पुलिस कस्टडी से भागा हत्यारा पकड़ा: फरारी काटने बन गया था संत, उसे पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच को भी सुननी पड़ी कथा

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ग्वालियरएक घंटा पहले

घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज इस तरह सड़क पर दौड़ लगाता भागा था आरोपी

  • आठ दिन बाद पुलिस हाथ-पांव बांधकर लाई

ग्वालियर पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर आठ दिन पहले पुलिस कस्टडी से फरार हुआ छात्र की हत्या का आरोपी झांसी के बरुआ सागर में संत बन गया था। फरारी काटने वह एक मंदिर में चल रही भागवत कथा की मंडली में शामिल होकर वहीं रह रहा था। रोज संतों के साथ भोजन कर रहा था। पर पुलिस की नजर से वह ज्यादा नहीं बच पाया।

पुलिस ने उसे सोमवार को भागवत कथा सुनते समय उठा लिया है। इसके लिए दो दिन पुलिस को भी वहां कथा सुननी पड़ी। इसके बाद अपहरण और हत्या के आरोपी जयपाल उर्फ मुकेश परिहार को पुलिस हाथ पैर बांधकर गाड़ी में डालकर ग्वालियर लाई है। क्राइम ब्रांच ने ग्वालियर लाकर उसकी अपने अंदाज में काफी सेवा की है। अब अफसर उससे पूछताछ कर रहे हैं।

आरोपी मुकेश परिवार 8 दिन बाद फिर पकड़ा

आरोपी मुकेश परिवार 8 दिन बाद फिर पकड़ा

यह है पूरा मामला
बहोडा़पुर इलाके में रहने वाले प्रंकुल शर्मा का जयपाल उर्फ मुकेश परिहार और उसके साथियों ने साल 2013 में अपहरण कर लिया था। बाद में डबरा के पास सिंध नदी में ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद भी आरोपी उसके परिवार से फिरौती की मांग करते रहे थे। बाद में इस बच्चे की लाश शिवपुरी में बरामद की गई थी। मुकेश के माता-पिता भी इस वारदात में शामिल रहे थे। इस मामले में कुल 9 आरोपी थे और 8 पहले ही पकड़े जा चुके हैं। मुकेश ही फरार था। वह जयपाल नाम से दिल्ली में रह रहा था। 23 सितंबर को पुलिस ने उसे दिल्ली से पकड़ा था। जब जयपाल उर्फ मुकेश छात्र के अपहरण और हत्या की वारदात में शामिल हुआ था तो वह 16 साल का था। उसके नाबालिग होने के कारण पुलिस गलफत में थी। 9 साल बाद अब वह 25 का हो गया है। उसकी उम्र को लेकर ही छानबीन करने बहोड़ापुर पुलिस की टीम SI मोहनसिंह, हवलदार रवि पाठक 24 सितंबर को उसे लेकर घासमंडी स्थित उसके स्कूल श्रीकृष्ण मेमोरियल शासकीय स्कूल पहुंचे थे। यहां वह उसकी अंकसूची को लेकर बात कर रहे थे। उसका एक हाथ रस्सी से बांधकर हवलदार पकड़े हुए था। इसी बीच वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया था।
आठ शहरों में तलाश तब मिला आरोपी
डीएसपी क्राइम ऋषिकेष मीणा व रत्नेश सिंह तोमर ने बताया कि फरार आरोपी की तलाश में क्राइम ब्रांच को लगाया गया था। आरोपी को तलाशते हुए क्राइम की टीम गाजियाबाद पहुंची और यहां से क्लू मिला कि वह दिल्ली गया है। दिल्ली पहुंचने पर पता चला कि वह वापस मथुरा होते हुए झांसी, निवाड़ी, पृथ्वीपुर, मऊरानीपुर होते हुए बरूआ सागर पहुंचा है। इसका पता चलते ही क्राइम ब्रांच की टीम दो दिन पहले बरूआ सागर पहुंची और यहां से उसे दबोच लिया। मुकेश यहां पर आयोजित हो रही भागवत कथा में कथा का श्रवण कर रहा था। दो दिन भागवत में तलाश के बाद क्राइम ब्रांच के हाथ आरोपी लगा है।
पुलिस से बचने मोबाइल किया था बंद
पड़ताल में पता चला है कि आरोपी ने फरार होने के बाद ही अपना मोबाइल बंद कर लिया था, क्योंकि वह जानता था कि पुलिस मोबाइल से उसे ट्रेक कर लेगी। उसकी यह सावधानी उसके खिलाफ हथियार बन गई, क्योंकि क्राइम ब्रांच की टीम उसके पीछे लगी थी और उसके जाने का रास्ता तलाशते हुए आगे बढ़ी, मोबाइल बंद होने के कारण उसे जानकारी नहीं मिली कि क्राइम ब्रांच पीछे लगी है और उसे दबोच लिया।
एक बार स्टार्ट हुई कार ग्वालियर आकर ही रूकी
आरोपी के भागने की हरकत से वाकिफ क्राइम ब्रांच ने उसे कार में इस तरह बैठाया कि वह भाग ना सके और इसके हाथ और पैर बांध दिए। एक बार स्टार्ट हुई कार सीधे ग्वालियर आकर ही रूकी। इसके बाद भी उसकी निगरानी के लिए चार जवान तैनात रहे, जिससे किसी तरह की लापरवाही ना हो।

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