महाकाल लोक में मूर्तियां सुनाएंगी शिव महिमा: उज्जैन में म्यूरल और मूर्तियों पर लगेंगे 500 डिवाइस, QR कोड स्कैन करते ही मिलेगी जानकारी

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उज्जैन27 मिनट पहलेलेखक: आनंद निगम

उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी। भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं। ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी। ‘उमा’ नाम का एप डाउनलोड करना होगा। इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से 2 दिन पहले तक इसकी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। इसके लिए ऑडियो फॉर्मेट भी तैयार हो चुका है। महाकाल लोक में 500 डिवाइस लगाई जा रही हैं।

पढ़िए, कैसे श्रद्धालु सुन सकेंगे शिव महिमा, क्या करना होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। पीएम मोदी महाकाल पथ पर नंदी गेट में दीप प्रज्ज्वलन के बाद दीवारों पर अंकित शिव महिमा के म्यूरल को देखेंगे। वे कमल सरोवर तक जाएंगे। इसके बाद ई-रिक्शा से महाकाल पथ पर घूमेंगे। महाकाल पथ पर चलने के लिए 12 इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी आ चुकी हैं। शाम का कार्यक्रम इसलिए फिक्स किया गया है, क्योंकि महाकाल पथ का सौंदर्य देर शाम को विद्युत सज्जा के बाद और ज्यादा निखरता है। महाकाल पथ के लोकार्पण के बाद पीएम मोदी जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए इसे खोल दिया जाएगा।

महाकाल के नए आंगन में प्रवेश करते ही किसी श्रद्धालु को मूर्तियों और म्यूरल पर अंकित शिव महिमा से जुड़ी जानकारी चाहिए तो वह मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन कर ले सकते हैं। अगर श्रद्धालु पूरी कहानी ऑडियो के माध्यम से जानना चाहते हैं तो महाकाल मंदिर के नंदी द्वार के सामने बने ऑफिस से ऑडियो डिवाइस लेना होगा, जिससे स्कैन करते से ही पूरी कथा जान सकते हैं।

ऐसे काम करेगा ऑडियो डिवाइस
महाकाल लोक में प्रवेश से पहले नंदी द्वार के पास कार्यालय होगा। यहां से श्रद्धालुओं को शुल्क देकर ऑडियो डिवाइस लेना होगा। इसके बाद वो जिस भी मूर्ति या म्यूरल के बारे में जानना चाहते हैं, उसके नीचे लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। स्कैन करते ही उस मूर्ति के बारे में जानकारी मिल जाएगी।

डिवाइस तैयार, आवाज तय नहीं
शिव महिमा और उनकी जानकारी जिस डिवाइस से मिलेगी, वो लगभग तैयार है। जिस ऑडियो को लेना है, उसका काम भी पूरा है, लेकिन अब तक ऑडियो किसकी आवाज में होगा, ये तय नहीं हो पाया है। हालांकि, कंटेंट पूरा हो चुका है।

फिलहाल 4 भाषाओं का ऑप्शन
महाकाल लोक में 52 म्यूरल, 80 स्कल्प्चर और 200 मूर्तियां हैं, जो भगवान शिव की कहानी बताती हैं। स्कैन करते ही भाषा सिलेक्शन का भी ऑप्शन मिलेगा। फिलहाल, शुरुआत में हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी में जानकारी मिलेगी। भविष्य में अन्य भाषा के ऑप्शन भी मिलने लगेंगे।

एप करना होगा डाउनलोड
श्रद्धालु अपने मोबाइल से भी स्कैन कर ऑडियो सुन सकेंगे, लेकिन उन्हें मोबाइल में ‘उमा’ नामक एप डाउनलोड करना होगा। इससे स्कैन होते ही म्यूरल (भित्ति चित्र) या मूर्ति का कोड डालना पड़ेगा, जिसके बाद शिव महिमा की कहानी सुनाई देगी।

छोटे-बढ़े रूप में कहानी सुनने का भी ऑप्शन
प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड स्कैन करते समय बड़ी और छोटी कहानी सुनने का ऑप्शन भी मिलेगा। इसके लिए 500 डिवाइस महाकाल मंदिर पहुंच चुकी हैं। सप्तऋषि मंडल समेत सबसे बड़ा म्यूरल शिव विवाह का लगाया गया है। शिव विवाह की जानकारी भी ली जा सकेगी।

अब जानते हैं महाकाल प्रोजेक्ट के बारे में
793 करोड़ रुपए के महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को लगभग फाइनल टच दिया जा चुका है। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका और रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट शामिल है। प्रोजेक्ट दो तरह से तस्वीर बदलेगा। पहला- दर्शन आसान होंगे। दूसरा- दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे। कैंपस में घूमने, ठहरने, आराम करने से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि 30 सितंबर तक पहले फेज के सभी काम पूरे कर लिए गए हैं। इसके बाद मंदिर का क्षेत्रफल 47 हेक्टेयर हो जाएगा।

अब मंदिर के बारे में जान लीजिए…
एक कहानी के अनुसार दूषण नामक असुर से मानव की रक्षा के लिए महाकाल प्रकट हुए थे। असुर के वध के बाद भक्तों की प्रार्थना पर बाबा ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हुए। इसके बाद रानाजीराव शिंदे ने 1736 में मंदिर का निर्माण करवाया। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव विराजित हैं। मंदिर के 3 भाग हैं, सबसे नीचे गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग है। भगवान शिव के साथ यहां माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय विराजमान हैं। बीच वाले हिस्सें मे ओंकारेश्वर मंदिर और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। महाकाल ही एक मात्र मंदिर है, जहां भस्मआरती होती है।

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मध्यप्रदेश में दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा महाकाल परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। PM मोदी का महीनेभर के अंदर मध्यप्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन प्रवास के दौरान दी। यहां क्लिक कर पढ़िए पूरी बदलाव की कहानी

12 हजार घरों की गंदगी मोड़ तालाब जिंदा कर दिया
महाकाल प्रोजेक्ट के दौरान आठ महीने बाद उज्जैन में बदलाव की एक और बड़ी तस्वीर सामने आई है। यहां महाकाल पथ से सटा हुआ रुद्रसागर तालाब निखर उठा है। आठ महीने पहले तक यहां इतनी जलकुंभी थी कि पानी ढूंढना मुश्किल था। तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 लोगों ने डेढ़ महीने जलकुंभी हटाने के लिए दिन-रात एक कर दिए। 2016 के सिंहस्थ के बाद पहली बार इस तालाब पर फोकस किया गया। यहां क्लिक कर पढ़िए, बदलाव की पूरी कहानी, देखिए – तालाब के पहले और अब की तस्वीर

मोदी और महाकाल का मंगलवार से विशेष संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण अमृत सिद्धि योग में करेंगे। 11 अक्टूबर मंगलवार की शाम 6.30 बजे अश्विनी नक्षत्र होने से विशेष योग बन रहा है। इसे विशेष फलदायी माना जा रहा है। इससे पहले PM मोदी ने यूपी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में किया था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन भी अभिजीत मुहूर्त में किया था। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम का जन्म इसी मुहूर्त में हुआ था। पढ़ें पूरी खबर

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