भावनाएं बयां: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हुए दिग्विजय ने रहीम के दोहे से बयां की भावनाएं

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भोपाल40 मिनट पहले

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  • दिग्विजय द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त किए जाने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस दोहे के अर्थ लगाए जाने लगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रहीम के दोहे से अपनी भावनाएं व्यक्त की। रहीम का यह दोहा है ‘चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह, जिनको कछु न चाहिए, वे साहन के साह। रहीम का यह दोहा दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस दोहे का अर्थ है, जब किसी बात की चाहत खत्म हो जाए तो मन बेपरवाह हो जाता है, जिसे कुछ नहीं चाहिए वही राजाओं का राजा होता है।

दिग्विजय द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त किए जाने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस दोहे के अर्थ लगाए जाने लगे। मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की सहमति के बाद शुक्रवार को दिग्विजय अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गए थे और खड़गे के प्रस्तावक बन गए थे। दिग्विजय यह पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि मुझे पहले पता चल जाता कि खड़गेजी अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं तो मैं फाॅर्म लेने ही नहीं जाता।

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