भोपाल का अनूठा मार्केट, जहां बिकते हैं ‘रावण’: 5 से 70 फीट तक के पुतले; अबकी बार 7 हजार से ज्यादा बनाए

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भोपाल5 मिनट पहले
यूं तो आपने बहुत सारे बाजार देखे होंगे, लेकिन शायद ही अनूठा ‘रावण’ देखा हो। आज हम आपको एक ऐसे बाजार में लेकर चलते हैं, जो भोपाल ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में अनूठा है। भोपाल के बांसखेड़ी, ईंटखेड़ी और तुलसीनगर में लगने वाले इस मार्केट में सिर्फ ‘रावण’ ही बिकते हैं। वह भी 50-100 नहीं बल्कि पूरे 7-8 हजार। जी हां, यह मार्केट रावण के पुतलों का है, जो दशहरे से कुछ दिन पहले ही गुलजार होता है। यहां 5 से 70 फीट तक के पुतले मिल जाते हैं। रंग-बिरंगे कपड़ों और पेपर से सजे पुतलों को देखकर आपके भी कदम कुछ देर के लिए रूक जाएंगे।
दशहरे पर शहर में 30 से ज्यादा बड़े कार्यक्रम होते हैं। जहां पर 50 से 70 फीट तक ऊंचे पुतलों का दहन किया जाता है। इनके अलावा गली-मोहल्लों में भी पुतलों का दहन होता है। इसके चलते ही रावण के पुतलों का एक नया बाजार बन गया।
इसलिए उत्साह बढ़ा
अबकी बार दशहरे को लेकर कोई बंदिशें नहीं है। ऐसे में दशहरा उत्सव समितियां और लोग रावण दहन की तैयारियों में जुटे रहे। कोरोना के चलते दो साल से रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर नहीं मना है। पिछले साल श्रीराम चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से निकलें तो रामलीला का मंचन नहीं किया गया था। वहीं, मैदान या हॉल की कैपेसिटी से 50% लोग ही शामिल हो सके थे। इस बार ऐसी कोई बंदिशें नहीं होने से तैयारियां भी जमकर की गई है।

भोपाल के बांसखेड़ी में लगा रावण के पुतलों का मार्केट।
नवरात्रि में एडवांस बुकिंग, अब लेकर जा रहे पुतले
ईंटखेड़ी, बांसखेड़ी, तुलसीनगर, लिंक रोड-2 समेत कई इलाकों में 300 से ज्यादा कारीगर परिवार समेत पुतले तैयार करने में लगे हैं। वे 5 से 70 फीट तक ऊंचे पुतले बना रहे हैं। नवरात्रि में पुतलों की एडवांस बुकिंग की गई। मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग पुतले खरीदने पहुंचे।
बारिश ने बिगाड़ा खेल
इधर, दशहरे को लेकर बारिश ने भी खेल बिगाड़ दिया है। मंगलवार को शहर में बूंदाबांदी हुई। वहीं, दशहरे दिन भी बारिश होने के आसार जताए हैं। ऐसे में कारीगर परेशान नजर आए। कारीगर राजा बाबू ने बताया कि अबकी बार पुतलों के निर्माण में महंगाई का साया है। इस कारण पुतले 20% तक महंगे हो गए हैं, लेकिन बारिश होने की संभावना के चलते कम कीमत पर पुतले बेच रहे हैं।

बारिश के चलते रावण के पुतलों की बिक्री पर असर पड़ा है। हालांकि, कारीगरों को उम्मीद है कि उनके सारे पुतले बिक जाएंगे।
पिछली बार ये भी रोक, अबकी बार कुछ नहीं
- दशहरे पर श्रीराम चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से निकलेंगे।
- दशहरे पर रामलीला का मंचन भी किया जा सकेगा, लेकिन मैदान या हॉल की कैपेसिटी से 50% लोग ही शामिल हो सकेंगे।
- रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की शर्त पर आयोजन समिति कर सकेगी। इससे पहले SDM से परमिशन लेना जरूरी होगी।
- रावण दहन के वृहद आयोजन जिनका स्वरूप मेले समान होता है, की अनुमति नहीं होगी।
- कोरोना संक्रमण को देखते हुए बचाव के उपाय किए जाने जरूरी होंगे।
- (नोट: इस बार कोरोना का संक्रमण कम है। इसलिए दशहरे को लेकर गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है।)
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