अंधविश्वास पर विश्वास ने ली जान: जहरीले जीव के काटने के बाद झाड़-फूंक का सहारा, 4 दिनों में पैर सड़ा, मौत हुई तो पहुंचे अस्पताल

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छतरपुर (मध्य प्रदेश)36 मिनट पहले

बुंदेलखंड अंचल में झाड़-फूंक, जादू-टोने, टोटके और तंत्र-मंत्र का दौर जारी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से पिपट गवांव की हीराबाई (75) पति मनोहर चौरसिया को पैर में जहरीले जीव ने काट लिया। परिजन उसे अस्पताल या डॉक्टर के पास न ले जाकर झाड़-फूंक वाले के पास ले गए, यहां उसकी मौत हो गई।

4 दिनों तक करता रहा झाड़-फूंक
झाड़-फूंक वाला 4 दिनों तक (जादू-टोना, झाड़-फूंक) करता रहा, इस दौरान उसका पैर बुरी तरह से गलने लगा और हालत बिगड़ने लगी तो परिजन घबरा गए। आनन-फानन में गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मौत के बाद पछता रहे परिजन
मनोहर चौरसिया (महिला का पति) ने कहा कि वहीं अब परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि समय रहते 4 दिन पहले ही इलाज शुरू कर दिया होता, तो वह बच जाती। हम अब तक बेवजह झाड़-फूंक, जादू, टोने-टोटके में पड़े रहे, इलाज करा लिया होता तो आज यह मौत ना होती।

डॉक्टर बोले- झाड़-फूंक में गई जान
मामले में हमने जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अरुणेंद्र शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि समय पर इलाज न मिलने से महिला की मौत हुई। परिजन 4 दिनों तक झाड़-फूंक में लगे रहे, जिससे महिला की हालत बिगड़ती चली गई। अगर यह लोग जादू-टोने, झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ते, समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर के पास या जिला अस्पताल लेकर आए होते तो मुफ्त में इलाज हो जाता और जान बच जाती।

तत्काल डॉक्टर के पास या अस्पताल लेकर जाएं
डॉक्टर अरुणेंद्र बताते हैं कि किसी भी तरह की बीमारी हो या दुर्घटना हो, पीड़ित को तत्काल किसी डॉक्टर के पास अस्पताल ले जाना चाहिए। डॉक्टर से उसकी देख-रेख में प्रॉपर इलाज होना चाहिए, जिससे समय और सब ठीक हो सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोगों को परेशानियों के साथ जान से भी जाना पड़ता है।

समझाईस झाड़-फूंक, जादू-टोने में न पड़ें
डॉ. अरुणेंद्र शुक्ला (मेडिकल ऑफिसर जिला अस्पताल, छतरपुर) ने कहा कि अब भी लोगों से कहना है कि बीमार होने पर किसी दुर्घटना का शिकार होने पर लोग नीम, हकीम, झाड़, फूंक, जादू, टोने, टोटके के चक्कर में न पड़ें और तत्काल अस्पताल पहुंचे। किसी डॉक्टर से इलाज कराएंं, जिससे समय पर इलाज हो सके और स्वास्थ्य लाभ हो सके और परेशानियों से बचा जा सके।

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