मरीह माता मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का मेला: आयोजित भंडारे में 10 हजार कन्याओं सहित 40 हजार श्रद्धालुओं को बांटी प्रसादी

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सीहोर42 मिनट पहले
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सीहोर के विश्राम घाट स्थित चौसट योगिनी मरीह माता के दरबार में नवमीं को श्रद्धालुओं भीड़ लग गई। माता के दर्शनों के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का दौर शुरू हो गया। मंदिर के बाहर दिनभर श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। इस मौके पर माता का विशेष श्रृंगार किया गया। मंगलवार को मंदिर परिसर में 10 हजार से अधिक कन्याओं सहित चालीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने विशाल भंडारे में प्रसादी ग्रहण की।
भंडारे में 10 क्विंटल दूध से खीर, 6 क्विंटल बेसन की नुक्की और 15 क्विंटल से अधिक आटे की पूड़ी की प्रसादी का भोग देवी का लगाया गया था। यहां पर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु नवरात्रि पर मां के दर्शन करने आते है और प्रसादी ग्रहण करते है।
सुबह से ही श्रद्धालु कतार में लग कर मां के नौवें स्वरूप का दर्शन-पूजन कर रहे थे। पूरे परिसर में मेला जैसा माहौल था। हवन यज्ञ में पड़ रही आस्था की आहूति से पूरा वातावरण सुगंध व मां शेरावाली के जयकारों से गुंजायमान था। यहां भक्त बड़ी संख्या में हवन भी कर रहे थे और आस्था के अनुरूप लोग कन्याओं को भोजन करा रहे थे।
करीब 150 साल प्राचीन मरीह माता के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा ने बताया कि हर साल शरदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर नौ देवियों की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल भी यहां पर महाष्टमी पर महानिशा महाआरती और विशेष अनुष्ठान का आयोजन हुआ। घंटे-घड़ियालों की ध्वनि और माता के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।
इसके अलावा यहां पर मंगलवार की सुबह हवन-यज्ञ का आयोजन पंडित उमेश दुबे, गोविन्द मेवाड़ा, मनोज दीक्षित मामा, रितिश अग्रवाल, सुनील चौकसे, रामेश्वर सोनी सहित अनेक लोगों की मौजूदगी में किया गया था। सुबह सात बजे से हवन की क्रियाओं के पश्चात पूर्णाहुजि और आरती का आयोजन किया गया था। इसके उपरांत पंडित श्री दुबे ने बताया कि मां सिद्धिदात्री नवदुर्गाओं में अंतिम हैं।
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