जुड़वा बच्चों का गला घोंटने वाली मां अब रो रही: भोपाल में TI से बोली-कसम खाओ मुझे नहीं फंसाओगे, तब बताया कहां फेंकी लाश

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भोपाल4 मिनट पहलेलेखक: नीलेंद्र पटेल

बच्चों की याद आ रही है?… भास्कर रिपोर्टर के सवाल पर महिला फफक कर पड़ी… ये आंसू उसी निर्दयी मां के हैं, जिसने 23 सितंबर को जुड़वा बच्चों की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। 5 दिनों तक पुलिस को गुमराह करने वाली इस महिला को अब कस्टडी में बच्चों का मारने का पछतावा हो रहा है। दैनिक भास्कर की टीम बुधवार को थाने पहुंची और उससे बात करने की कोशिश की। जैसे ही उससे बच्चों के बारे में पूछा- वह सिर हिलाते हुए रोने लगी। उसे रोता देख रिपोर्टर आगे उससे सवाल नहीं कर पाया। अब पढ़ें, अपने ही बेटों की हत्या और पुलिस को गुमराह करने वाली महिला की कहानी…टीटी नगर थाने के टीआई चैन सिंह रघुवंशी की जुबानी।

पति को हवालात में देख बोली- चलो बच्चों को दिखाती हूं…
टीटी नगर थाने के टीआई चैन सिंह रघुवंशी ने बताया- 23 सितंबर को सुबह के 7 बजे रहे होंगे। मैं सोकर ही उठा था। मोबाइल बजता है। उठाते ही उधर से थर्राई हुई आवाज आती है। सर, मेरे जुड़वा बच्चे रंगमहल चौराहे के पास से चोरी हो गए हैं। इतना कहते ही वह फफक पड़ा… फिर बोला- साहब बच्चों को ढुंढवा दो..। यह सुनकर मैं दंग रह गया। बस उससे इतना ही कह पाया- चिंता मत करो, बच्चे मिले जाएंगे। मैंने ड्रेस पहनी और सीधे थाने पहुंचा। यहां बच्चों के माता-पिता बैठे हुए थे। मुझे देखते ही पास आए और बोले- मेरा नाम बृजमोहन धाकड़ (28) है। महिला ने अपना नाम सपना (27) बताया। उन्होंने कहा- हमारे ही बच्चे चोरी हुए हैं। महिला मुझसे बोली- रंगमहल चौराहे के पास मैं बच्चों को लिटाकर बाथरूम गई थी।

महिला की बात मेरे गले नहीं उतर रही थी
उनकी शिकायत पर तुरंत ही अपहरण का केस दर्ज कर इलाके में सर्चिंग शुरू करवाई। साथ ही, वायरलेस सेट से सभी थानों को अवगत कराया। इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और सीसीटीवी खंगालना शुरू किया। एक कैमरे में महिला कैद हुई, लेकिन बच्चे उसके साथ नहीं थे। यहीं से महिला पर शक गहराया, क्योंकि, उसने कहा था- बच्चों को रोड के उस तरफ लिटाकर सुलभ शौचालय में गई थी। सुलभ शौचालय का मुआयना करके बाहर आया, तो महिला की कहानी मेरे गले नहीं उतर रही थी, क्योंकि शौचालय में बच्चों को रखने के लिए काफी जगह थी, फिर महिला ने सड़क के दूसरे तरफ बच्चों को क्यों रखा? यह सवाल मेरे दिमाग में घूमता रहा। हालांकि हम सब की पहली प्राथमिकता बच्चों को खोजना थी। दिन ढल चुका था, रात गहरा रही थी, लेकिन हमारी तलाश जारी थी। रात करीब 10 बजे हम हबीबगंज थाने के पास पहुंचे, यहां एक कपड़ा नजर आया। बच्चों के माता-पिता भी साथ थे। पूछने पर मां बोली- मेरे बच्चे इसी में लिपटे हुए थे।

बच्चों के कपड़े हबीबगंज इलाके में कचरे में मिले थे। पुलिस ने सर्चिंग तेज कर दी थी।

बच्चों के कपड़े हबीबगंज इलाके में कचरे में मिले थे। पुलिस ने सर्चिंग तेज कर दी थी।

पति का कॉल आया- सर, सपना आपसे बात करना चाहती है
कपड़ा देखते ही महिला हिलने-डुलने लगी। उसने देवी आने का बहाना किया। बच्चे ऑपरेशन से हुए थे, ऐसे में ज्यादा पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा। मैंने उसे पति को सौंप दिया। पति ने झाड़-फूंक के लिए उसे उसके पिता के घर बैरसिया सुहाया गांव भेज दिया। हमारी तलाश जारी थी। पति से पता चलने पर 25 सितंबर को हम महिला को बैरसिया से भोपाल लेकर आए और जेपी अस्पताल में उसका इलाज कराया। 26 सितंबर को डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। 27 सितंबर को सुबह करीब 8 बजे बृजमोहन का फोन आया। बोला- सर, सपना आपसे अकेले में बात करना चाहती है। मैं तत्काल कोलार गेस्ट हाउस के पास उसके घर पहुंच गया। सपना ने बस इतना ही कहा- मुझे थाने लेकर चलो। महिला पुलिस नहीं होने से मैंने उसे अकेले थाने लेकर चलने से मना कर दिया। समझाने के बाद वह पति के साथ थाने चलने को राजी हो गई। अब सपना थाने में आ चुकी थी।

सपना बोली- आप तारावली मां की कसम खाओ मुझे नहीं फंसाओगे
चूंकि, मैं शमशाबाद थाना में रह चुका हूं, इसलिए सपना के मायके के आस-पास के गांवों के प्रतिष्ठित लोगों को जानता था। मैंने इन्हीं लोगों के नाम के साथ सपना से बातचीत शुरू की। इससे वह खुलकर हमसे बात करने लगी। बच्चों को बारे में पूछा तो बच्चों के कपड़े उतारने तक की कहानी बता दी। जैसे ही पिन पाइंट ( खुलासा) पर पहुंचते वह बेहोश होने का बहाना करने लगती। काफी पूछताछ के बाद उसने जो बताया उसने मेरे होश उड़ा दिए थे। वह बोली- पति बच्चों को लेकर गया था। पति ने हत्या की है। कपड़े मैंने उतारे हैं। मैंने, खुद को संभाला और कहा- मैं कैसे मान लूं कि पति ने हत्या की है। मुझे जिंदा या मुर्दा बच्चे चाहिए, तब तो पति को आरोपी बनाऊंगा। अभी तो मेरे हाथ खाली हैं। इस पर वह मुझसे बोली- आप तारावली मां (देवी) की कसम खाओ मुझे नहीं फंसाओगे। मैंने उसके सामने कसम खाई। वह फिर बोली पति ने हत्या की है।

पति को लॉकअप में बंद देखकर बोली- चलो अब बच्चों को दिखाती हूं
मैंने उसे भरोसे में लेने के लिए पति को लॉकअप में बंद कर दिया। उसे कहा- पति को आरोपी बना दिया है, अब बताओ। पति को लॉकअप में देखकर उसने कहा कि चलो बच्चों को दिखाती हूं हैं। मैंने कहा मुझे भरोसा नहीं है, खाली हाथ तो नहीं लौटेंगे। उसने कहां मुझे नहीं फंसाना, खाली हाथ नहीं लौटोगे। अब हम हबीबगंज में हनुमान मंदिर के पास थे। उसने दीवार की ओर इशारा करते हुए कहा- बच्चों को उस पार फेंका है। जवान दीवार फांदकर उस पार पहुंचे तो दोनों बच्चों के शव पड़े हुए थे। हम शव और महिला दोनों को वापस थाने लेकर आए। बच्चों के नाम पर इमोशनल कर उससे फिर पूछताछ की तो बोली- ससुराल वाले ताना मारते थे। कहते थे- पहले से ही एक बेटी है। अब जुड़वा लड़के पैदा कर लिए। इनका पालन-पोषण कैसे करेगी। ताने से परेशान होकर मैंने बच्चों की हत्या का फैसला किया।

(चैन सिंह रघुवंशी, TI टीटी नगर ने जैसा दैनिक भास्कर रिपोर्टर को बताया)

पुलिस ने DNA टेस्ट कराया
बुधवार को पुलिस सपना और उसके पति को अस्पताल लेकर पहुंची। दोनों के DNA टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए। TI चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि DNA रिपोर्ट से पुलिस यह पुष्टि करेगी कि बच्चे आरोपी महिला के ही हैं। TI ने बताया कि रात में आरोपी महिला के माता-पिता भी थाने पहुंचे थे। उसने किसी से बात नहीं की है। रोटी और सब्जी खाकर चुपचाप सो गई। उसने अपना जुर्म कबूल लिया है। महिला को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

निर्दयी मां के बारे में जानिए
सपना धाकड़ (27) मूलतः बैरसिया की रहने वाली है। 2017 में उसकी शादी कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले बृजमोहन धाकड़ (28) से हुई थी। उसकी तीन साल की एक बेटी है। उसने 7 सितंबर 2022 को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। 23 सितंबर को सुबह 4.30 बजे जब परिवार वाले सो रहे थे, तब वह दोनों बच्चों को लेकर घर से निकल गई थी। उसी दिन उसने बच्चों का गला घोंटा और लाश को हबीबगंज हनुमान मंदिर के पास स्थित बाउंड्रीवाॅल के पीछे फेंक दिया। इसके बाद वह पुलिस को गुमराह करने के लिए बस से टीटी नगर पहुंच गई। बच्चों के चोरी होने की कहानी गढ़ी। मंगलवार को पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बच्चों को हबीबगंज इलाके से बरामद किया था।

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भोपाल में चोरी हुए जुड़वा नवजात…

भोपाल में जुड़वा नवजात चोरी हो गए। ये दावा उनकी मां का है। उसका कहना है कि वो दोनों बच्चों को रोड किनारे रखकर दूसरी तरफ टॉयलेट के लिए चली गई थी। लौटी तो बच्चे नहीं मिले। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो वह झूमने लगी। उसने खुद को भी पहचानने से इनकार कर दिया। परिवार का कहना था कि उसे देवी आती है। परिवार वाले उसे माता पूजन के लिए ले गए हैं। पुलिस को शुक्रवार रात हबीबगंज इलाके में थाने से कुछ दूर बच्चों के कपड़े मिले हैं।पढ़ें, पूरी खबर…

सिटी बस में बैठते दिखी लापता नवजात की मां…

भोपाल से चोरी हुए जुड़वा नवजात का पुलिस 55 घंटे बाद भी पता नहीं लगा पाई। 19 दिन के बच्चों की मां खुद उन्हें लेकर शनिवार को ससुराल से मायके जाने के लिए निकली थी। उसने दावा किया कि वो दोनों बच्चों को रोड किनारे रखकर दूसरी तरफ टॉयलेट के लिए चली गई। लौटी तो बच्चे नहीं मिले। उधर, पुलिस ने बच्चों की मां को पूछताछ किए बिना छोड़ दिया है। परिजन उसकी झाड़-फूंक कराने के लिए ले गए हैं। महिला के पिता का दावा है कि बेटी पर भूत-प्रेत का साया है। पढ़ें, पूरी खबर…

मां ने जुड़वा बेटों की गला घोंटकर हत्या की…
23 सितंबर की तड़के साढ़े 4 बजे। 27 साल की सपना अपने दो जुड़वा बच्चों को लेकर भोपाल में अपने घर से निकलती है। वह पैदल ही दोनों बच्चों को सीने से लगाकर घर से डेढ़ किलोमीटर दूर हबीबगंज इलाके में पहुंचती है। हबीबगंज थाने से थोड़ी दूर बच्चों के कपड़े उतारती है। फिर करीब 50 कदम दूर बच्चों को लेकर आगे बढ़ती है। यहां पर एक मंदिर के पीछे बनी बाउंड्री वॉल के पास बच्चों का अपने ही हाथ से गला घोंटती है। इसके बाद करीब 8 फीट ऊंची बाउंड्री के उस पार झाड़ियों में फेंक देती है। इसके बाद बस में बैठकर टीटी नगर पहुंचती है। इसी बीच पति को फोन कर बताती है कि बच्चे चोरी हो गए हैं। मामला पुलिस तक पहुंचता है।पढ़ें, पूरी खबर…

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