SDM-जज के बाद इंदौर में फर्जी क्राइमब्रांच अफसर की कहानी: फेसबुक के जरिए पत्नी को ढूंढ रहा था मैकेनिक, क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर ऐसे ठगा

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इंदौर30 मिनट पहले

इंदौर में फर्जी SDM और फर्जी जज बनकर लोगों को ठगने के बाद क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर ठगने का एक और मामला सामने आया है।

फेसबुक पर अपनी पत्नी और बेटे के गुमशुदा होने की जानकारी देकर लोगों से मदद मांगना इंदौर के एक मैकेनिक को भारी पड़ गया। इस मैकेनिक को शक था कि उसकी पत्नी लव जिहाद का शिकार हुई है। इसका फायदा उठाते हुए एक बदमाश ने मैकेनिक की प्रोफाइल से उसका नंबर ढूंढ़ा और मदद के नाम पर घर पहुंच गया। इसके बाद बदमाश ने जो खेल खेला वह चौंकाने वाला है।

बदमाश के बारे में पढ़ें उससे पहले किरदारों को जान लीजिए
पीड़ित
– गिरीश पुत्र घनश्याम धनोरिया निवासी जबरन कॉलोनी।
ठग – पवन उर्फ पृथ्वीराज उर्फ विक्की पिता निर्मल कुमार बौरासी निवासी दुर्गा नगर बाणगंगा।
केस स्टेटस – आरोपी पवन को इंदौर की रावजी बाजार पुलिस ने सोमवार की शाम गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे पूछताछ चल रही है।

अब ये जान लीजिए कि गिरीश कैसे दो बार पीड़ित बना
बतौर गिरीश करीब एक साल पहले उसकी पत्नी तीन साल के बच्चे के साथ गुमशुदा हो गई। गिरीश को शक है कि उसकी पत्नी लव जिहाद का शिकार हुई है। जब यह बात गिरीश ने फेसबुक पर डाली तो ठग पवन ने उसे भरोसा दिलाया कि वह उसकी पत्नी को ढूंढ निकालेगा।

अब जानिए पूरी कहानी

पवन ने पढ़ी गिरीश की फेसबुक पोस्ट तो खुद ही गिरीश की मदद करने पहुंच गया
फेसबुक पर पीड़ित के पत्नी-बच्चों को ढूंढ रहे मैकेनिक से बदमाश ने खुद संपर्क किया। उसे खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। कहा, मैं तुम्हारी पत्नी-बेटे को ढूंढ़ने में मदद करूंगा। मैं पुलिस के खुफिया विभाग में हूं। …और ऐसे ही केस हेंडल करता हूं। बातों में मैकेनिक का भरोसा जीतता गया और गिरीश से मेल-मुलाकात बढ़ाता गया। इस बीच पवन ये भी (झूठी) दिलासा देता रहा कि तुम्हारी पत्नी की लोकेशन मिली है। हमने अपनी टीम को भेजा है। फिर दो दिन बाद कहता पत्नी और दूसरे लोगों को इसकी भनक लग गई थी, इसलिए वे वहां से भाग गए।

पुलिस अफसरों के वीडियो-मोबाइल नंबर बताकर जीता भरोसा
पवन ने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए पुलिस के कार्यक्रमों के कई वीडियो गिरीश को दिखाए। पवन के मोबाइल में पुलिस अफसरों के मोबाइल नंबर भी सेव थे। उसने ये नंबर सिटीजन कॉप एप से डाउनलोड किए थे। पवन की इन बातों से एक दिन पवन को जब विश्वास हो गया कि गिरीश अब पूरी तरह से उसके कहने में है तो उसने गिरीश से कहा कि पत्नी को ढूंढने में कुछ रुपए खर्च होंगे। यह कहकर वह गिरीश से पैसे लेता गया। जब मैकेनिक गिरीश को पैसे की तंगी हुई तो पवन ने कहा मैं तुम्हें सस्ती दरों पर सबसिडी वाला 5 लाख का लोन दिला देता हूं। पर इसके लिए एक लाख रुपए खर्च करना होंगे। गिरीश ने पवन को एक लाख रुपए भी दे दिए। और घर की रजिस्ट्री सहित अन्य डॉक्यूमेंट भी हथिया लिए।

यहां पढ़िए पवन के गिरफ्तार होने की कहानी

पुलिस चौकी पर बुलाकर लेता था पैसे
आरोपी पवन बौरासी रुपए लेने के लिए गिरीश को चंदन नगर चौकी, मरीमाता पुलिस चौकी, कोर्ट परिसर, नगर निगम और संगम नगर झोन पर उसे बुलाता था। पवन दो असली पुलिसकर्मियों को लेकर भी गिरीश के घर पर रुपए लेने पहुंचा था।

…तुम्हारा इनकाउंटर कर दूंगा, लाश का पता भी नहीं चलेगा
जब गिरीश ने कहा कि मुझे लोन नहीं मिला तो मेरे घर की रजिस्ट्री और दूसरे सभी डॉक्यूमेंट दे दो। तब पवन ने गिरीश की बेल्ट से पिटाई कर दी। कहा- तुम्हारा इनकाउंटर कर दूंगा। लाश भी ऐसी जगह ठिकाने लगाउंगा कि कोई ढूंढ नहीं पाएगा।

मोबाइल नंबर और फोटो सौंपे
इस मामले में गिरीश और उसके परिवार ने दो माह पहले हिम्मत दिखाई। पहले वे रावजी बाजार थाने और अन्य पुलिस अफसरों के चक्कर लगाता रहा। बाद में क्राइम ब्रांच के अफसरों से मिला और पवन का फोटो बताया। लेकिन क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने पवन को पहचानने से इंकार कर दिया। गिरीश ने पूरी कहानी बनाई तो पुलिस ने पवन को दबोचने का पूरा प्लान तैयार किया। गिरीश ने पुलिस को आरोपी पवन का मोबाइल नंबर और फोटो भी दिया। पुलिस ने इस आधार पर आरोपी पवन को संगम नगर इलाके से पकड़ लिया।

फर्जी SDM की कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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क्राइम ब्रांच के नकली सिपाही का वीडियो हुआ था वायरल
कुछ दिन पहले लसूडिया इलाके में भी क्राइम ब्रांच के नकली सिपाही का वीडियो वायरल हुआ था। वह एक्टिवा सवार को रोककर चोरी की गाड़ी होने की बात करते हुए थाने जाने की धमकी दे रहा था। एक्टिवा चालक ने समझदारी से उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। बाद में पुलिस के पास भी यह वीडियो पहुंचा था। बाद में पुलिस ने इस फर्जी सिपाही को थाने बुलाकर माफी भी मंगवाई थी। सूत्रों के मुताबिक इस नकली सिपाही का रिश्तेदार क्राइम ब्रांच में पदस्थ है, इसलिए पुलिस ने उसे माफी मंगवाकर छोड़ दिया।

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