कचरा गाड़ी में भ्रूण फेंकने पर पुलिस को शक: अटैची में फेंकते कोई तो देखता, कचरा गाड़ी कर्मचारियों ने भी नहीं देखा, फिर कचरा प्लांट तक कैसे आया!

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इंदौरएक घंटा पहले
पांच माह के भ्रूण का मामला चार दिन बाद भी अनसुलझा है। कई जगह पूछताछ और सीसीटीवी देखने के बाद पुलिस की सुई अब कचरा प्लांट पर आ टिकी है। पुलिस को शक है कि भ्रूण को कचरा गाड़ी में नहीं फेंका गया होगा। संभावना है कि भ्रूण को कचरा प्लांट पर ही कोई फेंक कर गया है।
पुलिस के इस शक के पीछे पूछताछ से निकलकर आई थ्योरी है। पुलिस का मानना है कि कचरा गाड़ी में दो लोग चलते हैं। एक गाड़ी चलता है जबकि दूसरा गाड़ी में कचरा डालने के लिए गाड़ी के साथ चलता है। कचरा गाड़ी कर्मचारी गीला-सूखा कचरा भी दूर से पहचान लेते हैं। ऐसे में यदि कोई प्लास्टिक में भ्रूण फेंकता है तो कर्मचारी की नजर में वहीं आ जाता। कचरा गाड़ी कर्मचारियों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई है। अब साथ ही पुलिस एरोड्रम इलाके के अस्पतालों के रिकॉर्ड की जानकारी बुला रही है, ताकि गर्भवती महिलाओं या डिलीवरी होने की कुछ जानकारी मिल सके।
इसलिए पुलिस जता रहे ये आशंका…
एरोड्रम टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक छोटा बांगड़दा स्थित कचरा प्लांट पर ये भ्रूण मिला। यह कचरा प्लांट काफी सुनसान जगह पर है। यहां आसपास कोई सीसीटीवी कैमरे भी नहीं है। इसलिए यहां भ्रूण फेंके जाने की आशंका ज्यादा है। ये भी हो सकता है कि दूसरे क्षेत्र से भ्रूण को लाकर यहां फेंक दिया गया हो।

मुखबिर तंत्र के भरोसे, केस दर्ज करेगी पुलिस
फिलहाल पुलिस इस मामले में मुखबिर तंत्र के भरोसे है। इस घटना की जानकारी के लिए पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को एक्टिव कर दिया है। मुखबिरों के साथ ही पुलिस साहू नगर और पंचवटी नगर जहां से भ्रूण को कचरा गाड़ी में डाले जाने की संभावना जताई जा रही है। यहां भी पुलिस जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। टीआई शुक्ला का कहना है कि फिलहाल पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है। पीएम रिपोर्ट मिलते ही इस मामले में केस दर्ज किया जाएगा।
अस्पतालों से लेंगे रिकॉर्ड
एसीपी राजीव सिंह भदौरिया के मुताबिक पहले एरोड्रम क्षेत्र के प्राइवेट, सरकारी अस्पतालों व क्लिनिक से रिकॉर्ड निकाला जाएगा। इसमें भी पिछले पांच से सात माह के बीच का रिकॉर्ड निकलवाया जाएगा। साथ ही अगर किसी डिलीवरी कुछ दिनों पहले हुई है तो उसकी भी जानकारी ली जाएगी। अस्पतालों से डेटा कलेक्ट किया जाएगा। इसके बाद इन गर्भवती महिलाओं का वैरिफिकेशन भी करवाया जाएगा। ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

कचरा प्लांट से पुलिस ने बरामद किया था भ्रूण।
सोमवार को मिला था कचरा प्लांट में भ्रूण
सोमवार को छोटा बांगड़दा स्थित कचरा प्लांट में पांच माह का ये भ्रूण मिला था। पहले ये संभावना जताई जा रही थी यह नवजात बच्ची है। मगर मंगलवार को जिला अस्पताल में पीएम के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह पांच माह का भ्रूण है। कचरा प्लांट में प्लास्टिक में लिपटी हुई हालत में ये भ्रूण उस वक्त मिला था जब यहां महिलाकर्मी गीला और सूखा कचरा अलग कर रही थी। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। हालांकि पिछले कुछ में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते पुलिस इस मामले में ज्यादा छानबीन नहीं कर सकी थी।
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