व्यंकटेश मंदिर में हो रही ज्ञानामृत की वृष्टि: बाल विदुषी ने बताया कलयुग के प्रभाव से बचने का उपाय, शिव बारात में झूमे बाराती

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सतना40 मिनट पहले

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नवरात्रि के पावन अवसर पर व्यंकटेश मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन बाल विदुषी पलक किशोरी जी ने श्रोताओं को भगवान शिव पार्वती जी के विवाह का वृत्तांत सुनाया। जिसका मंचन भी मंच के माध्यम से किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की बारात में शामिल होकर जमकर नृत्य किया।

बाल विदुषी पलक जी ने ज्ञानामृत की वृष्टि करते हुए श्रद्धालुओं को राजा परीक्षित की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किस तरह कलियुग राजा के मुकुट पर सवार होकर उनके मृत्यु का कारण बन गया और क्यों श्रृंगी ऋषि ने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए राजा परीक्षित को तक्षक सर्प के डसने से सात दिवस के अंदर मौत होने का शाप दिया। पलक किशोरी जी ने श्रोताओं को बताया कि कलियुग में सबसे बड़ा धर्म दान है। जो लोग दान करते हैं निश्चित तौर पर उनका हिसाब भगवान के पास जरूर होता है।

गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्म

श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को प्रहलाद चरित्र एवं नरसिंह जी के दर्शन कराए जायेंगे। इसके अलावा गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्म की कथा होगी।

दिखा शिव जी का तांडव

मंगलवार को भागवत कथा के दौरान शिव जी का तांडव रूप भी देखने को मिला। शिव जी ने मंच में तांडव नृत्य से सभी भक्तगणों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस दौरान मंत्र का वाचन खुद व्यास गद्दी पर बैठी पलक किशोरी कर रहीं थी।

कथा सुनने के लिए समूचे सतना जिले से बड़ी संख्या में श्रोतागण व्यंकटेश मंदिर पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन शाम 6 बजे तक कथा का आयोजन व्यंकटेश मंदिर भक्त मंडल द्वारा किया जा रहा है, जिसके मुख्य यजमान नगर निगम के प्रभारी अतिक्रमण अधिकारी रमाकांत शुक्ला के पुत्र सत्यम शुक्ला हैं।

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