शारदीय नवरात्रि: मंदिर व घरों में घट स्थापना, पंडालों में विराजित की माता की प्रतिमाएं

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खंडवा2 घंटे पहले

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माता चौक पर मां शैलपुत्री के स्वरूप में विराजी खंडवा की महारानी - Dainik Bhaskar

माता चौक पर मां शैलपुत्री के स्वरूप में विराजी खंडवा की महारानी

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सोमवार घट स्थापना के साथ मां शक्ति की आराधना की शुरुआत हुई। घरों में सुबह पूजन के साथ घट स्थापना की गई, वहीं मंदिरों में भी दर्शन के लिए भक्त पहुंचे। मां नवचंडी मंदिर, मां तुलजा भवानी मंदिर, माता चौक स्थित मां बिजासनी मंदिर, हिंगलाज मंदिर, रामगंज में बड़ी तुलजा भवानी माता मंदिर और लाल चौकी क्षेत्र में महालक्ष्मी मंदिर सहित शहर के अन्य माता मंदिरों में भक्तों ने दर्शन कर मन्नतें मांगी। इधर सार्वजनिक पंडालों में भी अलग-अलग मूहुर्तों में माता की प्रतिमा स्थापित की गई।

इस बार शहर में 10 से ज्यादा बड़े पंडालों में मां-दुर्गा काली की प्रतिमाएं विराजित की गई हैं। इसमें मुख्य रूप माता चौक, सियाराम चौक, इंदिरा चौक, दूध तलाई क्षेत्र, जवाहरगंज, चंपानगर रामेश्वर, बोरगांवकर गली रामेश्वर रोड क्षेत्र आदि स्थानों पर माताजी की स्थापना की गई है। शहर में सुबह से सार्वजनिक पंडाल समिति के लाेग ट्रैक्टर ट्राॅली सहित अन्य वाहनों से देवी मां की प्रतिमा काे पंडाल तक लेकर पहुंचे।

जेपीबी क्लब ने माता चौक पर मां शैलपुत्री के स्वरूप में खंडवा की महारानी की प्रतिमा विराजित की है। रात 8 बजे शीश महल की प्रतिकृति वाले पंडाल में माता की प्रतिमा की स्थापना की गई। यहां भक्तों को माता के सौम्य रूप में दर्शन के साथ मुकुट में 12 ज्योर्तिंलिंग के दर्शन भी हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

सुबह से देर रात भक्तों ने किए हिंगलाज माता के दर्शन
नवरात्रि शुरू होते ही प्राचीन हिंगलाज माता मंदिर पर सुबह से देर रात तक दर्शनार्थियों की भीड़ रही। मंदिर समिति के संजय शर्मा और सुमित परिहार ने बताया मंदिर सुबह से पूजन के बाद माता का विशेष शृंगार किया। मंदिर परिसर में ही कोलकाता के कलाकारों द्वारा बनाई मां दुर्गा की मां महिषासुर मर्दिनी के स्वरूप में प्रतिमा की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान के लासबेला जिले के बाद यह स्वयंभू हिंगलाज माता का दूसरा एकमात्र मंदिर है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। मान्यता है कि मां के दरबार में मांगी गई हर मनोकामना यहां पूर्ण होती है।

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