जेल के कैदियों ने मिलकर बनाई दुर्गा प्रतिमा VIDEO: जबलपुर सेंट्रल जेल में 800 कैदी नवरात्रि का उपवास रख रहे

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Jabalpur
  • 800 Prisoners In Jabalpur Central Jail Fasting For 9 Days In Navratri, Prisoners Absorbed In Devotion

जबलपुरकुछ ही क्षण पहले

सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा बनाई गई मां की प्रतिमा।

आपने तिराहों, चौराहों और मोहल्ले सहित गलियों में नवरात्रि के पर्व पर मां दुर्गा की प्रतिमा रखकर भक्ति की बारे में देखा होगा। लेकिन जबलपुर के सेंट्रल जेल में करीब 12 कैदियों के द्वारा दो दुर्गा प्रतिमाएं बनाई गई है। जो कि अब शहर में आकर्षक का केंद्र बनने लगी है।

खास बात यह है की इन दो प्रतिमाओं को बनाने में दो अनुभवी कैदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जो कि वर्षों से प्रतिमा बनाने का काम करते हुए आ रहे थे। लेकिन सजा होने के कारण वह जेल में आ गए। लेकिन उन्होंने अपने हुनर से भक्ति नहीं छोड़ी। और उन्होंने अपनी भक्ति और आस्था से दो प्रतिमा को तैयार किया हैं। जिनकी मदद जेल के ही अन्य 12 कैदियों ने की हैं।

पूर्वी खंड में स्थापित मां विराजमान।

पूर्वी खंड में स्थापित मां विराजमान।

दर्जी कैदियों ने बनाए मां दुर्गा की प्रतिमा के वस्त्र

प्रतिमा को तैयार करने में जेल में स्थित तालाब की मिट्टी का प्रयोग किया गया हैं। गौशाला से गोबर, चारा और लकड़ी के पटा भी कैदियों ने बनाया हैं। खास बात यह दोनों प्रतिमाओं में कुछ आकर्षक वस्त्र जेल में बंद दर्जी कैदियों ने ही बनाए हैं। जबकि बाजार से प्रतिमा के लिए कलर और सौंदर्य का समान लाया गया था। इन दोनों प्रतिमाओं को जेल के पूर्वी और पश्चिमी खंड में रखा गया हैं। जहां विद्युत साज-सज्जा के साथ ही सैकड़ों कैदी सुबह-शाम मां की अराधना में लीन रहते हैं।

कैदी पंडित भाई करवा रहे पूजन अर्चन

जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के मुताबिक नवरात्रि के पर्व में 800 बंदियों के द्वारा 9 दिन का उपवास रखा गया है। जिसके लिए प्रशासन के द्वारा बकायदा फलाहार की भी व्यवस्था की गई है। वहीं दोनों खंडों में कैदी पंडित भाई के द्वारा ही पूजा अर्चना की जाती है। जिसमें सैकड़ों कैदी आरती के दौरान शामिल होते हैं। हालांकि इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम भी किए जाते हैं। वही इस वर्ष मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन गौरी घाट में किया जाएगा।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button