Chhattisgarh

21 नवंबर 2024 को विश्व मत्स्य दिवस एवं विशाल मछुआरा सम्मेलन बिलासपुर में – सेवक राम तारक

छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ के बेनरतले आगामी 21 नवंबर 2024 को बाजपेयी मैदान बिलासपुर में प्रातः 11:30 बजे 5वां विश्व मत्स्य दिवस अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन किया जा रहा है। मछुआरा सम्मेलन अपनी दो प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलनरत है, जिसमें मछुआरा समाज के केवट, धीवर, कल्हार, मल्हार जैसे जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने से संबंधित है। मछुआ महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री एम.आर.निषाद के नेतृत्व में प्रदेश संगठन मंत्री श्री सेवक राम तारक, प्रदेश प्रभारी मोतीलाल हिरवानी, महिला प्रभारी संतोषी निषाद, भीमसेन तारक, ध्रुव कुमार मीनपाल, श्री मति रीना निषाद इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ के समस्त प्रदेश पदाधिकारी जिला पदाधिकारी क्षेत्रीय पदाधिकारी युवा, महिला पदाधिकारी गण वरिष्ठ प्रबुद्धजन इस सम्मेलन में अपनी प्रमुख मांगों के साथ उपस्थित हो रहे हैं।

21 नवंबर 2024 विश्व मत्स्य की दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन


स्थान-: बाजपेई मैदान प्रताप चौक तिलक नगर राम मंदिर के सामने बिलासपुर छत्तीसगढ़ दिन गुरुवार समय प्रातः 11:30 बजे से

प्रदेश संगठन मंत्री सेवक राम तारक (जिला धमतरी) ने अपील करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ कल्याण समिति के समस्त प्रदेश पदाधिकारी जिला पदाधिकारी क्षेत्रीय पदाधिकारी युवा महिला पदाधिकारी गण वरिष्ठ जन प्रबुद्ध जन माता एवं बहनों आप सभी को सूचित किया जाता है कि आगामी 21 नवंबर को विश्व मत्स्यकी दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन का आयोजन बिलासपुर में किया जा रहा है। इस सम्मेलन में हमारी प्रमुख मांग अनुसूचित जनजाति आरक्षण पर चर्चा परिचर्चा कर भारत शासन द्वारा 7 जनवरी 1950 को जारी माझी जनजाति अंतर्गत केवट ढीमर मल्लाह भोई को शामिल किया गया था जिसे बाद में एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत विलोपित कर दिया गया। अपने हक एवं अधिकार की लड़ाई के लिए संगठित शक्ति का अधिक से अधिक प्रदर्शन करना नितांत आवश्यक है। सभा समापन के पश्चात एक विशाल रैली के जरिये अपनी मांगों के संदर्भ में कलेक्टर बिलासपुर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन सौपा जाएगा। जिसमें हमारी ताकत दिखाई देना जरूरी है।


अतः समस्त जिला पदाधिकारी गण से अनुरोध है कि वे अपने क्षेत्र में बैठक लेकर अधिक से अधिक संख्या में स्वजातीय बंधुओ को बिलासपुर सभा स्थल में अपनी उपस्थिति देने के लिए प्रेरित करें ताकि कार्यक्रम सफल हो सके।

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