PFI ने फंडिंग के लिए ईदगाह पर लगाए थे बैनर: लिखा था- हम झूठे केसों में फंसे बेगुनाह लोगो की मदद करते हैं, तभी से NIA की नजर में चढ़े थे

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इंदौर28 मिनट पहले
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा इंदौर के जिन PFI कर्ताधर्ताओं को पकड़ा गया है, उन पर पुलिस के खुफिया विभाग की नजर लंबे समय से थी। दरअसल इन लोगों ने ईद के दौरान जेल जा चुके लोगों की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
3 मई को ईद के मौके पर सदर बाजार ईदगाह के बाहर पीएफआई के सदस्यों ने बैनर-पोस्टर लगाए थे। इस दौरान उनके साथ कुछ लड़को ने पर्चे भी बांटे थे। माइक लगाकर अनाउंसमेंट किया गया, जिसमें कहा गया कि पीपुल्स फ्रंट झूठे इल्जाम में जेल में बंद बेगुनाह लोगों की कानूनी मदद करता है। लाउड स्पीकर पर PFI के कामों की जानकारी भी दी जा रही थी। यह पूरा घटनाक्रम तब पुलिस की खुफिया टीम ने भी रिकॉर्ड किया गया था। इसकी रिपोर्ट शीर्ष पुलिस अफसरों को भी दी गई थी। यह भी बता दें कि इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिं, पूर्व विधायक अश्विन जोशी शहर काजी डॉ. इशरत अली भी वहीं मौजूद थे।

बिल्डिंग वाले बोले- यहां रोज शाम को आते थे मुमताज-अब्दुल, इनसे मिलने युवा मुस्लिम भी आते थे इंदौर में PFI का ऑफिस जिस बिल्डिंग में संचालित होता है वहां गुरुवार को पूरे दिन रोजाना की तरह सामान्य गतिविधियां संचालित होती रहीं। दैनिक भास्कर को आसपास के दुकानदारों ने बताया कि PFI के ऑफिस में NIA द्वारा पकड़े गए लोग आते तो थे, पर वे क्या करते थे, हमें नहीं पता ना ही कभी पता करने की कोशिश की। हालांकि दुकानदारों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि शाम के समय मुमताज कुरैशी और अब्दुल करीम बेकरीवाला वहां आते थे। इतना ही नहीं कई मुस्लिम युवा इनसे मिलने बिल्डिंग में आते थे। यह बिल्डिंग सलीम खान की बताई जा रही है। सलीम ने अपनी बिल्डिंग में कुछ ऑफिस और दुकानें किराए पर दे रखी हैं। इसी बिल्डिंग में जिम भी संचालित होता है।

मुस्लिम युवाओं से सदर बाजार ईदगाह परिसर में पीएफआई की ब्रांडिंग कराई गई थी।
जिन लोगों को पकड़ा उनके काम भी जान लीजिए
मुमताज कुरैशी, PFI का इंदौर जिला अध्यक्ष और SDPI का प्रदेश महासचिव

अब्दुल करीम बेकरीवाला, PFI का प्रदेश अध्यक्ष

मोहम्मद जावेद बेलिम, PFI कोषाध्यक्ष

जामिल शेख, PFI का प्रदेश सचिव

वही सांवेर रोड़ के एक अन्य मुस्लिम व्यापारी का नाम भी इस मामले में सामने आ रहा है। उसे भी एनआईए द्वारा उठाने की बात सामने आ रही है। लेकिन मामले में अधिकारियों ने इसकी पुष्टी नही की है।

इसी ऑफिस से वायरल होते थे मैसेज, प्लानिंग भी यहीं
इधर सूत्रों से पता चला है कि PFI के गिरफ्तार नेता यहीं से प्रेस कांफ्रेंस करते थे और सोशल मीडिया पर अपने मैसेज वायरल करते थे। यहीं पर लड़कों को तैयार कर उन्हें PFI के प्रचार-प्रसार का जिम्मा सौंपा जाता था। यह भी बताया जा रहा है कि सलीम खान की इसी बिल्डिंग में PFI अपनी पूरी प्लानिंग करता था। यहीं लड़कों को ट्रेनिंग भी दी जाती थी।

PFI के राजनीतिक संगठनSDPI के चार पार्षद चुने गए हैं। ये नीमच और शाजापुर में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से जीते हैं। इंदौर में भी SDPI ने तीन वार्डों से पार्षद उम्मीदवार खड़े किए थे।
खजराना पुलिस ने जिस साजिश को नाकाम किया उसका नाम पाकिस्तानी ग्रुप के साथ PFI और भीम आर्मी से भी जुड़ा
हिंदू संगठनों पर गोलियां चलाने और शहर में दंगा भड़काने की साजिश के मामले में खजराना टीआई दिनेश वर्मा ने अल्तमश अबरार खान और उसके साथी इरफान, इमरान और जावेद को एक साल पहले सिंतबर 2021 में पकड़ा था। पुलिस का दावा था कि अल्तमश पाकिस्तानी ग्रुप के अलावा भीम आर्मी में शामिल था। 200 ऐसे लोगों की जानकारी सामने आई थी। जो अल्तमश के संपर्क में थे। अल्तमश व उसके साथियों के जेल जाने के बाद PFI ने ही इनकी कानूनी मदद की थी। इतना ही नहीं अल्तमश, इरफान व इमरान के परिवार की हर जरुरत को PFI ने पूरा किया था। पुलिस का दावा है कि पर्दे के पीछे से PFI ही कोर्ट में उनकी मदद कर रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तारी के वक्त अल्तमश के मोबाइल में SDPI व PFI के पदाधिकारियों के नंबर मिले थे।


इंदौर में पीएफआई का ऑफिस। यहां भी एनआईए ने गुरुवार सुबह दबिश दी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।

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