंगी शिव महिमा…

उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी। भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं। ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी। ‘उमा’ नाम का एप डाउनलोड करना होगा। इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से 2 दिन पहले तक इसकी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके लिए ऑडियो फॉर्मेट भी तैयार हो चुका है। महाकाल लोक में 500 डिवाइस लगाई जा रही हैं।

12 हजार घरों की गंदगी मोड़ तालाब जिंदा कर दिया

महाकाल प्रोजेक्ट के दौरान आठ महीने बाद उज्जैन में बदलाव की एक और बड़ी तस्वीर सामने आई है। यहां महाकाल पथ से सटा हुआ रुद्रसागर तालाब निखर उठा है। आठ महीने पहले तक यहां इतनी जलकुंभी थी कि पानी ढूंढना मुश्किल था। तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 लोगों ने डेढ़ महीने जलकुंभी हटाने के लिए दिन-रात एक कर दिए। 2016 के सिंहस्थ के बाद पहली बार इस तालाब पर फोकस किया गया। यहां क्लिक करें

यहां देश का पहला नाइट गार्डन; काशी विश्वनाथ से चार गुना बड़ा प्रोजेक्ट

मध्यप्रदेश में दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा ‘महाकाल लोक’ उत्तरप्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को ‘महाकाल लोक’ के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। PM मोदी का महीनेभर के अंदर मध्यप्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले PM कूनो नेशनल पार्क आ चुके हैं।

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