किसानों को अयोग्य बता सम्मान निधि का पैसा वापस ले रही सरकार- कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि किसान सम्मान निधि को इस सरकार ने किसान अपमान विधि बना दिया है। प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने औद्योगिक दोस्तों का करोड़ों का कर्ज माफ कर रही है।

कांग्रेस ने दावा किया है कि केंद्र सरकार उन किसानों को नोटिस जारी कर रही है जो कि पीएम-किसान योजना के लिए योग्य नहीं हैं। पार्टी की तरफ से कहा गया कि सरकार गरीब अन्नदाताओं से रिकवरी भी करने वाली है। विपक्षी दल ने दावा किया कि सरकार एक तरफ अपने उद्योगपति दोस्तों को करोड़ों रुपये का कर्ज दे रही है और दूसरी तरफ किसानों से पैसा वापस ले रही है। 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के  प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जो भी किसान सम्मान निधि के लिए योग्य नहीं हैं सरकार ने उनपर कार्रवाई करना और पैसा वापस लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, यह किसान सम्मान निधि नहीं बल्कि ‘किसान अपमान विधि’ योजना है। जो सरकार अपने उद्योगपित दोस्तों का करोड़ों का कर्ज माफ कर रही है वही अन्नदाताओं से पैसा वापस ले रही है।

बता दें कि साल 2019 में मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी।  लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह योजना लॉन्च की गई थी। चुनाव से पहले किसानों के खाते में इस योजना के तहत एक किस्त भी पहुंच गई थी। कांग्रेस का कहना है कि सरकार की लिस्ट में दो करोड़ लोग हैं जो कि इस योजना के लिए अयोग्य हैं। ऐसे में किसानों को नोटिस भेजा जा रहा है कि वे पैसा लौटा दें।

क्या है सच
सरकार ने कहा है कि कुछ अपात्र लोगों कभी पीएम सम्मान निधि के पैसे मिल गए हैं। इस संबंध में अडवाइजरी जारी  की गई है कि वे धनराशि वापस कर दें। वेब  पोर्टल पर भी पैसे वापस करने का ऑप्शन दिया गया है। बता दें कि किसान सम्मान निधि के लिए कुछ क्राइटीरिया तय किया गया था। कुछ लोग जो इनकम टैक्स देते हैं वे भी इस योजना का लाभ ले रहे थे। ऐसे में उनके लिए वापसी की स्कीम चलाई गई है। कई जगहों पर ऐसे लोगों को नोटिस भी दिया गया है। 

उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले सिंह ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश को तुरंत सूखाग्रस्त प्रदेश घोषित करे क्योंकि इस वर्ष औसत वर्षा से 44 प्रतिशत कम वर्षा अभी तक हुई है। इस कारण से खरीफ की सभी फसलें सूख गई हैं।’

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से यह आग्रह भी किया, ‘प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने के बाद प्रदेश के समस्त किसानों को उनकी फसलों का मुआवजा तुरंत प्रदान किया जाए। किसानों के समस्त कृषि देय, जैसे- कृषि उपकरण, खाद, बीज, कीटनाशक के ऋण पर 6 माह (अगली फसल तक) के लिए ब्याज स्थगित किया जाए। समस्त क्रेडिट कार्ड (केसीसी) किसानों का ब्याज भी स्थगित किया जाए।’