मातृ चिंतन कार्यशाला: रिटायर्ड आईएएस सूरज डामोर ने कहा- जन्म के पहले से मृत्यु के बाद तक संस्कार चलते हैं

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बुरहानपुर42 मिनट पहले
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संस्कृति ही हमारे संस्कार हैं। जन्म के पहले से मृत्यु के बाद तक संस्कार चलते हैं। आज कहीं न कही हम धर्म व संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। बच्चों को प्रारंभ से संस्कार देंगे, हमारे सनातन धर्म की संस्कृति, देश भक्ति का ज्ञान देंगे तब ही राष्ट्र का निर्माण होगा।
यह बात शहर के गुर्जर भवन में विश्वमांगल्य सभा बुरहानपुर लोक प्रतिनिधि परिवार संपर्क विभाग द्वारा आयोजित मातृचिंतन कार्यशाला में पूर्व आईएएस व विश्व मांगल्य सभा की प्रदेश अध्यक्ष सूरज डामोर ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी कहा गया है कि बच्चे की पहली गुरू मां होती है। अगर हम संस्कृति और शास्त्र के अनुसार 16 संस्कार भी हमारे बच्चों को दे पाएं तो सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। प्रांत संगठन मंत्री पूजा पाठक ने विश्वमांगल्य संस्था के उद्देश्य से अवगत कराते हुए कहा यह गैर-राजनैतिक संस्था है जिसकी नींव नागपुर में रखी गई और आज पूरे देश में यह संस्था कार्य कर रही है। मातृशक्ति वह शक्ति है जो अपने परिवार का कभी पतन नहीं होने देती है। आज परिवार के संस्कारों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
जिस घर में नारी का सम्मान उस घर में मां लक्ष्मी का वास- पाटिल
मातृचिंतन कार्यशाला की आयोजक व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जयश्री ज्ञानेश्वर पाटील ने कहा कि मातृशक्ति की महत्ता का वर्णन करते हुए महर्षि गर्ग कहते है कि जिस घर मे नारी का सम्मान होता है, वहीं मां लक्ष्मी का वास होता है। अध्यक्षता करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा आज के दौर में मां की भूमिका कठिन व चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि परिवार की अपेक्षाएं बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि महिलाएं संस्कार रूपी रथ की सारथी है। महापौर माधुरी अतुल पटेल ने कहा इस देश और समाज को बनाने में मां की महत्वपूर्ण भूमिका है। अच्छे संस्कारों से ही राष्ट्र का निर्माण होगा। कार्यशाला में मुख्य अतिथि सूरज डामोर, पूजा पाठक का स्वागत खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा किया गया।

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