भोपाल शहर से ज्यादा गांव साफ, 5 राज्यों में नंबर-1: सिटी में सफाई का पंच लगाने वाले इंदौर की तीसरी रैंकिंग; गुजरात, गोवा, राजस्थान-महाराष्ट्र से आगे हम

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Indore’s Third Ranking For Putting A Punch Of Cleanliness In The City, Bhopal Ahead In The Districts Of Gujarat, Goa, Rajasthan Maharashtra

भोपाल10 घंटे पहले

शहरों के बाद अब मध्यप्रदेश के गांवों ने भी सफाई में इतिहास रच दिया है। पहली बार आए स्वच्छ सर्वेक्षण (ग्रामीण)-2022 के नतीजों में भोपाल नंबर-1 पर रहा। यानी भोपाल के गांव सबसे स्वच्छ हैं। मध्यप्रदेश के साथ गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और गोवा के जिलों को पछाड़कर भोपाल ने ये रैंकिंग हासिल की है। वहीं, इंदौर तीसरे नंबर पर रहा। यानी, भोपाल शहर से ज्यादा साफ गांवों हैं। वेस्ट जोन में शामिल स्टेट में मध्यप्रदेश में की पोजिशन एक नंबर है।

बता दें कि शहरों की रैंकिंग में इंदौर सफाई का पंच लगा चुका है, लेकिन गांवों की रैकिंग में भोपाल इंदौर से भी आगे निकल गया है। 2 अक्टूबर को दिल्ली में अवॉर्ड मिलेगा। देश में शहरों की तर्ज पर पहली बार इस साल गांवों में भी स्वच्छ सर्वेक्षण किया गया। जिसके रिजल्ट गुरुवार को सामने आए। इसमें टॉप-3 में मध्यप्रदेश के दो जिले हैं। भोपाल नंबर-1 और इंदौर तीसरे स्थान पर रहा। वेस्ट जोन में शामिल पांच स्टेट में भी मध्यप्रदेश पहले नंबर पर रहा।

भोपाल जिले की कुल 222 ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर कचरा इकट्‌ठा किया जा रहा है। इसकी छंटनी भी की जाती है।

भोपाल जिले की कुल 222 ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर कचरा इकट्‌ठा किया जा रहा है। इसकी छंटनी भी की जाती है।

ऐसे हुआ सर्वेक्षण
भोपाल के जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने बताया कि शहरों की तरह गांवों में भी पहली बार सर्वेक्षण किया गया। इसके लिए तीन पर सर्वे टीमें भोपाल आईं। पिछले साल नवंबर-दिसंबर के साथ इस साल मार्च-अप्रैल और जून में टीमों ने गांवों में जाकर सफाई की हकीकत देखी। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, सूखे-गीले कचरे का निपटान समेत सफाई से जुड़े कई पैमाने टीमों ने देखें।

भोपाल के गांवों में घरों से कचरा लेने के लिए गाड़ियां भी चलाई जा रही है। कचरे को इकट्‌ठा करने के लिए कुल 140 ई-रिक्शा भी चलाए जा रहे हैं।

भोपाल के गांवों में घरों से कचरा लेने के लिए गाड़ियां भी चलाई जा रही है। कचरे को इकट्‌ठा करने के लिए कुल 140 ई-रिक्शा भी चलाए जा रहे हैं।

CM शिवराज बोले- गर्व के पल
गांवों की सफाई पर नंबर-1 पर आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया कि यह गर्व के पल है।

भोपाल ने ऐसे पाया मुकाम
भोपाल में कुल 222 ग्राम पंचायतें हैं। जहां पर 170 सेग्रिगेशन शेड, 140 कचरा ई-रिक्शा और 100 हैंड रिक्शा के जरिए डोर-टू-डोर कचरा लेने की शुरुआत की गई। वहीं, गांवों में गंदे पानी की निकासी के इंतजाम किए गए। गीले कचरे से जैविक खाद बनाई गई तो लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया गया।

गांवों में सफाई को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी भी जागरूक है। 21 सितंबर को ही फंदा में कलेक्टर अविनाश लवानिया, जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने आधा घंटे झाड़ू लगाई थी।

गांवों में सफाई को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी भी जागरूक है। 21 सितंबर को ही फंदा में कलेक्टर अविनाश लवानिया, जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने आधा घंटे झाड़ू लगाई थी।

वेस्ट जोन में टॉप स्टेट रहा मध्यप्रदेश

  • स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण में मध्यप्रदेश टॉप परफॉर्मिंग स्टेट रहा। वेस्ट जोन में मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और गोवा भी शामिल हैं। इनमें मप्र आगे निकल गया। दूसरे नंबर पर गुजरात और तीसरे पर महाराष्ट्र रहा।
  • डिस्ट्रिक वाइज रैकिंग की बात करें, तो भोपाल ओवरऑल टॉप डिस्ट्रिक में रहा। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का सिंधु दुर्ग और तीसरे पर इंदौर रहा।
स्वच्छ सर्वेक्षण शहर में नंबर-7 पर रहे भोपाल को सर्टिफिकेट भी मिला था।

स्वच्छ सर्वेक्षण शहर में नंबर-7 पर रहे भोपाल को सर्टिफिकेट भी मिला था।

शहरों में भी एमपी आगे, इंदौर लगातार पांचवें साल पहले स्थान पर
शहरों की सफाई के मामले में मध्यप्रदेश की पोजिशन देशभर में बेहतर है। पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण की बात करें तो इंदौर ने सफाई का पंच लगाया था। यानी, लगातार पांचवें साल इंदौर पहले नंबर पर रहा था। वहीं, भोपाल देश का 7वां सबसे साफ-सुथरा शहर बना था। राजधानी को बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल का खिताब भी मिला है। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भोपाल तीसरे नंबर पर रहा था।

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मध्यप्रदेश के टॉप-20 शहरों में चार महानगर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल थे। इस बार 2 अक्टूबर को परिणाम आएंगे। ऐसे में एक बार फिर सफाई में मध्यप्रदेश के शहर डंका बजा सकते हैं। उससे पहले गांवों की सफाई में डंका बजा है।

पिछले साल घोषित हुए स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में इंदौर नंबर-वन रहा था। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को अवॉर्ड देते हुए।

पिछले साल घोषित हुए स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में इंदौर नंबर-वन रहा था। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को अवॉर्ड देते हुए।

भोपाल के कई गांवों ने लिखी सफाई की इबारत
भोपाल जिले के कुल 466 गांवों में से 300 से अधिक गांव ODF+ घोषित किए हो चुके हैं। इनमें ईंटखेड़ी, खजूरीकलां, फंदा समेत कई गांव शामिल हैं। खजूरीकलां में सफाई के प्रति लोगों की जागरूकता देखते ही बनती है। यहां पर ‘लोटा रेस’ समेत कई जागरूकता के काम हो चुके हैं। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहनों में ही लोग कचरा डालते हैं। नाले-नालियों की सफाई नियमित होती है। अन्य ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा के माध्यम से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। यह जिम्मेदारी महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने संभाली है। कचरे की छटाई का कार्य ग्राम ईंटखेड़ी व एमआरएफ सेंटर में संचालित किया जा रहा है।

देश को चार हिस्सों में बांटा
सहायक परियोजना अधिकारी संदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 के लिए देश को चार हिस्सों में बांटा गया था। इसमें मध्यप्रदेश वेस्ट जोन में शामिल किया गया।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button