वड़ा पाव की फ्रेंचाइजी का झांसा देकर 8 लाख ठगे: रिटायर्ड DSP की पत्नी को IM वड़ा पाव अहमदाबाद के नाम पर ठगा
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ग्वालियर4 घंटे पहले
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- भोपाल के पिपलानी थाने में दर्ज हुआ मामला
एक रिटायर्ड DSP की पत्नी को IM वड़ा पाव अहमदाबाद गुजरात की कंपनी ने फ्रेंचाइजी का झांसा देकर 8 लाख रुपए ठगे हैं। भोपाल के पिपलानी थाने में रिटायर्ड DSP की पत्नी की शिकायत पर कंपनी के डायरेक्टर सहित 3 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर ग्वालियर के हरिशंकरपुरम के रहने वाले हैं। यह घटनाक्रम सितंबर 2019 से लेकर अभी तक का है। जुलाई 2022 में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की पत्नी ने मामले की शिकायत भोपाल पुलिस से की थी। जिस पर जांच के बाद यह केस रजिस्टर्ड हो सका है।
ग्वालियर के F-31 हरिशंकरपुर निवासी राकेश गुप्ता (62) पुत्र बीएल गुप्ता पुलिस विभाग से रिटायर्ड DSP हैं। उनकी पत्नी भारती गुप्ता (56) हैं। सितंबर 2019 में उन्होंने अपनी भोपाल इन्द्रपुरी की दुकान नंबर-19 और 20 पर आईएम वड़ा पाव रेस्टोरेंट अहमदाबाद गुजरात की फ्रेंचाइजी लेने के लिए संपर्क किया था। कंपनी के डायरेक्टर पिनाय पांड्रया ने इस पर रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर की पत्नी भारती से 20 सितंबर 2019 को एक रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 1 हजार रुपए के स्टांप पर किया। जिसमें तय हुआ कि वह पांच साल तक के लिए फ्रेंचाइजी उनको दे रहे हैं। जिसके बदले 8 लाख रुपए जमा कराए गए। साथ ही तय हुआ कि इन दो दुकानों में फर्नीचर का काम कंपनी कराएगी। इसके बाद 40 हजार रुपए हर महीने भारती को दुकानों का किराया दिया जाएगा। प्रत्येक माह की कुल बिक्री का 12 प्रतिशत कमीशन हर महीने की 15 से 20 तरीख के बीच रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर की पत्नी को दिया जाएगा। किराया 15 अक्टूबर 2019 से शुरू माना जाएगा। करीब दो महीने तक व्यवसाय को चलाया गया,लेकिन उसके बाद आईएम वड़ा पांव अहमदाबाद धोखा देकर भाग गए।
दो महीने तक दुकान चलाने का किया नाटक
– आईएम वड़ा पांव अहमदाबाद के डायरेक्टर पिलाय पांड्रया ने उनके साथी ट्रिंकल मीणा, फाल्गुन वघेला, खुशबू चौहान ने दो महीने दुकान में फर्नीचर का काम कराया। यहां से रेस्टोरेंट का पूरा मुनाफा कंपनी अपने पास रख लेती थी। इसके बाद भारती के बेटे और पति ने किराया के लिए वॉटसएप से लेकर कॉल किए, लेकिन कोई किराया नहीं दिया गया। किराया नहीं देने पर बार-बार मैसेज किए तो कंपनी की तरफ से कुछ चेक दिए गए। यह चेक जब बैंक में लगाए तो कैश नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गए। इसके बाद से कंपनी के डायरेक्टर व अन्य सदस्य कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इस मामले में परेशान होकर रिटायर्ड डीएसपी की पत्नी ने मामले की शिकायत भोपाल पुलिस में की है। जिसके बाद पिपलानी थाने में मामला दर्ज किया गया है।
जुलाई 2022 में की गई थी शिकायत
यह पूरा मामला सितंबर 2019 से अभी तक के बीच है। बीच में कोरोना के चलते बातचीत बंद रही, लेकिन जब कोविड पीरियड निकलने के बाद भी कंपनी की ओर से न मुनाफा दिया गया न ही उनका दिया गया 8 लाख रुपए लौटाया तो रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर की पत्नी ने जुलाई 2022 में शिकायत पिपलानी थाना में की थी। जिस पर जांच के बाद मामला दर्ज किया गया।
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