सीहोर में अखाड़ों पर सेमिनार 9 को: आधुनिकीकरण और मार्शल आर्ट, जूडो कराटे के उपयोग पर होगी चर्चा

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सीहोर5 घंटे पहले
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सीहोर में पहली बार ऐसा आयोजन होने जा रहा है। जिसमें सभी अखाड़ों का आधुनिकीकरण और शस्त्र की पर्याप्त उपलब्धता के लिए सेमिनार होगा। यह बड़ा और गरिमामयी कार्यक्रम 9 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे क्रिसेंट ग्रीन में होगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है, इसके आयोजक जिले के वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय है।
अखाड़ा यूं तो कुश्ती से जुड़ा हुआ शब्द है, मगर जहां भी दांव-पेंच की गुंजाइश होती है, वहां इसका प्रयोग भी होता है। पहले आश्रमों के अखाड़ों को बेड़ा अर्थात साधुओं का जत्था कहा जाता था। हालांकि, कुछ ग्रंथों के मुताबिक अलख शब्द से ही ‘अखाड़ा’ शब्द की उत्पत्ति हुई है। ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी सिद्धपुर जिसे अब सीहोर कहा और जाना जाता है।
यहां के अखाड़ो का भी पुराना इतिहास है, इस गौरवशाली परंपरा को यहाँ के लोगो ने कड़ी मेहनत और लगन से कायम रखा है। हर बड़े त्यौहार पर अखाड़ो के खलीफाओं, उस्तादों , कलाकारों और पहलवानों ने आपका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर अपना लोहा मनवाया है। देश – विदेश में पहलवानों ने अपनी विजय पताका फेहरा कर सीहोर का गौरव बढ़ाया है। आज भी नई पीढ़ी कसरत और मजबूत शरीर के लिए प्रतिदिन अखाड़ो में जाकर वर्क आउट करती है। उल्लेखनीय है कि अखाड़ों से जुड़े संतों के मुताबिक जो शास्त्र से नहीं मानते, उन्हें शस्त्र से मनाने के लिए अखाड़ों का जन्म हुआ। इन अखाड़ों ने स्वतंत्रता संघर्ष में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह होगा आयोजन
यह बड़ा और गरिमामयी सेमिनार कार्यक्रम रविवार 9 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे क्रिसेंट ग्रीन में अखाड़ो का आधुनिकीकरण एवं शस्त्र की पर्याप्त उपलब्धता के लिए सेमिनार होगा। जिसमे जिले के वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय ने सभी अखाड़ो के उस्ताद और पहलवानो को सादर आमंत्रित किया है। इस बात का प्रयास किया जाएगा की अखाड़ो में परंपरागत दांव पेंच सीखने सिखाने के साथ मार्शल आर्ट, जूडो कराटे की ट्रेनिंग का भी समावेश किया जाएगा।
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