ड्रोन से नैनो यूरिया तरल के छिड़काव को देख रोमांचित हुए ग्रामीण
महासमुंद ,7 सितम्बर। विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको द्वारा ग्राम झालखमरिया जिला महासमुंद मे विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल का उपयोग धान फसल मे ड्रोन से शुरू करवाया गया है। किसानो द्वारा बड़ी संख्या मे ग्राम झालखमरिया मे प्रगतिशील कृषक हरिकृष्ण भार्गव के खेत पर पहलीवार ड्रोन से नैनो यूरिया तरल के स्प्रै को देखकर रौंमाच का अनुभव किया।
इफको के प्रयास से छत्तीसगढ राज्य मे प्रथम वार जिला महासमुंद से ङ्रौन तकनीकका प्रदर्शन का शुभारंभ किया गया है। ङ्रौन द्वारा एक एकड़ धान फसल मे मात्र 08-10 मिनिट मे नैनो यूरिया का स्प्रै पूर्ण किया गया। जबकि लेबर द्वारा इसी कार्य को करने मे लगभग 1घंटे से ज्यादा समय लगता है।
कलेक्टर निलेश कुमार ने कहा कि जिले के प्रत्येक किसान को नैनो यूरिया के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाए। किसानों को अब खेत में 45 किलोग्राम का बैग ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए नैनो यूरिया तरल की 500 एमएल बोतल ही काफी रहेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण व गुणवत्ता के लिहाज से यह अच्छी है। यूरिया का अधिक प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता में कमी आती है तथा मृदा स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचता है। नैनो यूरिया तरल का संतुलित इस्तेमाल फसलों को मजबूत व स्वस्थ्य बनाता है और ये सस्ता भी है. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी।
इफको द्वारा लगभग 10 एकड़ धान फसल मे नैनो यूरिया तरल का ङ्रौन द्वारा स्प्रै करवाया गया है। इफको नैनो यूरिया तरल भारत सरकार द्वारा अनुमोदित विश्व का पहला नैनो उर्वरक है जोकि एफसीओ द्वारा प्रमाणित एंव पर्यावरण हितेषी उर्वरक है ,जिसकी 500 मिली की एक बाटल की ताकत लगभग एक बोरी यूरिया के बराबर है। इसके उपयोग से धान फसल मे कीट-रोग प्रकोप बहुत कम होता है और गुणवत्ता मे सुधार होता है।
किसान भाई नैनो यूरिया का उपयोग किसी भी फसल मे ,सब्जीयो मे या फल-फूल वाली सभी किस्मो मे रौपाई या बुआई के 40-45 दिन बाद स्प्रै द्वारा कर सकते है।

कार्यक्रम मे क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक प्रमोद साकरकर,श्याम साकरकर,हरिकृष्ण भार्गव ,धर्मेन्द्र साकरकर , जूगनु चन्द्राकर जिला जनपद सदस्य, लोकेश चन्द्राकर जिला जनपद सदस्य, भोजराम साहू -समिति प्रबंधक झालखमरिया, इफको से ङा.एस.के सिंग ,मुख्य प्रबंधक(कृ.सेवाए) रायपुर , ङ्रौन प्रदायक कम्पनी रायपुर से कंचन श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम मे क्षेत्र के लगभग 150-200 कृषको ने ङ्रौन प्रदर्शन का अवलोकन किया। कार्यक्रम मे कृषि विभाग एंव केवीके महासमुंद से अधिकारीगण एंव कृषक मित्र उपस्थित रहे।कार्यक्रम का आयोजन ङीङीए महासमुंद अमित मौहंती एंव राजेश कुमार गोले ,मुख्य क्षेत्र प्रबंधक इफको महासमुंद द्वारा किया गया।
यह एक एकड़ की फसल के रकबे में महज 10 मिनट में रसायन स्प्रे का काम पूरा कर सकता है. ड्रोन 250 पार्टिकल प्रति इंच छिड़काव की क्षमता रखता है, जो परम्परागत छिड़काव पद्धति से कई गुना अधिक है. इससे नैनो यूरिया की खपत भी कम होगी, साथ ही पौधे की पत्तियों द्वारा यूरिया का पूर्ण अवशोषण भी होगा। इफको द्वारा किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नैनो तरल यूरिया (Nano Urea liquid) तैयार किया गया है, जो फसलों के लिए पारंपरिक यूरिया का अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया लिक्विड पारंपरिक रूप से उपयोग किए जा रहे दानेदार यूरिया से सस्ता है तथा पर्यावरण के अनुकूल है।