बारिश ने डाला पुतला दहन में खलल: रामलीला में हुआ रावण वध, नहीं जल पाया पुतला, बाजार में लोग करते रह गए झांकियों का इंतजार

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सतनाएक घंटा पहले
मौसम विभाग के अलर्ट के बीच मनाए गए विजयादशमी पर्व पर बारिश का साया रहा। बुधवार की शाम अचानक मौसम का मिजाज कुछ ऐसा बदला कि सतना में रामलीला के मंच पर तो रावण का वध हुआ लेकिन राम के तीर से पुतला दहन नहीं हो सका। हालांकि, एक जगह बाद में नन्हें दिवंकर ने यह परंपरा पूरी की लेकिन तब तक रामलीला के राम और लक्ष्मण समेत सभी अतिथि वापस जा चुके थे। जबकि दूसरी जगह पुतला खड़ा ही रह गया।
दशहरे पर इस बार सतना में दो जगह रावण का पुतला दहन किया जाना था। बिहारी रामलीला समाज ने जावहार नगर स्टेडियम में रामलीला का मंचन हमेशा की तरह किया था तो डालीबाबा रामलीला समाज का रावण मैत्री बाग में खड़ा था। मैत्री बाग में शाम 4 बजे पुतला दहन होना था तो उसके बाद जवाहर नगर स्टेडियम में रावण वध की लीला का मंचन कर पुतला जलाया जाना था। लेकिन इसके पहले ही रावण- कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों पर मेघ मेहरबान हो गए। मौसम का मिजाज कुछ ऐसा बदला कि लगभग पौने 4 बजे से ही सतना शहर में जोरदार बारिश शुरू हो गई। रुक रुक कर होती रही बारिश के बीच दोनो स्थानों पर रामलीला का मंचन तो हुआ और राम-रावण संग्राम में दशानन का वध भी हुआ लेकिन बारिश के कारण पुतला नहीं जल सका।
जवाहर नगर स्टेडियम में काफी देर तक लोगों ने बारिश थमने का इंतजार किया लेकिन जब वर्षा की रफ्तार में कमी नहीं आई तो कलेक्टर-एसपी ने भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का पूजन कर आरती उतारी और रवाना हो गए। कुछ देर बाद राम सीता और लक्ष्मण तथा अन्य अतिथि भी चले गए।
एकबारगी तो ऐसा लगा कि इस बार रावण-कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतला दहन की परंपरा का निर्वाह संभव नही हो पाएगा लेकिन इसी बीच लगभग 7 बजे बारिश का दौर थोड़ा कमजोर पड़ा। लेकिन तब तक वहां से राम,सीता और लक्ष्मण जा चुके थे लिहाजा बिहारी रामलीला समाज के अध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी के पुत्र दिवंकर चतुर्वेदी ने इस बार रावण का पुतला दहन किया।










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