हत्या के आरोपी 2 सगे भाइयों को हुई उम्रकैद!: 3 साल पहले परासिया में की थी युवक की हत्या, न्यायालय ने फैसला सुनाकर की सख्त टिप्पणी

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छिंदवाड़ा36 मिनट पहले

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जिला अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक ने बताया कि गत 30 जनवरी 2019 को परासिया रिंग टॉकीज निवासी प्रार्थी रामकिशन यदुवंशी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बेटा राजेन्द्र यदुवंशी जमीन खरीदने-बेचने का काम करता था।

29 जनवरी 2019 को उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि घटना दिनांक से तीन माह पूर्व पैसों के लेन देन पर उसका झगड़ा सौरभ ढाबा वाले शैलेन्द्र सिंह और उसके नौकर अमित सिंह से हुआ था, तब से उसके लड़के गौरव और सौरभ सिंह राजपूत रंजिश रखते थे।

इसी रंजिश के चलते दोनों ने धारदार हथियार और डंडे से पीटकर राजेन्द्र की हत्या कर दी थी, पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर मामले को सुनवाई के लिए चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमति कुमुदनी पटेल की न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

गुरुवार के दिन तमाम साक्ष्यों, गवाहों के बयान सुनने के बाद दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने आरोपी सौरभ राजपूत और गौरव राजपूत को धारा 302 में आजीवन कारावास और 25-25 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

फैसले के बाद न्यायालय ने की टिप्पणी

हत्या के इस मामले में फैसला सुनाने के बाद न्यायालय ने बढ़ते अपराध को दृष्टिगत रखते हुए अपने निर्णय में युवा वर्गो की समाज में भूमिका और शैक्षणिक संस्था एवं शिक्षाविदों के संबंध और भूमिका पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आज समाज में जिस गति से हिंसा एवं अन्य अपराध हो रहे हैं, वे चेतनावान व्यक्तियों को बाध्य करते हैं, उनके कारणों और निवारण के उपायों पर चिंतन करें और उन्हें क्रियान्वयन करने के सतत प्रयास करें ।

समाचार या मनोरंजन के नाम पर जो परोसा जा रहा है, एक वैचारिक प्रदूषण सभी ओर व्याप्त है, क्या इन सशक्त माध्यमों के उपयोग से सकारात्मकता पैदा की जा सकती है? ये सोचे जाने का समय है, शिक्षा में सूचनाओं की भरमार है, लेकिन संवेदनाओं की जगह नहीं शिक्षाविदों का दायित्व है कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को ऐसा रूप दें।

जो सचमुच ज्ञानवान मुनष्य के साथ-साथ अच्छे मनुष्य का निर्माण कर सके । जब मस्तिष्क में सकारात्मक विचार होंगे, तब युवा पीढ़ी के समक्ष एक स्वस्थ्य एवं सुखद जीवन का लक्ष्य होगा ।

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