एंकर बनने गया था, लाश लौटी: भाई बोले-संगति खराब थी, बस PM रिपोर्ट का इंतजार

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रीवा18 मिनट पहले
भोपाल में हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर योगेश गुप्ता (34) की क्रिकेट खेलते समय मौत हो गई। रीवा के मनगवां में रहने वाले परिजन नहीं समझ पा रहे कि अचानक ये क्या हो गया। मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिता भी सदमे में हैं। योगेश खुद की कंपनी खोलना चाहते थे। गम के साथ ही परिवार में गुस्सा भी है।
योगेश के पिता भगवानलाल गुप्ता कहते हैं कि जिस बेटे को पाई-पाई जुटाकर बड़ा किया, वह हमारे बीच नहीं है। उनका कहना है योगेश की संगति ठीक नहीं थी। अब बस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। भाई ने कहा- कुछ गड़बड़ हुई तो किसी को नहीं छोड़ेंगे।
दैनिक भास्कर ने भगवान लाल और योगेश के बड़े राजेश गुप्ता से बातचीत की। पढ़िए…
मनगवां कस्बे का वार्ड क्रमांक 14 मोहल्ला। यहां योगेश के परिवार की कपड़े की पुश्तैनी दुकान है। दुकान पर पिता भगवान लाल गुप्ता और बड़े राजेश गुप्ता बैठते हैं। मंझले भाई बृजेंद्र गुप्ता पुणे में इंजीनियर हैं। योगेश सबसे छोटा था। गुरुवार को दुकान तो खुली थी, लेकिन रोजाना जैसा माहौल नहीं था। ग्राहकी भी नहीं थी। यहां पिता और परिवार के अन्य सदस्य बैठे थे। भगवान लाल गुप्ता का बात करते हुए गला भर आया। ज्यादा कुछ नहीं बोल सके। रोते हुए कहते हैं- हम अक्सर उसे कहते थे, बेटा घर अच्छा है, लेकिन उसने नहीं सुनी। योगेश मनगवां के ही सरस्वती शिशु मंदिर में 12वीं तक पढ़ा। इसके बाद भोपाल के टीआईटी कॉलेज में दाखिला ले लिया। वहां से इंजीनियरिंग की। वहीं नौकरी भी करने लगा।
बड़े भाई की बात को अनसुना कर दिया
योगेश के बड़े भाई राजेश ने बताया, मैं छोटे को अक्सर कहता था कि मनगवां आ जाओ। यहां मनगवां बस स्टैंड पर कपड़े का व्यापार करते हैं, लेकिन वह एंकर बनना चाहता था। उसे नेटवर्किंग कंपनी में काम करने में मजा आता था। उसे एक बार जिद कर घर बुलवा लिया, लेकिन जुलाई की शुरुआत में 5 दिन के लिए भोपाल जाने का बहाना कर चला गया। फिर नहीं लौटा। सुनने में आ रहा है कि उसके दोस्त अच्छे नहीं थे। हालांकि पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद असली वजह सामने आएगी।

रीवा के मनगवां में योगेश के पिता कपड़े की दुकान चलाते हैं। उनके साथ बड़ा बेटा राजेश भी दुकान पर रहता है। उन्होंने कहा कि बेटे योगेश को कई बार घर आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। 5 दिन का कहकर भोपाल गया था।
दोस्त ने फोन किया… योगेश नहीं रहा
परिवार के सदस्यों ने बताया, योगेश के दोस्त सतेन्द्र सिंह और नीरज देशमुख ने कॉल आया। उन्होंने कहा- योगेश क्रिकेट खेल रहा था, अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा। अस्पताल लेकर पहुंचे। शुरुआती इलाज वेदांता अस्पताल में चला। फिर चरक अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां के डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए। हमीदिया अस्पताल भोपाल में योगेश ने दम तोड़ दिया।
खुद की कंपनी बनाना चाहता था
राजेश गुप्ता ने बताया कि पहले लॉकडाउन तक योगेश ‘दीपक एनर्जी कंपनी’ में काम करता था। इसके बाद ‘फाइटोसेल लाइफ’ में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्य करने लगा। नेटवर्किंग कंपनी में कार्य करने में उसकी रुचि थी। वह खुद की कंपनी बनाना चाहता था। जब भी उसने पैसे मांगे, हमने दिए। कभी रूम का किराया, तो कभी खाने का खर्च।

योगेश एंकर बनने के लिए भोपाल आए थे। यहीं के कॉलेज से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनकी रुचि नेटवर्किंग फील्ड में थी तो एक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने लगे। वह खुद की कंपनी बनाना चाहते थे।
चचेरे भाई ने कहा- फिटनेस फ्रीक था योगेश
योगेश के चचेरे भाई ने बताया, योगेश फिटनेस फ्रीक था। बॉडी देखकर भरोसा नहीं हो रहा कि उसे हार्ट अटैक आ सकता है। देखने में अच्छा खासा था। हम लोग पीएम रिपोर्ट तक शांत बैठे हैं। अगर कुछ गड़बड़ हुई, तो दोस्तों को नहीं छोड़ेंगे। भोपाल पुलिस ने भी भरोसा दिया है। कहा है- मर्ग कायम पर प्रकरण की जांच कर रहे हैं।
सिगरेट की लत थी… घर से मिलीं कई डिब्बियां
ASI भारत सिंह मीणा ने बताया कि वे भोपाल में योगेश के घर पहुंचे। वहां छानबीन की गई। घर में सिगरेट की कई डिब्बियां मिली हैं। उसके दोस्तों से भी पता चला है कि उसे स्मोकिंग की लत थी। ज्यादा सिगरेट पीना भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है।
अब जानिए आखिर कैसे आया हार्ट अटैक…

मंगलवार शाम को भोपाल के पिपलानी इलाके में योगेश क्रिकेट खेल रहा था। क्रिकेट खेलने के दौरान उसकी अचानक सांस फूली। सीने में दर्द होने लगा। दोस्त उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बुधवार को पीएम के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया था। पोस्टमार्टम के बाद परिवार शव लेकर रीवा रवाना हुए। गुरुवार सुबह 6 बजे शव मनगवां कस्बे पहुंचा, तो माहौल गमगीन हो गया। 10 बजे तक रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद योगेश का अंतिम संस्कार किया गया। यहां क्लिक करें।
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